दुनिया को ‘कैशलेस’ करने को तैयार भारत का यूपीआई सिस्टम

दुनिया को ‘कैशलेस’ करने को तैयार भारत का यूपीआई सिस्टम
UPI Payment: 2016 में कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए यूपीआई को लॉन्च किया गया और 7 वर्षों में डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में इसने क्रांति ला दिया.

पूरी दुनिया में छाने को तैयार UPI!

श्रीलंका दौरे पर गई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने गुरुवार 2  नवंबर, 2023 को एक कार्यक्रम में ऐलान किया कि जल्द ही श्रीलंका में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (Unified Payment Interface) की शुरुआत की जाएगी. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के सीईओ आशीष चौहान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘वित्त वर्ष 2022-23 में 1.7 ट्रिलियन डॉलर का ट्रांजैक्शन देखने को मिला है. भारत का यूपीआई पूरी दुनिया को रास आ रहा है. जापान, सिंगापुर, यूएई, फ्रांस, यूके और जापान यूपीआई को अपने देशों में अपनाना चाहती है. मार्च 2024 में ये वित्त वर्ष जब खत्म होगा तो अगले 6 महीने में यूपीआई ट्रांजैक्शन में और भी ज्यादा ग्रोथ देखने को मिलेगा. इस वर्ष यूपीआई ट्रांजैक्शन नया रिकॉर्ड बनाएगा.’  

विदेशी राजनयिकों को भा गया यूपीआई 

भारत आने वाले राजनयिकों को यूपीआई को कैसे भा रहा इसकी एक झलक पिछले दिनों तब देखने को मिली जब जर्मन दूतावास ने X (ट्विटर) पर एक तस्वीर को साझा किया था. जर्मनी के संघीय डिजिटल और परिवहन मंत्री वोल्कर विसिंग सब्जी की एक दुकान पर खरीददारी करते हुए दिखे और उन्होंने खुद यूपीआई के जरिए डिजिटली पेमेंट भी किया. 

 

UPI सबसे सफल डिजिटल पेमेंट सिस्टम 

सात साल पहले अप्रैल 2016 में यूपीआई यानि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस को नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने लॉन्च किया था. यूपीआई इंस्टैंट पेमेंट सिस्टम है जिसके जरिए एक व्यक्ति मोबाइल फोन के जरिए किसी भी दूसरे व्यक्ति या मर्चेंट को फौरन डिजिटल पेमेंट कर सकता है. यूपीआई ने भारत में डिजिटल पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर की दुनिया को ही बदलकर रख दिया. बल्कि यूं कहें तो इस डिजिटल पेमेंट के मामले में भारत ने यूपीआई के जरिए जो ख्याति हासिल किया है वो किसी क्रांति से कम नहीं है. देश में कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए एनपीसीआइ, रिजर्व बैंक आफ इंडिया व इंडियन बैंक्‍स एसोसिएशन ने मिलकर यूपीआई की शुरुआत की थी. यूपीआई ट्रांजैक्शन इसलिए भी लोकप्रिय हो गई क्योंकि ट्रांजैक्शन करने के लिए बैंक अकाउंट, डेबिट या क्रेडिट कार्ड की आवश्यकता नहीं पड़ती है. कोई भी यूजर मोबाइल फोन पर ऐप के जरिए 24 घंटे सीधे अपने बैंक एकाउंट से पेमेंट कर सकता है. महज सात वर्षों में यूपीआई दुनिया का सबसे सफल डिजिटल पेमेंट सिस्टम बन चुका है. 

कैशलेस इकोनॉमी को मिला बढ़ावा

8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को वापस लेते हुए नोटबंदी का ऐलान किया उसके बाद से देश में कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देते हुए डिजिटल पेमेंट पर सरकार ने जोर देना शुरू किया. डिजिटल लेनेदेन को बढ़ाना देने के लिए सरकार ने शुरूआती दिनों में कैशबैक जैसे ऑफर भी निकाले. कोविड महामारी के चलते देश में मार्च 2020 में जब लॉकडाउन लगा और लोग घरों में बंद होने को मजबूर हो गए. तब कोरोना के चलते लोग नोट लेने देने से परहेज करने लगे थे. उस दौरान सबसे ज्यादा डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा मिला था. 2022 में देश में कुल डिजिटल पेमेंट में यूपीआई के जरिए किए जाने वाले ट्रांजैक्शन की हिस्सेदारी 50 फीसदी से ज्यादा पार कर गई जो डेबिट-क्रेडिट कार्ड से किए जाने वाले ट्रांजैक्शन से करीब 5 गुना ज्यादा था.  

सड़क किनारे चाय बेचने वाला हो या समोसे बेचने वाला. ई-रिक्शा चलाने वाला या ठेले पर सब्जी बेचने वाला हो या फिर कोई ग्रॉसरी शॉप, इन मर्चेंट्स को पेमेंट करने के लिए आपको जेब में वॉलेट या नगद ले जाने की जरुरत नहीं है. मोबाइल फोन के जरिए यूपीआई के माध्यम से आप डिजिटल पेमेंट कर कर सकते हैं. इसका फायदा ये भी है कि आपको जेब में खुल्ले पैसे रखने की जरुरत भी नहीं है.   

अक्टूबर में रिकॉर्ड UPI ट्रांजैक्शन 

एनपीसीआई ने अक्टूबर 2023 के लिए यूपीआई ट्रांजैक्शन का जो डेटा जारी किया है उसके मुताबिक अक्टूबर महीने में 17.6 लाख करोड़ रुपये के कुल 1140 करोड़ यूपीआई ट्रांजैक्शन हुए हैं जो कि नया रिकॉर्ड है. इसी के साथ ट्रांजैक्शन वॉल्यूम के मामले में साल दर साल 55 फीसदी का ग्रोथ देखने को मिला है. जबकि ट्रांजैक्शन वैल्यू के मामले में 42 फीसदी का ग्रोथ रहा है.

 

इसी वर्ष अगस्त महीने में यूपीआई ने 10 बिलियन यूपीआई ट्रांजैक्शन के रिकॉर्ड को पहली बार हासिल किया था. ये माना जा रहा कि त्योहारी सीजन के चलते नवंबर महीने में और भी ज्यादा यूपीआई ट्रांजैक्शन देखने को मिल सकता है. सितंबर महीने में मुंबई में हुए ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में एनपीसीआई के प्रमुख दिलीप आस्बे ने कहा था कि 2030 तक यूपीआई के जरिए हर दिन 2 बिलियन यूपीआई ट्रांजैक्शन का लक्ष्य रखा है. 

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