डिजिटल धोखाधड़ी: क्रिप्टो की बढ़ती लोकप्रियता के बीच ठगों के जाल में फंस रहे पढ़े-लिखे लोग

डिजिटल धोखाधड़ी: क्रिप्टो की बढ़ती लोकप्रियता के बीच ठगों के जाल में फंस रहे पढ़े-लिखे लोग
क्रिप्टो करेंसी की बढ़ती लोकप्रियता ने गैरकानूनी चीजें खरीदने को बढ़ावा तो दिया ही है, क्रिप्टो के जरिये ठगी के मामले भी बढ़ रहे हैं।
डिजिटल लेन-देन के दौरान तो लोग ठगी के शिकार हो ही रहे हैं, अब ठग क्रिप्टो के जरिये पैसे को चौगुना और पांच गुना करने का लालच देकर भी लोगों को ठग रहे हैं। क्रिप्टो के जरिये ठगी का शिकार बनने वाले अधिकांश लोग पढ़े-लिखे हैं। इन ठगों का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क है, जिसका संचालन भारत से किया जा रहा है। ठगी के लिए टेलीग्राम या व्हाट्सएप ग्रुप का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। क्रिप्टो से की जा रही ठगी में ज्यादातर चीनियों की लिप्तता है। इसका कारण यह है कि वहां 2016 की तुलना में 2023 में कामगारों के वेतन में उल्लेखनीय कमी आई है, साथ ही, बेरोजगारी भी बढ़ रही है।

क्रिप्टो करेंसी एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा है, जो भौतिक रूप में उपलब्ध नहीं होती। इसे किसी टकसाल में ढाला नहीं जा सकता, इसलिए इसका लेन-देन दूसरी मुद्राओं की तरह वैधानिक नहीं है। इस पर नियंत्रक का किसी तरह का कोई नियंत्रण नहीं होता है। इसके अधिकांश उपयोगकर्ता गुमनाम रहकर इसका लेन-देन करते हैं। बिटक्वाइन, कारडानो, इथेरियम, रिपल, लिटेक्वाइन, स्टीम, डैश, डोजेक्वाइन आदि क्रिप्टो करेंसीज हैं। इनमें बिटक्वाइन सबसे लोकप्रिय है। यूरो, अमेरिकी डॉलर, पाउंड आदि की तुलना में क्रिप्टो करेंसी के मूल्य में तेजी से इजाफा हो रहा है।

क्रिप्टो से ठगी में पहले ऐप या पोर्टल पर निवेशकों का खाता खुलवाया जाता है। शुरू में निवेशकों द्वारा निवेश की गई छोटी रकम को दोगुना या तिगुना कर दिया जाता है। भरोसा जीतने के बाद निवेशकों को बड़ी रकम जमा करने को कहा जाता है। जैसे ही निवेशक वॉलेट में बड़ी रकम जमा करते हैं, उसे तुरंत दूसरे खाते में अंतरित कर दिया जाता है या फिर होल्ड लगा दिया जाता है। आम तौर पर ठगी गई रकम विदेश भेज दी जाती है। ऐसे लोग धन शोधन (एएमएल) और काउंटर फाइनेंसिंग ऑफ टेरेरिज्म (सीएफटी) में भी लिप्त होते हैं। वित्त मंत्रालय ने बाइनेंस समेत कई दोषी क्रिप्टो एक्सचेंज को इस मामले में नोटिस दिया है।

ठगी के लिए इस्तेमाल किए जा रहे यूआरएल को ब्लॉक करने की दिशा में भी सरकार काम कर रही है। अपने यहां क्रिप्टो के जरिये साइबर अपराध, डिजिटल धोखाधड़ी सीएफटी और धनशोधन जैसी वारदातों को भी अंजाम दिया जा रहा है। क्रिप्टो करेंसी की बढ़ती लोकप्रियता ने गैरकानूनी चीजें खरीदने में इसके प्रयोग को बढ़ावा दिया है।

वैश्विक ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म चेन एनालिसिस के अनुसार, क्रिप्टो करेंसी के लेन-देन के मामले में अमेरिका के बाद ब्रिटेन, तुर्किये और रूस को पीछे छोड़ते हुए भारत दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है। भारत में क्रिप्टो करेंसी के कॉइनडीसीएक्स, कॉइनस्विच, वजीरएक्स, बाययूकॉइन, जेबपे, गियोटस, उनोकॉइन आदि एक्सचेंज अपना परिचालन कर रहे हैं। क्रिप्टो एक्सचेंज स्टॉक एक्सचेंज की तरह निवेशकों को डिजिटल मुद्राओं में खरीदने-बेचने में मदद करता है।

भारत में क्रिप्टो एक्सचेंज के परिचालन के लिए पंजीकरण कराना जरूरी है, लेकिन यहां सिर्फ 31 क्रिप्टो एक्सचेंजों ने ही फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (एफआईयू) के पास पंजीकरण कराया है। कई क्रिप्टो एक्सचेंज भारत में बिना पंजीकरण के गैर कानूनी तरीके से कारोबार कर रहे हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के 10 शहरों में क्रिप्टो करेंसी के लगभग 60 प्रतिशत निवेशक निवास करते हैं। देश क्रिप्टो में सर्वाधिक निवेश करने वाले पांच शहर क्रमशः दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, लखनऊ और पटना हैं। क्रिप्टो में निवेश करने वाले टियर 2 शहरों में पटना और लखनऊ अग्रणी हैं। इसमें महिलाएं भी पीछे नहीं हैं।

दुनिया भर में जिस रफ्तार से डिजिटलाइजेशन हो रहा है, उसमें क्रिप्टो करेंसी के प्रसार को रोका नहीं जा सकता है। हालांकि, वैश्विक स्तर पर भारत जैसे अनेक देश हैं, जहां क्रिप्टो करेंसी की संकल्पना से ज्यादातर लोग अनजान हैं। फिर भी, आने वाले दौर में इसकी स्वीकृति बढ़ने की उम्मीद है। बदले परिवेश में, दुनिया भर की सरकारें क्रिप्टो करेंसी को विनियमित करने के तरीकों की तलाश कर रही हैं, जिनमें से कुछ ने नए नियम और कानून भी बनाए हैं। 

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