MP सरकार के 26 विभागों की खर्च लिमिट तय …

MP सरकार के 26 विभागों की खर्च लिमिट तय …
नगरीय विकास के लिए 3 माह जीरो बजट, महिला बाल विकास की लाड़ली का भी उल्लेख नहीं

आठ विभागों के लिए तो यह लिमिट तय की गई है कि वे सिर्फ पीआईयू के द्वारा बनाए जाने वाले भवनों का पेमेंट ही कर सकेंगे। इन विभागों के लिए जनवरी, फरवरी और मार्च में किए जाने वाले बजट की राशि भी घोषित कर दी गई है।

पहले से ही वित्तीय संकट के चलते 38 विभागों को वित्त विभाग की परमिशन के बगैर भुगतान करने पर रोक लगा चुकी सरकार द्वारा अब 26 विभागों की लिमिट तय करने को वित्तीय मैनेजमेंट से जोड़ा जा रहा है। इसमें सबसे अधिक 2055 करोड़ रुपए लोक निर्माण विभाग और 1255 करोड़ रुपए जल संसाधन विभाग के लिए तय किए गए हैं।

सबसे खराब स्थिति तो नगरीय निकायों के मामले में है। नगरीय विकास के लिए तीन माह में व्यय सीमा जीरो रखी गई है। इसके चलते शहरी इलाकों में सड़कों व अन्य अधोसंरचना के काम पर असर पड़ना तय है। इसी तरह पर्यटन और पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के लिए भी तीन माह में पूंजीगत मद में व्यय सीमा जीरो रखी गई है। पूंजीगत व्यय वह राशि है जिसका उपयोग व्यवसाय लंबी अवधि की संपत्ति खरीदने, बनाए रखने या बढ़ाने के लिए करते हैं।

इन विभागों के लिए यह है 3 माह में खर्च की लिमिट

विभाग जनवरी फरवरी मार्च कुल स्वीकृत
पीएचई 753 119 119 991
पीडब्ल्यूडी 685 685 685 2055
जल संसाधन 418 418 419 1255
ऊर्जा 78 78 79 235
नर्मदा घाटी 269 269 269 807
स्कूल शिक्षा 100 100 100 300
नगरीय विकास 0 0 0 0
ग्रामीण विकास 197 197 197 591
जनजातीय कार्य 27 27 26 80
वन 146 146 147 439
चिकित्सा शिक्षा 36 36 37 109
स्वास्थ्य 172 69 68 309
औद्योगिक नीति 92 92 92 276
तकनीकी शिक्षा 53 52 52 157
उच्च शिक्षा 69 69 68 206
गृह 68 68 67 203
खेल एवं युवक 54 54 54 162
संस्कृति 38 37 37 112
राजस्व 29 29 28 86
अजा कल्याण 26 26 25 77
महिला एवं बाल विकास 17 17 16 50
साइंस & टेक्नालाजी 17 16 16 49
एमएसएमई 15 14 14 43
पर्यटन 0 0 0 0
ओबीसी 0 0 0 0
फूड 11 10 10 31
टोटल 3370 2628 2625 8623

​​​​​नोट: राशि करोड़ रुपए में।

सिर्फ PIU के पेमेंट के लिए राशि खर्च कर सकेंगे ये विभाग

वित्त विभाग द्वारा जारी बजट के मुताबिक कई विभागों को सिर्फ पीआईयू (प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेशन यूनिट) के पेमेंट के लिए ही राशि जारी की गई है। इनमें स्कूल शिक्षा, जनजातीय कार्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा, हेल्थ, तकनीकी शिक्षा-कौशल विकास और रोजगार विभाग, उच्च शिक्षा, राजस्व और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग शामिल हैं। पीआईयू द्वारा इन विभागों के अधोसंरचना के काम किए जा रहे हैं। इसमें अस्पताल, लैब, प्रशिक्षण स्थल, छात्रावास, स्कूल आदि भवनों का निर्माण शामिल है।

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