फूड सेफ्टी कमिश्नर को हाईकोर्ट ने फटकारा ?
फूड सेफ्टी कमिश्नर को हाईकोर्ट ने फटकारा, कहा तुम लोग आइवरी टावर पर बैठे हो, जमीनी हकीकत नहीं दिखती
हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ की युगलपीठ में बुधवार को मिलावट के मामले में कोर्ट के आदेश की अवमानना के मामले में सुनवाई हुई, जिसमें प्रदेश के फूड सेफ्टी कमिश्नर डा सुदाम खडे पेश हुए ।
- मिलावट के मामले मे फूड सेफ्टी कमिश्नर हाइकोर्ट की यूगल पीठ के सामने पेश हुए
- जस्टिस आर्या ने कहा ‘ यहां सेंपलिग के नाम पर मजाक हो रहा है, चिंता की बात यह है
ग्वालियर. । हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ की युगलपीठ में बुधवार को मिलावट के मामले में कोर्ट के आदेश की अवमानना के मामले में सुनवाई हुई, जिसमें प्रदेश के फूड सेफ्टी कमिश्नर डा सुदाम खडे पेश हुए । हाईकोर्ट ने कमिश्नर को कडे शद्बों में समझाते हुए कहा कि ‘ आपको मालूम भी है कि आपके अधिकारी किस तरह से रेड मारते हैं? कैसे सेंपल लेते हैं और उन्हें संरक्षित करते हैं?’ इस पर तपाक से जवाब देते हुए संबंधित अधिकारी सेंपलिंग की प्रोसेस समझाने लगे। जिस पर नाराजगी जताते हुए जस्टिस आर्या ने कहा ‘ यहां सेंपलिग के नाम पर मजाक हो रहा है, चिंता की बात यह है कि अधिकारी सेंपल लेकर पूरा माल उसी व्यक्ति को वापस कर देता है।’ तुम लोग भोपाल में आइवरी टावर पर बैठे रहते हों , तुम्हें जमीनी हकीकत नहीं दिखती ।
यहां बता दें कि एडवोकेट उमेश कुमार बोहरे ने हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में ग्वालियर चंबल संभाग में सक्रियता से चल रहे मिलावट के कारोबार को लेकर याचिका दायर की थी। इस याचिका की सुनवाई हुई और सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस संबंध में दिशा निर्देश भी जारी किए थे, लेकिन मुख्य सचिव ने कुछ नहीं किया। इसके बाद इस मामले में अवमानना दायर की गई, जिस पर वर्तमान में सुनवाई चल रही है।
पीएससी को पार्टी बनाएं
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान न्यायमित्र पवन द्विवेदी ने एक आवेदन पेश कर पीएससी को भी इस मामले में पार्टी बनाए जाने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की। उन्होंने कहा कि पीएससी को 77 फूड सेफ्टी आफीसरों के रिक्त पड़े पद भरना थे, इसके लिए राज्य सरकार भी मांग कर चुकी है। बता दें इस आवेदन को भी हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
अब तक मुक्तिधाम चले जाते
जस्टिस आर्या ने फूड सेफ्टी कमिश्नर को चिंता भरे स्वर में कहा कि हर एक त्यौहार पर अापके कलेक्टर और फूड आफीसर ही बताते हैं कि इतने सौ किलो मावा और इतना घी पकड़ा गया क्या सब इतना आसानी से या कहें कि इतना शराफत से काम चल रहा होता मिलावट से मुक्ति की तरफ ताे हम सभी मुक्तिधाम चले जाते अब तक तो । अरे काहे की मुक्ति, आप मिलावट की चुनौती ही नहीं फेस कर पा रहे हो। अब तक यह सुध नहीं आई 52 जिलों में 15 मोबाइल टेस्टिंग वैन क्या कर लेंगी ? जब आपकी कार्यप्रणाली ऐसी रहेगी तो यहां कौन काम करेगा ? आप आए हो तो इतनी बात हो भी रही है , वर्ना आपके अधिकारियों को तो कुछ पता भी नहीं होता।