मरीजों की दलाली, बिल में 40 फीसदी हिस्सा ! गोरखपुर में मेडिकल माफिया का बड़ा नेटवर्क है.
मरीजों की दलाली, बिल में 40 फीसदी हिस्सा, सब्जी विक्रेता से करोड़पति बने दलाल की कहानी
गोरखपुर में मेडिकल माफिया का बड़ा नेटवर्क है. मेडिकल माफिया के दलालों ने बीआरडी अस्पताल तक को भी अपने शिकंजे में लिया है. इस अस्पताल में आने वाले मरीजों को ये दलाल बहला फुसलाकर निजी अस्पतालों में पहुंचा देते हैं. इसके लिए इन्हें मोटा कमीशन मिलता है. इस बात का खुलासा शव का इलाज मामले की जांच कर रही पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किया है.

उत्तर प्रदेश में सीएम सिटी गोरखपुर में मृतक का इलाज कर करोड़ों वसूली के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. इस क्रम में एक नया इनपुट सामने आया है. पता चला है कि प्रतिष्ठित बीआरडी अस्पताल तक मेडिकल माफिया के गिरफ्त में है. इस अस्पताल में दूर दराज से आने वाले मरीजों को मेडिकल माफिया रजिस्ट्रेशन काउंटर पहुंचने से पहले ही लपक लेता है. फिर परिजनों को यहां की अव्यवस्था और परेशानियां बताकर पास के निजी अस्पतालों में ले जाता है.इसके इन दलालों को मोटा कमीशन बनता है.
ऐसे की मरीजों की दलाली
पुलिस के मुताबिक ओपीडी के टाइम तक यह बदमाश यहां नजर भी नहीं आता था, लेकिन ओपीडी बंद होते वह बीआरडी अस्पताल पहुंच जाता था. यहां वह खासतौर पर उन मरीजों को टारगेट जो दूर दराज के इलाकों से या नेपाल से इस अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं. मनोज इन मरीजों के परिजनों को समझाता था कि रात के समय यहां कोई डॉक्टर नहीं होता. नर्सिंग स्टॉफ भी ध्यान नहीं देता. ऐसे में मरीज के साथ कुछ भी हो सकता है. इस प्रकार वह परिजनों को डराकर निजी अस्पताल में जाने के लिए तैयार लेता और फिर अपने एंबुलेंस से उस मरीज को अस्पताल में पहुंचा देता था.
40 फीसदी कमीशन
मामले की जांच कर रही एजेंसियों के मुताबिक मनोज जैसे ही किसी मरीज को निजी अस्पताल में पहुंचाता था तो उसे तुरंत 15 हजार रुपये मिल जाते थे. वहीं मरीज के डिस्चार्ज होने या उसके मर जाने पर इलाज के टोटल बिल में उसे 40 प्रतिशत कमीशन अलग से होता था.मनोज इस प्रकार से शहर के आधा दर्जन से अधिक अस्पतालों के लिए काम करता था. वहीं इस काम में उसने आधा दर्जन से अधिक लोगों को लगा रखा था. इसके अलावा उसने बीआरडी अस्पताल के मेडिकल और पैरा मेडिकल स्टॉफ को भी खिला पिलाकर अपने साथ मिलकर रखता था.
ऐसे हुआ खुलासा
बता दें कि गोरखपुर के ईशू अस्पताल में पिछले दिनों एक मृतक के इलाज का मामला सामने आया था. डॉक्टरों ने उस समय तक शव का इलाज किया, जब तक कि शव में से बदबू नहीं उठने लगा. इस प्रकार डॉक्टरों ने मरीज के परिजनों से मोटी रकम वसूल की. हालांकि मामले सामने आने के बाद पुलिस और प्रशासन की टीम ने जांच की तो इस मेडिकल माफिया और उसके नेटवर्क का खुलासा हुआ. फिलहाल उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अनिल सिंह की तहरीर पर रामगढ़ थाना पुलिस ने मनोज समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है.
अब होगी त्रिस्तरीय निगरानी
मेडिकल माफिया के जाल का खुलासा होने के बाद गोरखपुर के डीएम और एसएसपी ने त्रिस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. एसएसपी डॉक्टर गौरव ग्रोवर के मुताबिक मरीजों की दलाली रोकने और मेडिकल माफिया पर शिकंजा कसने के लिए त्रिस्तरीय निगरानी व्यवस्था शुरू की जा रही है. इसमें प्रशासन, पुलिस व जिला अस्पताल की टीम अलग अलग तरीके से अस्पताल में आने वाले हरेक मरीज की निगरानी करेंगे. इसके अलावा अस्पताल में घूमने वाले लोगों पर भी नजर रखी जाएगी.