हरियाणा में बीजेपी के 10 में 6 प्रत्याशी कभी थे कांग्रेसी ?
हरियाणा में बीजेपी के 10 में 6 प्रत्याशी कभी थे कांग्रेसी, समझें कैसे साधा सोशल इंजीनियरिंग
लोकसभा चुनाव में मिशन 400 पार के लिए बीजेपी सभी दांव पेंच लड़ी है. हर राज्य में पार्टी चुन चुनकर अपने अपने उम्मीदवार उतार रही है. वहीं हरियाणा में अकेले चुनावी मैदान में उतरी बीजेपी ने सभी 10 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. खास बात ये है कि बीजेपी ने 10 में से 6 ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है जिन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा है.
हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीट पर बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. 2019 की तरह 2024 में सभी दस की दस सीटें जीतने के लिए बीजेपी ने जातीय समीकरण साधने के लिए बड़ा दांव चला है, लेकिन 10 में 6 कैंडिडेट कभी न कभी कांग्रेसी थे जबकि चार प्रत्याशी आरएसएस बैकग्राउंड के हैं. इससे पहले बीजेपी ने 2019 में चार और 2014 में तीन कांग्रेस से आए हुए नेताओं को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन इस बार आधे से ज्यादा टिकट को दिया हैं.
बीजेपी ने फरीदाबाद से कृष्णपाल गुर्जर, गुरुग्राम से राव इंद्रजीत, भिवानी-महेंद्रगढ़ से धर्मबीर सिंह, रोहतक से अरविंद शर्मा पर फिर से भरोसा जताया है. इसके अलावा सोनीपत से रमेश कौशिक की जगह मोहन लाल बडौली, कुरुक्षेत्र से सांसद रहे नायब सैनी के सीएम बन जाने के बाद अब नवीन जिंदल पर भरोसा जाताया है. करनाल से संजय भाटिया की जगह पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर, अंबाला से रतनलाल कटारिया के निधन के बाद उनकी पत्नी बंतो कटारिया, सिरसा से सुनीता दुग्गल की जगह अशोक तंवर और हिसार से सांसद रहे बृजेंद्र सिंहे के कांग्रेस में जाने के बाद रणजीत सिंह चौटाला को प्रत्याशी बनाया है.
कांग्रेसी नेताओं को बीजेपी ने दिया टिकट
हरियाणा में बीजेपी के 10 से 6 उम्मीदवार कांग्रेस से आए हुए हैं. राव इंद्रजीत, डा. अशोक तंवर, नवीन जिंदल, धर्मवीर सिंह, रणजीत सिंह चौटाला और अरविंद शर्मा कांग्रेस बैकग्राउंड के नेता है, जिन्हें बीजेपी ने टिकट दिया है. इसमें राव इंद्रजीत और धर्मवीर सिंह 2014 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए थे और पार्टी ने पिछले दो लोकसभा चुनाव में इन्हें टिकट दिया है और अब तीसरी बार इन पर भरोसा जताया है. रणजीत सिंह चौटाला को कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया तो उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और निर्दलीय विधायक बने थे.
मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को समर्थन देकर मंत्री बने थे. अब बीजेपी ने उन्हें हिसार लोकसभा से चुनाव मैदान में उतारा है. अरविंद शर्मा 2019 में कांग्रेस से बीजेपी में आए हैं और रोहतक से सांसद चुने गए थे. अशोक तंवर और नवीन जिंदल ने हाल ही में बीजेपी का दामन थामा है और पार्टी ने दोनों ही नेताओं को लोकसभा का टिकट दिया है. नवीन जिंदल कांग्रेस के टिकट पर 2004 और 2009 में सांसद रहे हैं जबकि अशोक तंवर 2009 में कांग्रेस से सांसद चुने गए थे.
बीजेपी-संघ बैकग्राउंड के चार प्रत्याशी
बीजेपी ने कांग्रेस बैकग्राउंड के नेताओं पर ही सिर्फ भरोसा नहीं जताया बल्कि चार सीट पर ऐसे नेताओं को टिकट दिया है, जो पार्टी और संघ से जुड़े रहे हैं. करनाल से पहली बार मनोहर लाल खट्टर को उतारा है, जो संघ पृष्ठभूमि वाले नेता हैं. कृष्णपाल गुर्जर को तीसरी बार टिकट दिया है, जो शुरू से बीजेपी के साथ जुड़े रहे हैं. मोहन लाल बडौली और बंतो कटारिया के पति रतनलाल कटरिया बीजेपी के साथ लंबे समय से जुड़े हुए हैं.
बीजेपी ने साधा जातीय समीकरण
हरियाणा के सियासी समीकरण को देखते हुए बीजेपी ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जिसके जरिए मजबूत जातिगत गणित बैठाने का दांव चला है. बीजेपी ने ब्राह्मण समुदाय से दो, जाट समुदाय से दो और दलित समाज से दो उम्मीदवार उतारे हैं जबकि यादव-गुर्जर-पंजाबी और वैश्य समुदाय से एक-एक प्रत्याशी दिए हैं. दलित समुदाय से अशोक तंवर और बंतो कटारिया को उतारा है तो ब्राह्मण समुदाय से अरिवंद शर्मा और मोहन लाल बडौली चुनाव मैदान में किस्मत आजमाएंगे. जाट समुदाय से धर्मवीर सिंह और रणजीत सिंह चौटाला उतरे हैं.
हरियाणा में रोहतक और सोनीपत लोकसभा क्षेत्र जाटलैंड के नाम से भी मशहूर है बीजेपी ने इन दोनों सीटों पर गैर-जाट को टिकट देकर बड़ा दांव चला है. रोहतक सीट से बीजेपी ने एक बार फिर से सांसद अरविंद शर्मा को उम्मीदवार बनाया है जबकि सोनीपत से लोकसभा मोहन लाल बड़ौली उतारा है, जो ब्राह्मण हैं. हालांकि, जाट समुदाय को भी खास तवज्जे दी है.हिसार लोकसभा सीट से रणजीत सिंह चौटाला चुनावी ताल ठोक रहे हैं तो भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से पूर्व सांसद धर्मवीर को चुनाव मैदान में हैं. दोनों प्रत्याशी जाट समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं.
फरीदाबाद लोकसभा सीट से पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर और गुरुग्राम सीट से पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत चुनाव मैदान में हैं. दोनों ही ओबीसी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसमें राव इंद्रजीत यादव समुदाय से आते हैं तो गुर्जर समाज से कृष्णपाल गुर्जर हैं. इसी तरह कुरुक्षेत्र सीट से बीजेपी ने यहां से दो बार सांसद रह चुके नवीन जिंदल को चुनाव मैदान में उतारकर वैश्य समुदाय को साथ जोड़ने की स्टैटेजी बनाई है. करनाल लोकसभा सीट पर अभी तक पंजाबी समुदाय से संबंधित संजय भाटिया सांसद थे. अब पार्टी ने यहां से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को चुनावी रण में उतारकर पंजाबी समुदाय को अपने साथ जोड़े रखने का प्रयास किया है.