प्रतिबंध के बाद भी खुल रहे अहाते !

प्रतिबंध के बाद भी खुल रहे अहाते
खाली प्लॉट, मैदान पर शराब चौपाटी से ट्रैफिक जाम …

शहर में शराब दुकानों के आसपास अहाते बैन हैं। इसके बावजूद दुकानदारों की मनमानी और जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण कंपाउंड के रूप में अवैध अहाते चल रहे हैं। दुकानों के पास ही रेस्त्रां और खाली जगहों पर हर शाम जाम छलकाने वालों की महफिल सज जाती है। इससे एक तरफ ट्रैफिक जाम तो दूसरी तरफ रहवासियों का रहना मुश्किल हो रहा है। शिकायतों के बावजूद जिम्मेदार आबकारी विभाग से लेकर पुलिस और प्रशासन भी मौन बने हुए हैं

  • 176 शराब दुकानें हैं इंदौर जिले में
  • 100 से ज्यादा शहर व आसपास ही हैं

नए वित्तीय वर्ष में सभी पुरानी दुकानें बिकने के साथ ही शुरू हो गई। देर रात तक इनके आसपास महफिलें जमने लगी है। आम जनता के लिए परेशानी बन चुके अहाते बंद करने का निर्णय सरकार ने भले ही ले लिया, लेकिन अब दुकानों के आसपास ही शराब कंपाउंड बन गए। दुकानों के आसपास रेस्त्रां, खाली प्लॉट, मैदान में ही जाम छलकाने वालों की महफिलें सज रही हैं।

इसकी बानगी रिंग रोड पर देखी जा सकती है। इसके अलावा स्कीम नंबर 140 (आनंदवन) मूसाखेड़ी चौराहा, बाणगंगा ब्रिज के नीचे, भोलाराम उस्ताद मार्ग सर्विस रोड चौराहा, महू नाका, लसूड़िया, एमआर-10, एबी रोड भमोरी, विजय नगर, स्कीम 54 और 78, राजेंद्र नगर, रेती मंडी आदि स्थानों पर चाट चौपाटियों की तरह शराब चौपाटियों की नई संस्कृति जन्म ले रही है। इसके कारण रहवासियों को परेशानी होती है। शराब दुकानों का विरोध भी आबकारी विभाग से लेकर पुलिस और प्रशासन भी दरकिनार कर देते हैं। शिकायत लेकर पहुंच रहे लोगों को नियमों के जाल में उलझा कर वापस लौटा देते हैं।

  • आनंद वन गेट पर ही दुकान- स्कीम नंबर 140 में आईडीए की मल्टी के गेट से लगकर खाली प्लॉट पर ही दुकान खोल दी गई। इसके आसपास आवासीय इलाका है। दुकान से लगे खाली प्लॉट्स और सड़क पर लोग बैठ कर शराब पी रहे हैं। रात 10 बजे बाद दुकान के आसपास अहाते की स्थिति बन जाती है।
  • कमिश्नर-कलेक्टर को शिकायत पर कार्रवाई नहीं – आनंदवन में ही दुकान के पास ही मल्टी के रहवासियों ने अराजक स्थिति के फोटो के साथ संभागायुक्त-कलेक्टर को शिकायत की। इसमें यह भी उल्लेख किया कि अरबन एरिया में एक्साइज एडवाइजरी कमेटी बनाने का नियम है। इंदौर में इस पर अमल नहीं हो रहा है।
  • इंडस्ट्री की जमीन पर दुकान- बाणगंगा और सांवेर रोड क्षेत्र में उद्योग की जमीन पर दुकान खोल दी गई है। सेक्टर ए, सी व एफ की दुकानों के यही हाल हैं। दो दुकानें के पास जाम छलकाने वालों के कारण ट्रैफिक जाम होता है।

यहां बन गए अवैध अहाते

रिंग रोड पर दुकानों के आसपास अवैध अहाते बन गए हैं। ऐसा ही हाल मूसाखेड़ी, भोलाराम उस्ताद मार्ग के समीप सर्विस रोड, द्वारकापुरी, धार रोड पर यही हाल है।

दुकानों के लिए ये हैं नियम

  • नई नीति के मुताबिक अब किसी मदिरा दुकान में बैठकर पीने की व्यवस्था नहीं है।
  • धार्मिक स्थल, स्कूल, कॉलेज, छात्रावास या अन्य शैक्षणिक संस्थानों से 100 मीटर की दूरी पर ही शराब की दुकानें होंगी।
  • अगर किसी दुकान को बंद करना है तो कलेक्टर इस पर निर्णय ले सकेंगे।
  • शराब के नशे में अगर कोई वाहन चलाएगा तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड किया जाएगा। खतरनाक ढंग से वाहन चलाने पर सजा का प्रावधान भी है।

जिम्मेदार बोले- विभाग के पास इतना अमला नहीं कि निगरानी की जा सके
शराब दुकानों के पास अहाते खत्म कर दिए गए हैं। दुकान के आसपास खाली जगह, रोड पर शराब पीने वालों पर आबकारी विभाग को कार्रवाई का अधिकार नहीं है। विभाग के पास इतना अमला भी नहीं है कि निगरानी की जा सके। यदि दुकानों के पास रेस्त्रां या अन्य खाली स्थानों पर शराब पीने दी जा रही है तो यह गलत है। शिकायत मिलने पर कार्रवाई करेंगे। – मनीष खरे, सहायक आबकारी आयुक्त

जिम्मेदार – { दुकान के लिए मानक तय नहीं है, जबकि इसके लिए सख्त नियम बनना चाहिए। आसपास पीने के ठिकानों पर संबंधित विभाग को कार्रवाई करना चाहिए। दुकानें खुले में न होकर स्टोर की तरह होना चाहिए।
{ आमतौर पर देखा जाता है कि रहवासी क्षेत्र में शराब दुकान की शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं होती है।

जब यह शिकायत एडवाइजरी कमेटी के पास जाएगी तो वह सुनवाई कर कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपेगी। इस पर उचित निर्णय लिया जा सकेगा, क्योंकि कमेटी में कलेक्टर या नियुक्त प्रतिनिधि अधिकारी, एसपी या नियुक्त अधिकारी, नगर निगम के चार सदस्य व कलेक्टर द्वारा नियुक्त अन्य सदस्य होते हैं, इसलिए हर स्तर पर जांच हो सकेगी।

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