सुप्रीम कोर्ट में जामिया हिंसा पर सुनवाई कल, सख्त CJI बोले- कानून हाथ में नहीं ले सकते छात्र, शांति होगी तो ही केस सुनेंगे

जामिया मामले पर सुप्रीम कोर्ट कल यानी मंगलवार को सुनवाई करेगा। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जामिया और अलीगढ़ हिंसा मामले पर सीनियर वकील इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जामिया मामले पर सख्त टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि शांति होगी तभी मामले को सुनेंगे। अगर सड़क पर उतरना है तो हमारे पास नहीं आओ। उन्होंने कहा कि तोड़फोड़ हिंसा जारी रही तो हम कल मामले को नहीं सुनेंगे।  दरअसल, सीनियर वकील इंदिरा जयसिंह ने चीफ जस्टिस बोबडे की बेंच को मामले का स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि यह मानव अधिकार हनन का गंभीर मामला है। गौरतलब है कि जामिया में हिंसा के बाद यूनिवर्सिटी को पांच जनवरी तक के लिए बंद कर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस सीए बोबडे ने जामिया हिंसा मामले पर नाराजगी जाहिर की। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि क्योंकि वे स्टूडेंट्स हैं, इसका मतलब ये नहीं कि वे कानून-व्यवस्था अपने हाथ में ले लेंगे। हिंसा रूक जाएगी, तभी हम इस मामले को सुनेंगे।

देश के प्रधान न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े ने कहा, “वे विद्यार्थी हैं, इसका अर्थ यह नहीं है कि वे कानून एवं व्यवस्था अपने हाथ में ले सकते हैं, इस पर सब कुछ शांत होने पर फैसला लेना होगा। इस समय ऐसा माहौल नहीं है, जब हम कुछ तय कर सकें, दंगे रुकने दीजिए.”

@ANI

Senior advocate Indira Jaising mentioned Jamia Millia Islamia&Aligarh Muslim University incidents before a bench headed by Chief Justice SA Bobde. Jaising asks SC to take suo motu cognizance of the issue saying’It’s a very serious human rights violation all over the country.’

Twitter पर छबि देखें

ANI

@ANI

CJI SA Bobde says ‘Just because they happen to be students, it doesn’t mean they can take law and order in their hands, this has to be decided when things cool down. This is not the frame of mind when we can decide anything. Let the rioting stop.’

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के जामिया विश्वविद्यालय और उसके आस-पास के इलाकों रविवार को भी प्रदर्शन जारी रहा। नागरिकता (संशोधन) कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की जामिया मिल्लिया इस्लामिया के समीप न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में पुलिस के साथ झड़प हो गई, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने डीटीसी की चार बसों और दो पुलिस वाहनों में आग लगा दी। झड़प में छात्रों, पुलिसकर्मियों और दमकलकर्मी समेत करीब 60 लोग घायल हो गए। साथ ही अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भी पुलिस के साथ छात्रों की झड़प हुई, जिसमें करीब 60 लोग घायल हो गए। इसके बाद प्रशासन ने आज इंटरनेट पर रोक लगा दी है।

पुलिस ने हिंसक भीड़ को खदेडने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े लेकिन उन पर गोलियां चलाने की बात से इनकार किया है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प से तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। सड़कों पर आगजनी और झड़प के बाद दिल्ली पुलिस जामिया विश्वविद्यालय के परिसर में घुस गई जहां हिंसा में कथित तौर पर शामिल होने को लेकर कई लोगों को हिरासत में ले लिया, हालांकि, 6 घंटे हिरासत में रखने के बाद छात्रों को छोड़ दिया गया।  जामिया के छात्रों ने पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ पुलिस हेडक्वार्टर पर देर रात तक प्रदर्शन किया।

ANI

@ANI

Senior advocate Indira Jaising mentioned Jamia Millia Islamia&Aligarh Muslim University incidents before a bench headed by Chief Justice SA Bobde. Jaising asks SC to take suo motu cognizance of the issue saying’It’s a very serious human rights violation all over the country.’

Twitter पर छबि देखें

हिंसा और दिल्ली मेट्रो के कई स्टेशन बंद होने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के समीप हिंसक प्रदर्शन के मद्देनजर कई घंटों तक 13 स्टेशनों के प्रवेश एवं निकास द्वार बंद कर दिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *