भिंड जिला अस्पताल ….खून का काला कारोबार का मामला दबाया ?
खून का काला कारोबार का मामला दबाया
ब्लड बैंक के दलाल पर 10 दिन बाद भी नहीं हो सकी एफआईआDVERTISEMENT
भिंड जिला अस्पताल में 10 दिन पहले ब्लड बैंक से खून के काले कारोबार का मामला सामने आया था। ब्लड बैंक से ₹3000 में खून बेचे जाने का पर्दाफाश होने के बाद जिला प्रशासन से लेकर हेल्थ अफसर में हड़कंप मचा हुआ था। अब यह मामला पूरी तरह दबा दिया गया है। अब तक कोई व्यक्ति को चिंहित कर हैल्थ अफसर एफआईआर दर्ज नहीं कर सके हैं।
दरअसल मामला यह है कि बीते 12 मई को फूफ कस्बे की रहने वाली संगीता शर्मा अपने बेटे श्याम सुंदर शर्मा को भर्ती कराने के लिए जिला अस्पताल पहुंची थी। यहां चिकित्सकों ने जांच के बाद खून की कमी होना बताया था। इस पर श्याम सुंदर की मां और उसके चाचा ब्लड बैंक में खून की तलाश में पहुंचे थे। यहां पर मौजूद छोटू उर्फ सुनील ने स्वयं को ब्लड बैंक का कर्मचारी बताते हुए 4500 रुपए की मांग की थी, इसके बाद दोनों के बीच ब्लड दिए जाने को लेकर सौदा तय हुआ था और ₹3500 उक्त व्यक्ति द्वारा मांगे जा रहे थे। मरीज श्याम सुंदर के परिवार ने ₹500 एडवांस देकर ब्लड बैंक से खून को बिना एक्सचेंज कराए निकलवाया था।

इस पूरे सौदाबाजी और एडवांस दिए जाने का भी वीडियो मरीज के परिवार द्वारा बनाया गया था। जब यह मामला प्रकाश में आया तो जिला अस्पताल के अफसर से लेकर प्रशासनिक अफसर के कान खड़े हुए थे और इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया गया था।
इस पूरे मामले में मरीज श्याम सुंदर शर्मा की ओर से एक लिखित शिकायत जिला चिकित्सालय प्रबंधन समिति से की गई थी और इसी तरह का आवेदन पुलिस कोतवाली में भी दिया गया था। वहीं जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल गोयल की ओर से भी एक प्रतिवेदन कोतवाली में दिया गया था जिसमें इस पूरी मामले को दर्शाते हुए आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाने की बात कही गई थी।
अब यह पूरा मामला कागजी दस्तावेजों में सिमट की रह गया। जिला प्रशासन ने भी इस पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए गंभीरता बरती थी और आरोपियों के खिलाफ एक्शन लिए जाने की बात भिंड कलेक्टर द्वारा जय ला अस्पताल के अफसर से कही गई थी। परंतु पिछले 10 दिनों में किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।
- दैनिक भास्कर को जानकारी देते हुए मरीज श्याम सुंदर शर्मा ने बताया कि मेरे द्वारा दिए गए आवेदन के बाद ब्लड बैंक में ब्लड दिए जाने के नाम पर पैसे ऐंठने वाले व्यक्ति के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। जबकि उक्त आरोपी के खिलाफ लिखित में शिकायत मेरी ओर से की गई थी।
- वहीं इस मामले में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ अनिल गोयल का कहना है उक्त व्यक्ति पूर्व में जिला अस्पताल का कर्मचारी था। अब उस पर कोई दायित्व नहीं है। उक्त आरोपी की पहचान की जा सकती थी, परंतु पूरे मामले की जांच करा कर एक्शन लिए जाने को लेकर पुलिस कोतवाली को लिखा गया है। उक्त मामले में पुलिस को आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर एक्शन दिए जाना था।
- इस पूरे मामले में जब कोतवाली थाना प्रभारी प्रवीण सिंह चौहान से बातचीत की गई तो उन्होंने दैनिक भास्कर को जानकारी देते हुए बताया कि जिला अस्पताल की ओर से आए आवेदन के हिसाब से आरोपी की पहचान के लिए लिखा गया था। अब तक आरोपी की पहचान को लेकर कोई जवाब नहीं आया। इस कारण एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी है