जिन स्कूलों में 500 से ज्यादा बच्चे, उनकी जांच शुरू, फीस से किताबों का होगा ऑडिट ?
जिन स्कूलों में 500 से ज्यादा बच्चे, उनकी जांच शुरू, फीस से किताबों का होगा ऑडिट
प्रत्यक्ष तौर पर स्कूलों को खुद ही ऑडिट करने कहा गया है और इसके लिए उन्हें 30 दिन का समय दिया है
- निजी स्कूलों के खिलाफ जांच और कार्रवाई में शिक्षा अधिकारी की भूमिका पर उठे सवाल
जबलपुर। निजी स्कूलों की फीस वृद्धि से लेकर पुस्तक विक्रेता की मनमानी और प्रकाशक द्वारा किया गया फर्जीवाड़े सबके सामने आ गया है। कलेक्टर दीपक सक्सेना के निगरानी में हुई जांच में फीस, काॅपी, किताब और यूनिफार्म के नाम पर अभिभावकों की जेब काटने वाले निजी स्कूल संचालकों समेत प्राचायों और बुक सेलरों पर एफआईआर दर्ज कर पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
इन स्कूलों की लिस्ट तैयार कर ली गई है और अब इनका ऑडिट किया जाना है। हालांकि प्रत्यक्ष तौर पर स्कूलों को खुद ही आडिट करने कहा गया है और इसके लिए उन्हें 30 दिन का समय दिया है, लेकिन अप्रत्यक्ष तौर पर स्कूलों की आय-व्यय से लेकर पुस्तक विक्रेता और प्रकाशक के साथ सांठगांठ करने वाले स्कूल के संचालक और प्राचार्य की कुंडली तैयार करने की जिम्मेदारी जांच टीम को सौंप दी गई है।
40 से ज्यादा स्कूलों पर एक साथ कार्रवाई
सूत्रों की मानें तो जिला प्रशासन ने अगले चरण की कार्रवाई में लगभग 40 से ज्यादा निजी स्कूलों को लिया है। अभिभावकों से मिली शिकायत के बाद जांच में कई ऐसे निजी स्कूलों की हकीकत सामने आई है । हालांकि इस पूरे मामले में स्कूल शिक्षा विभाग और शिक्षा अधिकारी की भूमिका को लेकर उठ रहे सवाल के बाद सूत्र बताते हैं कि उनकी भी जांच को लेकर प्रशासन तैयारी कर रहा है।
कलेक्टर ने मीडिया इन्फ्लूएंसर के साथ की बैठक
कलेक्टर दीपक सक्सेना और उप सचिव जनसंपर्क कैलाश बुंदेला ने सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर की बैठक लेकर निजी स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से फीस वसूलने यूनिफार्म व शैक्षणिक सामग्री दुकान विशेष से ही खरीदने के लिए बाध्य करने की कार्रवाई के बारे में बताया।
कलेक्टर ने कहा कि इस मामले पर 11 स्कूलों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराए, इसमें 80 आरोपियों में 20 को गिरफ्तार किया जा चुका है। निजी स्कूलों की मनमानी के संबंध में लगातार अभिभावकों द्वारा आ रही शिकायत और एक अप्रैल को मुख्यमंत्री के ट्वीट व स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देश में कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि कमीशनखोरी के इस षड्यंयंत्र में अनावश्यक पुस्तकों के अतिरिक्त भार, फर्जी व डुप्लीकेट पुस्तकें आदि से सात लाख विद्यार्थियों से 240 करोड़ रूपए की अवैधानिक फीस वसूली की गई।
जांच में निजी स्कूल को दी हरी झंडी
निजी स्कूल संचालकों के खिलाफ कलेक्टर की कार्रवाई में शिक्षा विभाग और शिक्षा अधिकारी दोनों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि कलेक्टर दीपक सक्सेना ने एक निजी स्कूल की जांच का जिम्मा जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी को दिया। उन्होंने इसकी जिम्मेदारी अपने एक प्राचार्य को सौंपी, लेकिन प्राचार्य ने इस निजी स्कूल को अपनी जांच में क्लीन चिट दे दी। यह बात जब कलेक्टर को पता लगी तो उन्होंने प्राचार्य की जांच में की गई लीपापोती पर नाराजगी व्यक्त की और दोबारा जांच करने के निर्देश दिए। इस पूरे मामले के सामने आने के बाद अब स्कूल शिक्षा विभाग की जांच में शामिल होने की भूमिका की भी जांच की तैयारी की जा रही है।
इनका कहना है
11 निजी स्कूलों की जांच के बाद अब हमने उन स्कूलों की जांच को प्राथमिकता से लिया है, जहां पर 500 या इससे अधिक बच्चे पढ़ते हैं। ऐसे लगभग 274 स्कूल हैं। इनकी जांच में यह देखा जाएगा कि इन्होंने अपना ऑडिट कराया है या नहीं। 10 प्रतिशत से ज्यादा फीस वृद्धि की है तो इसकी जानकारी प्रशासन को दी है या नहीं।
दीपक सक्सेना, कलेक्टर, जबलपुर
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कलेक्टर दीपक सक्सेना ने छात्रों और अभिभावकों से कहा-करें स्कूल मैनेजमेंट से चार सवाल
Jabalpur News : यदि स्कूल वालों का जवाब नहीं हो तो किस हक़ से हमारी जेब हल्की कर रहे हो?
जबलपुर। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने छात्र और अभिभावक से कहा कि स्कूल मैनेजमेंट से कुछ सवाल करें। 25 जनवरी 2018 से राज्य शासन ने फ़ीस वृद्धि के पैमाने तय कर दिये थे। अपने हक के लिए सवाल करें। किसी को भी अपनी गाड़ी कमाई पर डाका डालने का मौक़ा न दें।
स्कूल मैनेजमेंट से कुछ सवाल करें कि आपने आडिट रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड की है?
आपकी वार्षिक प्राप्तियों का आधिक्य कुल प्राप्तियों के 15% से कम है?
आपने औचित्य सहित फ़ीस वृद्धि की सूचना सत्र प्रारंभ होने के 90 दिवस की अवधि में दे दी है?
व आपने 10% से अधिक फ़ीस वृद्धि के लिये सक्षम स्वीकृति ज़िला कलेक्टर या राज्य शासन से प्राप्त कर ली है?
यदि स्कूल वालों का जवाब नहीं हो तो किस हक़ से हमारी जेब हल्की कर रहे हो?
स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया में गड़बड़ी करने वालों की होगी जांच
लगभग जिले के 1000 से ज्यादा स्कूलों में फीस,किताबें और स्टेशनरी में की जा रही मुनाफाखोरी पर सख्त कार्रवाई के बाद अब प्रशासन कार्रवाई को और विस्तार देने में जुट गया है. स्कूलों में राइट टू एजुकेशन के तहत होने वाले एडमिशन में कई तरह की शिकायत सामने आई है. इसके बाद इस पूरी प्रक्रिया को भी जांच में लेने की तैयारी है।
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फीस वृद्धि और फर्जी किताब लगाने के खिलाफ एफआइआर कर 20 लोगों को किया गिरफ्तार, देखें स्कूल की लिस्ट
Jabalpur News : जिला प्रशासन का कहना है कि 22 लाख का स्कूलों पर जुर्माना लगाया। जो गैर कानूनी तरीके से फीस बढ़ाई है वह फीस यदि वापस कर देते हैं तभी जांच से बच जाएंगे।
- तीन माह से स्कूलों की जांच में कई उतार चढ़ाव।
- कलेक्टर ने बाकायदा पूरी एक जांच कमेटी बनाई।
- शहरभर में पुलिस की कार्रवाई जारी है।
जबलपुर। जबलपुर में कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने बीते दिनों निजी स्कूलों के खिलाफ एक मुहिम चलाई थी जिसके तहत निजी स्कूल ऑन के खिलाफ आम जनता से शिकायतें बुलवाई थी। फीस पुस्तक और ड्रेस के मामले में साठगांठ पर आम लोगों ने जिला प्रशासन को शिकायतें की थी। इसमें लगभग 250 शिकायतें हैं आम लोगों की तरफ से जिला प्रशासन को मिली थी इसमें जबलपुर के 75 स्कूलों के खिलाफ जांच शुरू की गई थी। 22 लाख का स्कूलों पर जुर्माना लगाया। 30 दिनों के अंदर स्कूलों को बच्चों को अतिरिक्त बढ़ाई गई फीस बढ़ाई। जबलपुर एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि लगभग 50 से ज्यादा आरोपी बनाए गए हैं और 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 420, 409, 468 व 471 धारा के तहत कार्रवाई हुई है, जो गैर जमानती है।
नियम विरुद्ध तरीके से स्कूलों की फीस बढ़ा दी थी
इन स्कूलों पर आरोप लगाया गया था कि इन्होंने नियम विरुद्ध तरीके से स्कूलों की फीस बढ़ा दी थी मध्य प्रदेश मैं 2017 में निजी स्कूलों के संचालन के लिए एक अधिनियम पारित किया गया था इसके तहत कोई भी स्कूल बिना सुविधा बढ़ाये 10% तक से ज्यादा फीस नहीं बढ़ाई जा सकती वहीं दूसरी तरफ इससे अधिक फीस बढ़ाने पर जिला प्रशासन की अनुमति की जरूरत होती है
धोखाधड़ी और कानून के उल्लंघन में मामला दर्ज
इस मामले में जिला प्रशासन ने जांच की और जबलपुर के इन स्कूलों ने बिना नियम के अपनी फीस में बढ़ोतरी कर दी] जबलपुर जिला प्रशासन ने क्राइम ब्रांच की मदद लेकर जबलपुर के इन स्कूलों के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा 420 और आईएसबीएन नंबर के कानून का उल्लंघन करने के आप में धारा 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है l
11 स्कूल संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया
क्राइस्ट चर्च सालीवाड़ा, ज्ञान गंगा ऑर्किड स्कूल, स्टेमफील्ड इंटरनेशनल स्कूल, लिटिल वार्ड स्कूल, चेतन्य स्कूल, सेंट अलयसियस स्कूल सालीवाड़ा, सेट अलोसियायस पोलीपाथर, सेट अलोसियस सदर, क्राइस्टचर्च isc घमापुर,चेतन्य टेक्नो स्कूल, क्राइस्ट चर्च बॉय स्कूल।
21000 बच्चों से ज्यादा फीस वसूली
1037 निजी स्कूल जबलपुर में 240 करोड़ रुपये की कुल अतिरिक्त फीस वसूली गई। प्रिंटिंग कॉस्ट क्या है और प्रिंटिंग कॉस्ट के बाद उसे पर जो एमआरपी 70% 80% 90% दर्ज है। फ्री की किताब को महंगे दामों में बेचा। 9.93 किलो का बस्ता है। किताबों में लगभग 4 करोड़ से ज्यादा का कमीशन खाया कि जरा स्कूलों में 1907 किताबें हैं इनमें से 64% किताबें नहीं लगाई गई 89 प्रतिशत किताबें फर्जी हैं फर्ची आइएसबीएन नंबर वाली किताबें लगभग 100 करोड़ पुस्तक और स्टेशनरी पर कमीशन।
फीस यदि वापस कर देते हैं तभी जांच से बच जाएंगे
जिला प्रशासन का कहना है कि जो गैर कानूनी तरीके से फीस बढ़ाई है वह फीस यदि वापस कर देते हैं तभी जांच से बच जाएंगे, इसी तरीके से किताबों की मोनोपोली खत्म करके ऐसे सरल कर लें तो प्रशासन इन लोगों पर कार्रवाई नहीं करेगा।