राजधानी …. छोटे सदन से बड़ी सभा में पहुंचे चार नवनिर्वाचित सांसद !
छोटे सदन से बड़ी सभा में पहुंचे चार नवनिर्वाचित सांसद, 20 प्रतिनिधि पहले भी कर चुके हैं यह कारनामा
इनमें तीन सांसदों ने तो सबसे छोटे एमसीडी सदन से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की है। इन चारों सांसदों से पहले 20 और सांसद ऐसा कारनामा कर चुके हैं।
राजधानी से चुने गए चार सांसद छोटे सदन से बड़े सदन में पहुंचने में कामयाब हुए हैं। इनमें तीन सांसदों ने तो सबसे छोटे एमसीडी सदन से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की है। इन चारों सांसदों से पहले 20 और सांसद ऐसा कारनामा कर चुके हैं। इनमें से अधिकांश केंद्र सरकार व अपनी पार्टी के उच्च पदों पर पहुंचे हैं। ऐसे में हाल ही में पहुंचे चारों सांसदों के भी उच्च पदों तक पहुंचने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
लोकसभा चुनाव में दक्षिणी दिल्ली क्षेत्र से रामवीर सिंह बिधूड़ी, पश्चिमी दिल्ली क्षेत्र से कमलजीत सहरावत, उत्तर पश्चिमी दिल्ली क्षेत्र से योगेंद्र चांदोलिया व पूर्वी दिल्ली क्षेत्र से हर्ष मल्होत्रा हाल ही में सांसद बने हैं। इससे पहले बिधूड़ी बदरपुर क्षेत्र से चार बार विधायक चुने जा चुके हैं और वह वर्तमान में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। जबकि सहरावत द्वारका से दो बार पार्षद का चुनाव जीत चुकी हैं। वह पार्षद से सीधे सांसद बनी हैं। उनसे पहले ऐसा कारनामा एचकेएल भगत, सज्जन कुमार, जयप्रकाश अग्रवाल व अनिता आर्य कर चुके है। योगेंद्र चांदोलिया वर्ष 2002 से 2017 तक तीन बार पार्षद चुने जा चुके हैं। हर्ष मल्हाेत्रा वर्ष 2012 में पार्षद चुने गए थे।
राजधानी में छोटे सदन से बड़े सदन में सबसे पहले दिल्ली के प्रथम मुख्यमंत्री चौ. ब्रह्मप्रकाश पहुंचे थे। वह कांग्रेस व जनता पार्टी के कद्दावर नेता रहे। उनके बाद लालकृष्ण आडवाणी संसद गए। वह देश के उपप्रधानमंत्री व भाजपा के अध्यक्ष पद तक पहुंचे। इसी तरह भारतीय जनसंघ व भाजपा के सिकंदर बख्त, मदनलाल खुराना, कालका दास, लालबिहारी तिवारी, डाॅ. हर्षवर्धन, रमेश बिधूड़ी व प्रवेश वर्मा भी बड़े सदन में गए। इनमें सिकंदर बख्त, मदनलाल खुराना व डाॅ. हर्षवर्धन केंद्रीय मंत्री भी बने।
उनके साथी प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा भी छोटे सदन से बड़े सदन तक जाने के दौरान कई बड़े पदों पर रहे और बड़े सदन में जाने के बाद भी उनको भाजपा व सरकार ने कई बड़ी जिम्मेदारियां दीं। भाजपा नेताओं की तरह कांग्रेस के नेताओं ने भी छोटे सदन से बड़े सदन में पहुंचने पर खूब नाम कराया। इनमें एचकेएल भगत, सज्जन कुमार, जयप्रकाश अग्रवाल, अजय माकन, कृष्णा तीरथ आदि भी पार्टी व केंद्र सरकार में बड़े पदों पर रहे हैं।
तीन नेता दो छोटे सदनों के बाद बड़े सदन में पहुंचे
भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा वर्ष 1977 में सांसद बनने से पहले वर्ष 1958 में एमसीडी पार्षद और वर्ष 1967 में महानगर पार्षद के साथ-साथ मुख्य कार्यकारी पार्षद बने थे। उनके बाद यह इतिहास भाजपा नेता व पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा ने दोहराया। वह वर्ष 1977 व 1983 में एमसीडी में पार्षद बनने के बाद वर्ष 1993 में विधायक बने और वर्ष 1999 में सांसद चुने गए थे। कांग्रेस की ओर यह कारनामा करने वाले अकेले महाबल मिश्रा है। वह वर्ष 1997 में एमसीडी पार्षद और वर्ष 1998 से 2008 तक विधायक बनने के बाद वर्ष 2009 में सांसद बने।