फर्जी गुणवत्ता रिपोर्ट बनाकर भोपाल से अमेरिका सहित 30 देशों में पनीर, घी और मक्खन का निर्यात
फर्जी गुणवत्ता रिपोर्ट बनाकर भोपाल से अमेरिका सहित 30 देशों में पनीर, घी और मक्खन का निर्यात, EOW ने मारा छापा
ईओडब्ल्यू को शिकायत मिली थी कि कंपनी द्वारा फर्जी दस्तावेज बनाकर उत्पाद विदेश भेजे जाते हैं। कारखाना मालिक किशन मोदी के भोपाल में शाहपुरा स्थित आवास सहित पांच स्थानों पर छापेमारी में जांच एजेंसी के 30 अधिकारी व कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों की करीब 100 सदस्यीय टीम जुटी। लगभग 10 दिन पहले ही प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने मापदंड पूरा नहीं करने के कारण इस कंपनी को सील कर दिया था।
कंपनी मालिक के आवास पर सर्चिंग करती ईओडब्ल्यू की टीम।
- भोपाल व सीहोर में स्थित ठिकानों पर मारा छापा।
- कंपनी पनीर सहित अधिकतर दुग्ध उत्पाद बनाती है।
- करीब 30 देशाें में उत्पाद निर्यात करती है कंपनी।
भोपाल। पनीर, घी, मक्खन, दूध पाउडर सहित दूध के फ्रोजेन उत्पाद बनाकर निर्यात करने वाली सीहोर स्थित गायत्री फूड प्रोडक्ट कंपनी के गुणवत्ता प्रमाण पत्र फर्जी मिले हैं। जिन लैब के प्रमाण पत्र निर्यात के लिए लगाए गए थे, उन्हीं ने इन्हें जारी करने इन्कार कर दिया है। यह गड़बड़ी आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) की भोपाल इकाई द्वारा बुधवार सुबह कंपनी से जुड़े स्थानों पर छापेमारी में सामने आई है। कंपनी ने यही प्रमाण पत्र इंदौर स्थित निर्यात नियंत्रण अभिकरण के कार्यालय में जमा करके निर्यात का लाइसेंस लिया था। इस लाइसेंस से कई टन घी और अमानक फ्रोजेन पनीर मध्य-पूर्व के देश में निर्यात किया गया था। इनमें अमेरिका सहित करीब 30 देश शामिल हैं।
कारखाना मालिक किशन मोदी के भोपाल में शाहपुरा स्थित आवास सहित पांच स्थानों पर छापेमारी में जांच एजेंसी के 30 अधिकारी व कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों की करीब 100 सदस्यीय टीम जुटी। लगभग 10 दिन पहले ही प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने मापदंड पूरा नहीं करने के कारण इस कंपनी को सील कर दिया था। इस कारण अभी यहां कोई उत्पाद नहीं बन रहा था।
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने बताया के सामाजिक कार्यकर्ता भगवान सिंह राजपूत ने जांच एजेंसी को शिकायत की थी कि कंपनी फर्जी दस्तावेज तैयार कर अमानक सामग्री की सप्लाई कर रही है। ईओडब्ल्यू की पड़ताल में यह जानकारी सही मिलने पर चार दिन पहले ही मामले में धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेजों के उपयोग के संबंध में प्रकरण कायम किया था।
इस आधार पर बुधवार को सीहोर जिला न्यायालय की अनुमति के बाद कंपनी के कारखाने और अन्य स्थानों पर छापेमारी की गई। जांच एजेंसी ने भोपाल में बघीरा अपार्टमेंट और सीहोर स्थित कंपनी के आवास और कारखाने में संचालित कंपनी के कार्यालय में भी छापा डाला। यहां से दस्तावेजों के अतिरिक्त 20 से अधिक कंप्यूटरों में सुरक्षित दस्तावेज भी जब्त कर लिए गए हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम ने यहां से खाद्य पदार्थों के सैंपल भी लिए हैं, जिनकी जांच से पता चलेगा कि तैयार सामग्री की गुणवत्ता कैसी है।
तीन लैब के 27 प्रमाण पत्र फर्जी मिले
शिकायत के बाद ईओडब्ल्यू की टीम ने लैब के गुणवत्ता प्रमाण पत्र कंपनी से एकत्र किए थे। यह प्रमाण पत्र संबंधित लैब को भेजे गए। तीन लैब ने ये अपने यहां से जारी होने से साफ इन्कार कर दिया। ऐसे 27 प्रमाण पत्र फर्जी मिले हैं। कंपनियों ने जांच एजेंसी को बताया कि ये प्रमाण पत्र तो उन्होंने किसी और कंपनी को जारी किए थे।
पहले भी अलग-अलग एजेंसियां कर चुकी हैं कार्रवाई
यह कंपनी पिछले ढाई वर्ष से विवादों में रही है। जनवरी 2022 में प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने मानक पूरा नहीं करने के कारण कारखाने को बंद करने के निर्देश दिए थे। दूषित पानी का निपटान ठीक से नहीं होने और इस पानी के उपचार के लिए परिसर के बाहर प्लांट नहीं बनाने के लिए मंडल ने यह कार्रवाई की थी। इसके बाद मार्च 2022 में पाइप लाइन बिछाने के लिए दो किमी तक सड़क खोदने के कारण सीहोर कलेक्टर ने एफआइआर कायम कराई थी। जून 2022 में आयकर विभाग की टीम ने छापा मारा था। इसके बाद मार्च 2023 में खाद्य सुरक्षा विभाग ने पनीर में पाम आइल की मिलावट के संदेह में छापा मारा था। यहां कोलकाता से आया पाम आइल से भरा टैंकर जब्त किया गया था।