इंदौर : इस वक्त सर्वेक्षण हो तो इंदौर का क्या हो?

स वक्त सर्वेक्षण हो तो इंदौर का क्या हो?
सेवन स्टार का तमगा बनाए रखना चुनौती… निगम के एप पर ही गंदगी की रोज 100 से ज्यादा शिकायतें

 

फाइल फोटो - Dainik Bhaskar
फाइल फोटो

स्वच्छता अभियान के 10 वर्ष.. ….ने एक्सपर्ट के साथ केंद्रीय सर्वेक्षण दल की तरह 15 दिनों तक किया शहर का सर्वे

15 अगस्त 2014 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता अभियान की घोषणा की थी। इसे लागू 2 अक्टूबर से किया गया था। इन 10 में से सात वर्षों तक इंदौर सफाई में नंबर वन रहा है। मौजूदा स्थिति पर भास्कर ने एक्सपर्ट के साथ सर्वे किया। एक्सपर्ट निगम टीम का हिस्सा इसलिए पहचान गोपनीय रखी है…

रियूज, रिड्यूज और रिसाइकिल है थीम

स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 की थीम रियूज, रिड्यूज और रिसाइकिल है। सर्वेक्षण में 4800 से ज्यादा शहर हिस्सा लेंगे। टूल किट पिछली बार की तरह 9500 अंक की है। सबसे ज्यादा 1705 अंक सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के हैं।

गली-गली घूमे- टूल किट का हर पाइंट जांचा

 …ने इंदौर की सफाई से जुड़े एनजीओ और एक्सपर्ट के साथ 15 दिन के सर्वे में गली-गली घूमकर देखा। टूल किट के हर पाइंट चेक किए और उसी के अनुसार, उनकी मािर्कंग की गई।

स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में इंदौर को सूरत के बराबर 9348.4 अंक मिले थे। यानी मुकाबला अब बराबरी का है, ऐसे में जरा सी चूक इंदौर पर भारी पड़ सकती है। भास्कर टीम एक्सपर्ट के साथ ग्राउंड पर पहुंची तो कई मामलों में इंदौर के नंबर गड़बड़ नजर आए। यदि इस वक्त स्वच्छता सर्वेक्षण हो तो इंदौर के लिए राह आसान नहीं होगी।

उतनी सफाई नहीं दिख रही
टूल किट में 17% यानी 970 अंक विजिबल क्लीनलीनेस के हैं। इसके 12 पैरामीटर हैं, जिनमें शहर की सफाई, बैकलेन, रेड स्पॉट (पान-गुटखे की पीक), नाले की सफाई, स्टार्म वाटर लाइन और सौंदर्यीकरण के हैं। निगम के 311 एप पर सफाई नहीं होने की रोज 100 से ज्यादा शिकायतें आ रही हैं। बैकलेन की सफाई लगभग बंद है। हर जगह रेड स्पॉट नजर आ रहे हैं। बीआरटीएस की रैलिंग इनके कारण पेंट कराना पड़ता है। दो इंच बारिश में इलाके डूब रहे हैं।

सर्वे से पहले सुधार लेंगे

^बारिश के कारण नदी-नालों में कचरा है, जो शिकायतें आ रही हैं उनका निराकरण भी करते जा रहे हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण के पहले सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर लेंगे और इंदौर के नंबर किसी स्थिति में कम नहीं होने देंगे।
 निगम कमिश्नर

ये है सात सालों की कमाई की मौजूदा स्थिति... ट्रेंचिंग ग्राउंड अब भी कचरा मुक्त, लेकिन जिन नालों में क्रिकेट मैच हुए उनमें हो रहा गंदगी का दंगल

2017 शहर को कचरा पेटी मुक्त कर जीते

कचरा पेटी मुक्त शहर और डोर-टू-डोर संग्रहण से पहली बार जीते।

ताजा हाल : कचरा पेटियां नहीं है, लेकिन हर वार्ड में कचरे के ढेर हैं।

2018 गीला-सूखा कचरा अलग किया

गीला-सूखा कचरा अलग कर जनभागिदारी की मिसाल कायम की।

ताजा हाल : सेंटर की रिपोर्ट है सेग्रिगेशन लगातार कम हो रहा है।

2019 पहला बॉयो गैस प्लांट लगाया

रिड्यूज, रियूज और रिसाइकिल में किया कमाल। प्लांट लगाया।

ताजा हाल : अब भी बेहतर हैं। रिसाइकिल प्रोडक्ट से हो रही कमाई।

2020 15 टन कचरे का पहाड़ खत्म किया

ट्रेचिंग ग्राउंड पर 50 साल से जमा कचरा हटा पिकनिक स्पॉट बनाया।

ताजा हाल : कचरे का पहाड़ अब भी नहीं है। निपटान हो रहा है।

2021 छह तरह का कचरा अलग किया

गीले-सूखे के अलावा प्लास्टिक, इलेक्ट्रानिक, आदि वेस्ट अलग किया।

ताजा हाल : गाड़ियों में सिक्स बिन लगे हैं, कचरा मिक्स आ रहा।

2022 पहली वाटर प्लस सेवन स्टार सिटी

सरस्वती और कान्ह की सफाई की देश की पहली वाटर प्लस सिटी बने।

ताजा हाल : तमगा खतरे में, नदी में फिर गंदगी नजर आ रही।

2023 बड़ी चुनौती-सूरत ने की हमारी बराबरी

पहली बार सीधे चुनौती मिली, सूरत बराबरी पर खड़ा हो गया।

ताजा हाल : सिटीजन फीडबैक में पिछड़ रहे यह सूरत की ताकत।

2024 7 स्टार व वाटर प्लस को बनाए रखना कठिन

गार्बेज फ्री सिटी के लिए फिर सर्वे होगा, सेवन स्टार व वाटर प्लस को बनाए रखना चुनौती। ब्लक वेस्ट जनरेटर के लिए अलग सर्वे होगा।

ग्राउंड रिपोर्ट जो नाले और गलियां सफाई की मिसाल बने थे, उनमें हर जगह गंदगी का ढेर

भास्कर टीम वैभव नगर में उद्यान के पास पहुंची तो सड़क किनारे कचरे का ढेर मिला। पास में रहने वाली अलका अग्निहोत्री ने बताया, यहां लोग लगातार कचरा फेंक रहे हैं। इसकी बार-बार शिकायत कर थक गई हूं। कचरा गाड़ी कभी आती है और थोड़ा कचरा ले जाती है, हमें ही कहा जाता है कि कचरा फेंकने वालों के नाम बताओ। इंदौर ने एक समय ऐसा भी देखा है कि लिटर बिन में कचरा फेंकने वालों को भी ढूंढकर 25-25 हजार के स्पॉट फाइन किए जाते थे।

मेन रोड किनारे डंपिंग यार्ड-कोई नहीं सुन रहा

स्कीम 140 में बाॅम्बे मल्टी के सामने सड़क किनारे कचरे का डंपिंग यार्ड बनता जा रहा है। रहवासी भगवान सिंह, रमेश और अन्य ने कहा हफ्ते-दस दिन में कभी कचरा गाड़ी आती है और कचरा ले जाती है, अक्सर ऐसे ही हालात रहते हैं।

लालाराम नगर-आदर्श बैकलेन में कचरे का ढेर

लालाराम नगर की आदर्श बैकलेन में कचरे के ढेर लगे हैं और गंदगी ही गंदगी है। रहवासियों का कहना है कि कभी-कभी कचरा गाड़ी आती है लेकिन सफाई नहीं होती। पहले बैक लेन में स्पोर्ट्स होते थे, अब सिर्फ कचरा है।

न सफाई न गंदगी करने वालों पर कार्रवाई

गीतानगर के नाले में कचरे का अंबार लगा हुआ है। रहवासी तुलसीराम कनाड़े ने बताया, दो साल पहले यह नाला एकदम साफ हो गया था। अब न सफाई हो रही है और न कचरा फेंकने वालों पर कोई एक्शन होता है।

सीधी बात – कर्मचारी रिटायर हो गए, गाड़ियां खराब हो गईं

हमारे सर्वे में सफाई व्यवस्था कई जगह लचर मिली है?
– बारिश में नाले में कचरा आता है। मैनपॉवर कम है, गाड़ियां खराब हो गई। नई गाड़ियों के लिए टेंडर कर दिया है, 15 दिनों में नई गाड़ियां आते ही ठीक हो जाएगा।
हर क्षेत्र में गंदगी के ढेर मिले?
– कई कर्मचारी रिटायर हो गए हैं। उसकी वजह से थोड़ी दिक्कत आ रही है। हमने सरकार से 1000 कर्मचारियों की मांग की है।
कचरे के ट्रक गंदगी फैला रहे?
– यह मैं दिखवा लेता हूं।

बारिश के बाद व्यवस्थाएं बदल जाएंगी, हम आठवीं बार भी नं. 1 आएंगे-मेयर
बारिश में सभी शहरों का यही हाल हो जाता है। हम भरोसा दिलाते हैं कि इंदौर को आठवीं बार भी नंबर वन बनाएंगे। नई टूल किट के सभी पैरामीटर पर इंदौर खरा उतरेगा। – , महापौर

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