राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पारित कराने में नहीं आएगी परेशानी?

राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पारित कराने में नहीं आएगी परेशानी? जानें NDA के पास कैसे बहुमत
उपचुनावों के बाद वर्तमान में राज्यसभा में 234 सांसद हैं। इसमें भाजपा के 96 सदस्य और इसके सहयोगी दलों के साथ यह संख्या 113 है। 

The BJP-led NDA has a slender majority in Rajya Sabha with the support of six nominated members

राज्यसभा – फोटो
मोदी सरकार ने हाल ही में वक्फ संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश किया। इसके बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के लिए जेपीसी का गठन किया गया। इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई दलों के 21 सांसदों को शामिल किया गया है। विधेयक को लेकर लगातार हंगामा हो रहा है। हालांकि, एनडीए के पास लोकसभा में बहुमत है, लिहाजा उसे इस विधेयक को यहां पास कराने में कोई दिक्कत नहीं होगी। वहीं, राज्यसभा की बात करें तो उसके पास छह नामित सदस्यों के समर्थन के साथ मामूली बहुमत है, जिससे कहीं न कहीं उच्च सदन का भी रास्ता साफ है। 
हाल ही में हुए उपचुनावों के बाद वर्तमान में राज्यसभा में 234 सांसद हैं। इसमें भाजपा के 96 सदस्य और इसके सहयोगी दलों के साथ यह संख्या 113 है। छह मनोनीत सदस्यों को मिलाकर एनडीए के सांसदों की संख्या 119 हो जाती है, जो 117 के बहुमत के आंकड़े से दो अधिक है।

राज्यसभा में कांग्रेस के कितने सदस्य?
राज्यसभा में कांग्रेस के 27 सदस्य हैं और इसके सहयोगी दलों के 58 सदस्य हैं। इनके जुड़ने से विपक्षी गठबंधन के सदस्यों की संख्या 85 हो गई है। प्रमुख तटस्थ दलों में नौ सदस्यों वाली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और सात सदस्यों वाली बीजद शामिल हैं।अन्नाद्रमुक के चार सदस्य, तीन निर्दलीय और छोटे दलों के अन्य सांसद हैं, जो दोनों बड़े समूहों में से किसी से भी नहीं जुड़े हैं।

जम्मू-कश्मीर की चार सीटें खाली
जम्मू-कश्मीर से उच्च सदन में चार सीटें खाली हैं क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश को अभी तक अपनी पहली विधानसभा नहीं मिली है। इससे राज्यसभा की प्रभावी संख्या घटकर 241 रह गई है। फिलहाल 11 सीटें खाली हैं। इसमें से जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश और नामित में चार-चार खाली हैं। वहीं ओडिशा में एक सीट खाली है। वाईएसआरसीपी के दो और बीजद के एक सदस्य ने हाल ही में राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

यह लोग हो सकते हैं भाजपा में शामिल
बीजद सदस्य सुजीत कुमार हाल ही में भाजपा में शामिल हो गए। उनके उपचुनाव जीतने की उम्मीद है क्योंकि ओडिशा विधानसभा में उनके पास पर्याप्त समर्थन हैं। वाईएसआरसीपी के दो सदस्यों एम वेंकटरमण राव और बी मस्तान राव ने पिछले महीने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। कयास लगाए जा रहे हैं कि यह लोग भाजपा के सहयोगी टीडीपी में शामिल हो सकते हैं, जो आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी है।

यह हैं भाजपा के सहयोगी दल
राज्यसभा में भाजपा के सहयोगियों में जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), जनता दल (सेक्युलर), रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले), शिवसेना, राष्ट्रीय लोक दल, नेशनल पीपुल्स पार्टी, पीएमके, तामिल मनीला कांग्रेस और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) शामिल हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *