डीए, पीएलबी-एडहॉक बोनस जारी न होने से कर्मियों में रोष ?

डीए, पीएलबी-एडहॉक बोनस जारी न होने से कर्मियों में रोष, यूं केंद्र सरकार कमा रही मोटा लाभ
केंद्र सरकार के कर्मियों के लिए महंगाई भत्ते ‘डीए’ की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा कई माह देरी से की जाती है। इसके द्वारा सरकार, खुद मोटा लाभ कमा लेती है। चूंकि डीए या डीआर की दरों में हुई बढ़ोतरी से सरकार पर हजारों करोड़ रुपये का भार पड़ता है। ऐसे में सरकार, डीए या डीआर की घोषणा, तीन चार माह देरी से करती है। इस अवधि के दौरान सरकार का पैसा निवेश होता है, जिस पर उसे अच्छा खासा ब्याज मिलता है।

केंद्रीय कर्मचारियों के डीए में बढ़ोतरी, उत्पादकता से जुड़ा बोनस (पीएलबी) और एडहॉक बोनस जारी होने में देरी हो रही है। अमूमन ये सभी बोनस या दूसरे आर्थिक फायदे, सितंबर माह में जारी हो जाते हैं। इस बार अक्तूबर प्रारंभ हो गया है, लेकिन इन भत्तों और बोनस की घोषणा अभी तक नहीं की गई है।

नतीजा, इस देरी के चलते केंद्रीय कर्मचारियों में रोष है। ‘कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स’ के महासचिव एसबी यादव ने 30 सितंबर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर उक्त भत्तों और बोनस को अविलंब जारी करने की मांग की है।

यादव ने कहा कि इन भत्तों व बोनस का भुगतान, अक्तूबर के पहले सप्ताह में हो जाता था। इस बार केंद्र सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। अगर अक्तूबर माह में केंद्र सरकार, भत्तों व बोनस देने की घोषणा करती है तो उनका भुगतान नवंबर में हो सकेगा। दूसरी तरफ इन भत्तों को तय समय पर जारी न कर सरकार, मोटा लाभ कमा रही है। 

डीए और डीआर और बोनस देने की घोषणा करे सरकार …  
‘कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स’ के महासचिव यादव ने बताया, ‘वित्त मंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि महंगाई भत्ता ‘डीए’ और महंगाई राहत ‘डीआर’ एक जुलाई से देय है। अभी तक इन भत्तों की घोषणा नहीं की गई है। आमतौर पर सितंबर के आखिरी सप्ताह में इसकी घोषणा कर दी जाती थी। इसके बाद अक्तूबर के पहले सप्ताह में कर्मचारियों को तीन महीने का बकाया भुगतान किया जाता था। इन भत्तों की घोषणा में हो रही देरी को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में गहरा असंतोष है। नवरात्रि, दुर्गा पूजा उत्सव, दशहरा व दीवाली पर पीएलबी और एडहॉक बोनस की भी घोषणा होनी है। अभी तक यह घोषणा भी नहीं हो सकी है।’ यादव ने अपने पत्र में कहा है कि परिसंघ उपरोक्त मामले में आपके तत्काल हस्तक्षेप की मांग करता है। वित्त मंत्री से अनुरोध है कि वे तत्काल प्रभाव से डीए-डीआर और बोनस देने की घोषणा करें। 

निवेश पर मिलता है अच्छा खासा ब्याज 
बता दें कि केंद्र सरकार के कर्मियों के लिए महंगाई भत्ते ‘डीए’ की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा कई माह देरी से की जाती है। इसके द्वारा सरकार, खुद मोटा लाभ कमा लेती है। चूंकि डीए या डीआर की दरों में हुई बढ़ोतरी से सरकार पर हजारों करोड़ रुपये का भार पड़ता है। ऐसे में सरकार, डीए या डीआर की घोषणा, तीन चार माह देरी से करती है। इस अवधि के दौरान सरकार का पैसा निवेश होता है, जिस पर उसे अच्छा खासा ब्याज मिलता है। कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव कहते हैं, नियमानुसार, पहली जनवरी और पहली जुलाई से महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत में बढ़ोतरी करने का प्रावधान है, लेकिन केंद्र सरकार हर दफा यह घोषणा करने में तीन चार माह की देरी कर देती है। अमूमन सितंबर में डीए की घोषणा हो जाती है, लेकिन इस बार अभी तक सरकार ने डीए बढ़ोतरी को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है। 

सरकार बचा लेती है हजारों करोड़ रुपये
अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव और राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) स्टाफ साइड के वरिष्ठ सदस्य सी.श्रीकुमार ने कहा, सरकार को इस मामले में देरी नहीं करनी चाहिए। जब पहली जनवरी और पहली जुलाई से डीए बढ़ोतरी का नियम है तो इसमें कई माह की देरी क्यों हो रही है। केंद्र सरकार के लगभग 48 लाख कर्मियों और 62 लाख पेंशनरों को डीए/डीआर में बढ़ोतरी का फायदा मिलता है। ऐसे में सरकार को हजारों करोड़ रुपये कर्मियों की सेलरी में देने पड़ते हैं। अगर यह राशि देने में तीन चार माह की देरी होती है तो सरकार हजारों करोड़ रुपये बचा लेती है। 

सरकार ने डीए व डीआर पर लगा दी थी रोक
केंद्र सरकार ने 2020 के शुरु में यह घोषणा की थी कि सरकारी कर्मियों को डीए/डीआर व दूसरे भत्ते नहीं मिलेंगे। केंद्र सरकार ने कोविड-19 की आड़ लेकर सरकारी कर्मियों और पेंशनरों के डीए/डीआर पर रोक लगा दी थी। केंद्र सरकार ने उस वक्त कर्मियों के 11 फीसदी डीए का भुगतान रोक कर 36 हजार करोड़ रुपये बचा लिए थे। तब केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था, 28 फीसदी के हिसाब से महंगाई भत्ता मिलेगा। उस वक्त उन्होंने एरियर को लेकर कोई बात नहीं कही। केंद्रीय मंत्री की घोषणा का अर्थ यह था कि बढ़े हुए डीए की दर एक जुलाई 2021 से 28 फीसदी मान ली जाए। इसके अनुसार जून 2021 और जुलाई 2021 के बीच डीए में एकाएक 11 फीसदी वृद्धि हो गई, जबकि डेढ़ साल की अवधि में डीए की दरों में कोई वृद्धि दर्ज नहीं की गई। एक जनवरी 2020 से लेकर एक जुलाई 2021 तक डीए/डीआर फ्रीज कर दिया गया था।

वन टाइम सेटलमेंट करने की दी थी सलाह
केंद्रीय कर्मचारियों के 18 महीने से रुके डीए एरियर के भुगतान को लेकर कर्मचारी संगठनों ने केंद्र सरकार को कई तरह के विकल्प सुझाए थे। इनमें एरियर का एकमुश्त भुगतान भी शामिल था। इतना ही नहीं, स्टाफ साइड के सचिव शिव गोपाल मिश्रा व अन्य सदस्यों ने एरियर जारी करने को लेकर सरकार से यह भी कहा था कि अगर वह किसी दूसरे तरीके पर चर्चा करना चाहती है तो कर्मचारी संगठन उसके लिए भी तैयार हैं। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्ते व महंगाई राहत के एरियर का बकाया देने के लिए भारतीय पेंशनर्स मंच ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की थी। मंच ने पीएम को लिखी चिट्ठी में इस मामले का शीघ्र निस्तारण करने का आग्रह किया था। मंच की ओर से कहा गया था कि केंद्र सरकार की ओर से अगर बकाया एरियार का भुगतान जाता है तो उसका सीधा फायदा मौजूदा 48 लाख कर्मचारियों व 62 लाख पेंशनभोगियों को पहुंचेगा। हालांकि इस संबंध में सरकार ने कोई घोषणा नहीं की है।

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