ग्वालियर : परिवहन विभाग गजब … प्रदेश में 38 में से सिर्फ एक आरटीओ ?

एक उप परिवहन आयुक्त 10 संभाग का संभाल रहे काम
प्रदेश में 38 में से सिर्फ एक आरटीओ, 11 एआरटीओ के पास 23 जिलों का चार्ज

परिवहन विभाग गजब है। पूरे विभाग में 1700 पद हैं। इनमें 50% पद खाली हैं। यह वही विभाग जो हर साल में 4200 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व वसूलकर सरकार का खजाना भरता है। लेकिन विभाग इन दिनों प्रभार के भार तले दबा हुआ है। विभाग के पास न सिर्फ कर्मचारियों की कमी है, बल्कि प्रदेश के 38 जिलों में आरटीओ के पद हैं।

इनमें वर्तमान में केवल एक आरटीओ ग्वालियर जिले में एचके सिंह बचे हैं। वह भी इस माह 31 अक्टूबर को रिटायर्ड हो जाएंगे जिसके बाद ग्वालियर का भी किसी एआरटीओ को आरटीओ का प्रभार सौंपा जाएगा। हालांकि निर्मल कुमरावत आरटीओं हैं लेकिन उनकी जांच चलने के कारण उन्हें मुख्यालय में अटैच किया है।

ग्वालियर का आरटीओ का प्रभार लेने के लिए कई एआरटीओ भोपाल के चक्कर काट रहे हैं। एक ही आरटीओ होने के कारण 23 जिलों के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय प्रभारी आरटीओ के भरोसे चल रहे हैं। 13 ऐसे एआरटीओ हैं जिनके पास 2 से 3 जिलों का प्रभार है। इससे वे प्रभार वाले जिले में नियमित बैठ नहीं पाते। इससे ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट व फिटनेस के काम नहीं हो पा रहे हैं। क्योंकि आरटीओ द्वारा मंजूरी के बाद ही इनके कार्ड जारी किए जाते हैं।

डिप्टी टीसी फाइनेंस व एआटीओ काे कई प्रभार दिए

परिवहन मुख्यालय में कार्यरत डिप्टी टीसी फाइनेंस प्रमोद सक्सेना को 2 अतिरिक्त प्रभार दिए हैं। उनके पास ज्वाइंट टीसी फाइनेंस व डिप्टी टीसी शिकायत का काम भी है। वहीं संभागीय उप-परिवहन आयुक्त कार्यालय में तैनात एआरटीओ रिंकू शर्मा को डिप्टी टीसी तकनीकी व स्टेट एडमिन का काम दिया है। जबकि अन्य राज्यों में एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर लेवल के अफसरों को यह प्रभार दिया जाता है। परिवहन विभाग ने सतना,विदिशा, निवाड़ी, मंदसौर में आरटीओ के काम काज संभालने की जिम्मेदारी चार परिवहन निरीक्षकों को दे दी है।

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