जेलों में सुधार का कानून लागू नहीं कर पाई सरकार !

जेलों में सुधार का कानून लागू नहीं कर पाई सरकार
अब एक जनवरी से लागू करने का फैसला, कैदियों की कुंडली के हिसाब से होंगे बैरक

प्रदेश सरकार जेलों में सुधार के लिए लाए गए कानून को गांधी जयंती से लागू नहीं कर पाई है। अब यह कानून एक जनवरी 2025 से लागू करने का फैसला किया गया है। इस एक्ट में कहा है कि जेलों में व्यवस्था संबंधी बदलाव कर कैदियों के पुनर्वास और समाज में उनके एकीकरण की दिशा में काम किए जाएंगे। सरकार इसके लिए केंद्रीय जेल के साथ जिला और उप जेलों की व्यवस्थाओं में बदलाव भी लाएगी ताकि जेलों में क्षमता से अधिक मौजूद कैदियों, विचाराधीन बंदियों को बैरक, सेल और अन्य सुविधाएं मिल सकें। कैदियों की कुंडली के हिसाब से बैरक भी तय करने की बात नए कानून में कही गई है।

जेल विभाग ने 13 अगस्त को जारी किए गए आदेश में कहा था कि प्रदेश में गांधी जयंती (2 अक्टूबर) के दिन से मध्य प्रदेश सुधारात्मक सेवाएं और बंदीगृह अधिनियम 2024 को लागू किया जाएगा। यह आदेश सरकार की प्रबंधन संबंधी तैयारियों में कमी के चलते टालना पड़ा है और अब इसके लिए विभाग द्वारा किए गए नए नोटिफिकेशन में एक जनवरी 2025 से इसे लागू करने के लिए कहा है। एमपी का यह कानून केंद्र सरकार के द्वारा कैदियों की सुविधाओं और जेल में रहने के दौरान उनके आचरण में बदलाव तथा पुनर्वास को लेकर तैयार किए गए प्रावधानों के आधार पर बनाया है।

डायरेक्ट्रेट देखेगा प्रशासनिक सिस्टम

  • प्रदेश में कैदी और सुधारात्मक सेवा का एक डायरेक्ट्रेट होगा।
  • यह सरकार द्वारा लागू की जाने वाली नीतियों को क्रियान्वित कराने के लिए जवाबदेह होगा।
  • इसमें जिम्मेदार अधिकारियों की पद स्थापना की जाएगी।
  • हर जेल में एक अधीक्षक और अन्य अधिकारी होंगे जिनकी जिम्मेदारी होगी कि वे जेल में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएं।
  • चिकित्सा अधिकारी की भूमिका पर भी खास ध्यान रखा जाएगा जो कैदियों की मृत्यु पर रिपोर्ट देने के साथ अन्य रिपोर्ट अधीक्षक को देगा।
  • सरकार जेल और सुधारात्मक संस्था को कम्प्यूटरीकृत करेगी।
  • डेटाबेस को जेल प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार की कम्प्यूटरीकृत सिस्टम के साथ एकीकरण करने का काम करेगी।
  • इस कानून में यह प्रावधान भी है कि कैदियों के प्रवेश, उनके स्थानांतरण को लेकर भी प्रबंधन किया जाएगा।

इन अलग कैटेगरी में बांटे जाएंगे कैदी

कैदियों को अलग-अलग कैटेगरी में बांटा जाएगा जिसमें सिविल कैदी, आपराधिक कैदी, नजरबंद कैदी शामिल किए गए हैं। इसके अलावा दोष सिद्ध कैदी, विचाराधीन कैदी, मादक पदार्थों के सेवन के आदी और शराबी अपराधी, पहली बार के अपराधी तथा विदेशी कैदी के रूप में भी इनका विभाजन किया जाएगा।

इसी कैटेगरी में आदतन अपराधी, हाई रिस्क वाले कैदी, वृद्ध और अशक्त कैदी, मृत्युदंड पाए कैदी, मानसिक रोग से ग्रस्त कैदी, संक्रामक और पुरानी बीमारियों से पीड़ित कैदी, आवर्ती अपराधी, महिला कैदी, महिला कैदी के साथ बच्चे, पुरुष कैदी के साथ बच्चे, युवा अपराधी भी शामिल किए गए हैं। इन्हें अलग-अलग बैरक और सेल में रखा जाएगा।

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