भोपाल जिले की सीमाओं पर…. एक साल में काट दी 150 अवैध कॉलोनियां ?
भोपाल शहर से सटे खेतों पर भूमाफिया की नजर, एक साल में काट दी 150 अवैध कॉलोनियां
अवैध कॉलोनियों में लोग प्लॉट लेकर सिर्फ रजिस्ट्री के आधार पर ही दो से तीन मंजिला मकान तान रहे हैं। शहरी सीमा से लगे क्षेत्रों में अधिकांश जगह पर डायवर्सन, टीएंडसीपी सहित अन्य अनुमति लोगों के पास नहीं है।
- सस्ते दाम का लालच देकर लोगों को जमीन बेच रहे बिल्डर।
- डायवर्जन, टीएंडसीपी सहित अन्य सुविधा के दावे खोखले।
- किसानों की खेतिहर जमीन पर बड़े बिल्डरों की नजर।
भोपाल। जिले की सीमाओं पर डायवर्सन, टीएंडसीपी सहित अन्य अनुमति लिए बिना ही खेतों में अवैध कॉलोनियां विकसित की जा रही हैं। दरअसल, शहरी क्षेत्र में जमीनों के दाम अधिक होने से अब भूमाफिया की नजर खेतों पर है। पिछले एक वर्ष में भूमाफिया ने 150 से अधिक अवैध कॉलोनियां काट दी हैं। यह लोगों को सस्ते दामों का लालच देकर प्लॉट, फार्म हाउस बेचते हैं। प्लॉट लेने के बाद लोगों को सुविधाओं और अनुमतियों के लिए तहसील कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा अवैध कॉलोनियों को लेकर दिए गए निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने सख्ती की थी, लेकिन अब यह कार्रवाई धीमी हो गई है।
स्वीमिंग पूल, क्लब हाउस का कर रहे दावा
राजधानी के आसपास बाइपास, राज्य और राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरने से जमीनों की कीमत तेजी से बढ़ती जा रही है। ऐसे में किसानों की खेती की जमीन पर बड़े बिल्डरों की नजर है। वे पहले किसानों को अपने झांसे में लेते हैं और करोड़ों रुपये का प्रलोभन दिखाकर उसमें हिस्सेदारी करते हैं। इसके बाद अच्छी कमाई कराने का लालच देकर उनकी जमीनों पर अवैध कॉलोनी विकसित करते हैं। यहां एक हजार से डेढ़ हजार रुपये वर्ग फीट तक प्लॉट बेचे जाते हैं। इसके लिए वहां स्वीमिंग पूल, क्लब हाउस, बिजली, पानी, सड़क, पार्क आदि सुविधाएं होने का दावा भी किया जाता है।
भूमि उपयोग बदले बिना बेच रहे प्लॉट
खेतों में कालोनी काटने के लिए सबसे पहले भूमि उपयोग बदला जाना चाहिए। जहां अवैध कालोनी काटी जा रही हैं, वहां अब भी भूमि उपयोग कृषि है। इनमें लांबाखेड़ा, ईंटखेड़ी, अचारपुरा, गोलखेड़ी, बीनापुर, दुपाड़िया, हर्राखेड़ा, अरवलिया, परवलिया, जगदीशपुर, श्यामपुर, देवलखेड़ी, सेमरा, मुगालिया कोट, सूखीसेवनियां, बालमपुर, परवलिया सड़क, चंदूखेड़ी, मुबारकपुर, भौंरी, भैंसाखेड़ी, कोलूखेड़ी, मुगालिया छाप, ईंटखेड़ी छाप सहित आसपास के क्षेत्र शामिल हैं।
रजिस्ट्री कराकर ताने जा रहे मकान
अवैध कॉलोनियों को लेकर जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई न के बराबर ही की जा रही है। यही कारण है कि अवैध कॉलोनियों में लोग प्लॉट लेकर सिर्फ रजिस्ट्री के आधार पर ही दो से तीन मंजिला मकान तान रहे हैं। शहरी सीमा से लगे क्षेत्रों में अधिकांश जगह पर डायवर्सन, टीएंडसीपी सहित अन्य अनुमति लोगों के पास नहीं है। पिछले महीनों में हुजूर तहसील में सर्वे किया गया था। जिसमें 70 से अधिक अवैध कॉलोनियां चिह्नित की गईं थी। इनमें से अब तक सिर्फ आधा दर्जन पर ही कार्रवाई की गई है।
यहां काटी जा रही थी खेतों में अवैध कॉलोनी
– 15 सितंबर को हुजूर तहसील के ग्राम सेमरी, ग्राम छापरी में संदीप शर्मा व अन्य के द्वारा वाटिका, सिद्धी विनायक नाम से अवैध कॉलोनी विकसित की जा रही थी।
– 27 सितंबर को हुजूर तहसील में रोलुखेड़ी में अर्जुन सिंगरोले, महेश सिंगरोले और सोनू शर्मा द्वारा गोकुल ग्रीन नाम से अवैध कॉलोनी काटी जा रही थी।
– पांच अक्टूबर को ग्राम बिलखिरिया कला स्थित जमीन पर मनोज कुमार द्वारा अवैध कॉलोनी का निर्माण कर प्लॉट बेचे जा रहे थे।
जिले में अवैध कॉलोनियों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई की जा रही है। सभी एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं कि अवैध कॉलोनियों में बेचे जा रहे प्लाटों पर रोक लगाई जाए। अभी तक 70 से अधिक अवैध कॉलोनियों को चिह्नित कर अनुमति संबंधी दस्तावेज मांगे हैं। नहीं देने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर, भोपाल