kanpur police ka khel … रेलबाजार थाने के एसओ समेत पांच पुलिसकर्मी बनेंगे सह अभियुक्त ?
UP: रेलबाजार थाने के एसओ समेत पांच पुलिसकर्मी बनेंगे सह अभियुक्त, एक लाख लेकर छोड़ा था चोर…बेच दिए थे जेवर
कानपुर में शिक्षिका के घर हुई चोरी के मामले में कमिश्नरी पुलिस बड़ी कार्रवाई करने जा रही है। अब बर्रा पुलिस इस मामले में रेलबाजार थाना प्रभारी रहे विजय दर्शन शर्मा, ट्रेनी दरोगा, दो हेड कांस्टेबलों व गाड़ी चालक सिपाही को भी सह अभियुक्त बनाएगी। एडिशनल सीपी हरीश चंदर के कहने पर इसकी कवायद शुरू हो गई है। चोर से बरामद जेवर बेचने में फंसे एसओ रहे विजय दर्शन, ट्रेनी दरोगा और दोनों हेड कांस्टेबल पहले ही निलंबित हो चुके हैं।
अब मंगलवार को एसओ के चालक सिपाही को भी निलंबित कर दिया गया है। उस पर आरोप है कि उसने चोरी का माल बेचने व गलाने में मदद की थी। अब सह अभियुक्त बनाए जाने पर पांचों को गिरफ्तार किया जा सकता है। बर्रा निवासी शिक्षिका शालिनी दुबे के घर 30 सितंबर को चोरी हो गई थी। जांच में जुटी बर्रा पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से रामाश्रयनगर के सुनील उर्फ पुछकटी को पकड़ा था। पूछताछ के दौरान पता चला था कि थाना रेलबाजार की पुलिस ने पहले उसे एक मामले में पकड़ा था।
प्रारंभिक जांच में आरोप सही मिलने पर एसओ रेलबाजार विजय दर्शन शर्मा, प्रशिक्षु दरोगा नवीन श्रीवास्तव, हेड कांस्टेबल सुभाष तिवारी व हेड कांस्टेबल हामिल हफीज को निलंबित कर एडीसीपी पूर्वी राजेश श्रीवास्तव को विस्तृत जांच सौंप दी गई। चूंकि चोरी का माल बेचना भी अपराध है इसलिए बर्रा पुलिस चोर सुनील के साथ विजय दर्शन व तीन अन्य पुलिस कर्मियों को सह आरोपी बनाने की तैयारी कर रही है। एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने बताया कि जांच तेजी से पूरी कर चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
लगातार विवादों में रहने के बाद भी विजय दर्शन को चौकी-थाने का चार्ज मिलना सवालों के घेरे में आ गया है। विजय पर 2018 में एक जिम ट्रेनर को गोली मारने का आरोप लगा था। कानपुर में क्राइम ब्रांच और सनिगवां चौकी प्रभारी रहते भी कई सवाल उठे थे। इसके बावजूद उसे थानों का चार्ज मिलता रहा। अब पुलिस अधिकारी इस बात की जांच करा रहे हैं कि विजय दर्शन को थानों-चौकी का चार्ज कैसे मिलता रहा। डीसीपी पूर्वी ने कहा कि मामले की हर पहलु की विस्तृत जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही कुछ कहा जा सकता है।
चोरी के जिस मामले में विजय दर्शन व अन्य पुलिस कर्मियों को सह आरोपी बनाने की कवायद चल रही है, उसमें अगर आरोप सिद्ध हो गए तो उम्र कैद तक की सजा हो सकती है। साथ ही सभी की बर्खास्तगी भी संभव है।
वहीं, घाटमपुर में मोमबत्ती व्यापारी से वसूली मामले में सोमवार को हिरासत में लिए गए कस्बा चौकी के इंचार्ज व ट्रेनी दरोगा को मंगलवार को मेडिकल के बाद कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। पुलिस अब चौथे आरोपी की तलाश में जुट गई है।
मंगलवार दोपहर को आरोपी कस्बा चौकी इंचार्ज रहे आशीष कुमार, ट्रेनी दरोगा अनुज नागर और सभासद पति राजपूत साहू का मेडिकल सीएचसी मेडिकल कराया गया। इस दौरान इनके आसपास दर्जनभर पुलिस कर्मी घेरा बनाए खड़े रहे और मीडिया कर्मियों से बचाने का प्रयास करते रहे। थाना प्रभारी धनंजय कुमार पांडेय ने बताया कि दोनों दरोगाओं और सभासद पति को इसके बाद कोर्ट में पेश किया गया, जबकि चौथे आरोपी की तलाश की जा रही है।
मोमबत्ती व्यापारी से 50 हजार वसूली मामले में एक बड़ी चूक सामने आई है। दर्ज एफआईआर में ऑनलाइन रुपये लेने वाले मेडिकल स्टोर संचालक आशीष पांडेय की बजाय उसके बड़े भाई शेखर पांडेय को आरोपी बना दिया गया। यह तब हुआ जब सोमवार शाम तक पुलिस अधिकारी आशीष का नाम मुकदमे में शामिल करने की भी बात कह रहे थे।
एसीपी घाटमपुर रंजीत कुमार ने भी इसकी तस्दीक की थी। अब एसीपी का कहना है कि तहरीर के अनुसार केस दर्ज किया गया है। जांच की जा रही है। जांच में सामने आने वाले तथ्यों के अनुसार आरोपियों के नाम व धाराएं घटाई-बढ़ाई जाएंगी।