फर्जी जज ने ठिकाने लगा दी करोड़ों की जमीन, कोर्ट से लेकर फैसले तक की कहानी पर नहीं होगा यकीन
गुजरात के गांधीनगर में एक वकील (मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन) ने फर्जी कोर्ट फर्जी जज और फर्जी याचिकाकर्ता तैयार कर लगभग सौ एकड़ सरकारी जमीन अपने नाम कर ली। इस मामले में अब एक के बाद एक नई कड़ी खुलने लगी है। ऑर्डर पारित करने वाले फर्जी जज मॉरिस के कई पीड़ित सामने आ रहे हैं। आइए जानते हैं इस फर्जीवाड़े की पूरी कहानी…
- फर्जी जज को अदालत ने पुलिस हिरासत में भेज
- सौ एकड़ सरकारी जमीन कराई अपने नम
- वह खुद को कोर्ट का आर्बिट्रेटर बताता था
शिकायत के बाद पर्दाफाश
मोटी फीस लेकर सुनाता फैसला
कैसे शुरू हुई कहानी?
जुलाई 2007 में मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन ने बार काउंसिल में कानूनी लाइसेंस के लिए आवेदन किया। हालांकि, दिसंबर 2007 में उनके दस्तावेजों के सत्यापन के बाद, यह पुष्टि हुई कि उन्हें आवश्यक योग्यताएं पूरी करनी होंगी।
गुजरात बार काउंसिल ने अंतर्राष्ट्रीय बार काउंसिल में उनकी सदस्यता के दावे को खारिज कर दिया, यह स्पष्ट करते हुए कि ऐसी सदस्यता किसी को भी भारतीय अदालतों में कानून का अभ्यास करने के लिए अधिकृत नहीं करती है।
एक मामला ये भी
गांधीनगर के अडालज में अहमदाबाद मेहसाणा हाइवे पर स्थित हनुमान मंदिर की जमीन को भी मोरिस ने कब्जाने का प्रयास किया, लेकिन ट्रस्ट के सदस्य संतों ने राजस्व कार्यालय से पता किया तो उसके फर्जी होने का पता चला।
15 साल से चला रहा था फर्जी कोर्ट
सिटी सिविल कोर्ट अहमदाबाद के निर्देश पर कारंज पुलिस ने गांधीनगर के वकील मोरिस सेम्युअल क्रीश्चियन को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो पता चला कि वह गांधीनगर के सेक्टर-15 में कई वर्षों से फर्जी कोर्ट चला रहा था। पहले वह सरकारी जमीन या विवादित जमीन की खोज करता, इसके बाद किसी व्यक्ति को तैयार कर अपनी फर्जी कोर्ट में एक याचिका लगवाकर सुनवाई करता।
ऐसे खुली फर्जी जज की पोल
मॉरिस सैमुअल क्रिश्चियन सरकारी अधिकारी अथवा कोर्ट के समक्ष वह खुद को कोर्ट का आर्बिट्रेटर बताता था। अहमदाबाद पालड़ी के बाबूजी छनाभाई ठाकोर की जमीन पर कब्जा करने के लिए मोरिस ने स्वयं की फर्जी कोर्ट से अपने ही पक्ष में फैसला दिया तो सिटी सिविल जज की कोर्ट ने पूछा कि यह आदेश किसने और किन दस्तावेजों के आधार पर दिया। इसके बाद उसका फर्जीवाड़ा सामने आ गया। कोर्ट के निर्देश पर मोरिस के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया। आगे की जांच जारी है।