जम्मू-कश्मीर : ‘तीन सिद्धांतों पर काम कर रही मेरी सरकार ?

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने विधानसभा के सत्र में राज्य को पूर्ण दर्जा बहाल करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार इकोनॉमी इकोलॉजी और इक्विटी के सिद्धांतों पर काम करेगी। गरीबी उन्मूलन और रोजगार सृजन के लिए रंगराजन समिति की सिफारिशों को लागू किया जाएगा। विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं की सम्मानजनक वापसी के लिए भी सभी प्रयास किए जाएंगे।

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एलजी मनोज सिन्हा ने सदन में किया वादा, 200 यूनिट मिलेगी फ्री बिजली।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। छह वर्ष नौ माह बाद पहली बार सोमवार को जम्मू कश्मीर विधानसभा का सत्र उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ। लगभग 34 मिनट के इस भाषण में उपराज्यपाल ने अपनी सरकार की प्राथमिकताओं और जन कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराते हुए जम्मू कश्मीर को सभी संवैधानिक अधिकारों के साथ जम्मू कश्मीर के लिए राज्य के दर्जे की पुनर्बहाली का यकीन दिलाया।
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार अर्थव्यवस्था, पारिस्थितिकी और समानता (इकोनामी, इकोलाजी और इक्विटी) के तीन सिद्धांतों पर लगातार काम करेगी, जो जम्मू-कश्मीर और इसके नागरिकों के भविष्य को आकार देंगे।
उन्होंने गरीबी उन्मूलन और रोजगार सृजन के लिए रंगराजन समिति की सिफारिशों को लागू करने, विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं की सम्मानजनक वापसी के लिए भी सभी प्रयास करने और जम्मू कश्मीर में सभी नागरिकों के लिए 200 यूनिट निशुल्क बिजली उपलब्ध कराने का भी यकीन दिलाया।

भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने के लिए प्रतिबद्ध
राज्यपाल मनोज सिन्हा ने अपने भाषण में लगभग 25 बार मेरी सरकार शब्द का प्रयोग करत हुए 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में पुनर्गठन के बाद एक परिवर्तनकारी युग की शुरुआत को चिह्नित किया।
उन्होंने भ्रष्टाचारमुक्त सरकार और प्रशासन का यकीन दिलाते हुए मेरी सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति प्रतिबद्ध है, ताकि संसाधनों का कुशल और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। मेरी सरकार इस नीति को कठोरता से लागू करेगी ताकि सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी सुनिश्चित हो सके।
किसी भी प्रकार के संसाधनों के अप्रभावी उपयोग या गलत आवंटन की जांच की जाएगी और आवश्यक सुधार किए जाएंगे, ताकि जम्मू-कश्मीर के लोग प्रत्येक पैसे का पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकें।

लोगों की लोकतांत्रिक भावना की सराहना की

लोकसभा और विधानसभा चुनाव में उच्च मतदाता मतदान का उल्लेख करते हुए उन्होंने लोगों की लोकतांत्रिक भावना की सराहना की। यह लोकतंत्र की स्थायी भावना, हमारे संस्थानों की मजबूती और इस क्षेत्र के लोगों के लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व में उनके विश्वास का प्रतीक है। इस सभा की पुनर्स्थापना का साक्षी बनना एक सम्मान है, जो एक बार फिर जम्मू और कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करता है।

उन्होंने कहा कि 2024 के चुनावों का सबसे उत्साहजनक पहलू उच्च मतदान था था,विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां परंपरागत रूप से अलगाववादी विचारधारा से सहानुभूति रखने वाले चंद लोगों के कारण पूर्ण भागीदारी संभव नहीं हो पाई थी। यह मतदान मतदान इस बात का संकेत है कि जम्मू कश्मीर के लोग अपनी चिंताओं और आकांक्षाओं को व्यक्त करने के लिए चुनावी भागीदारी को एक सशक्त माध्यम के रूप में देखते हैं।

राज्य के दर्जे की तत्काल बहाली का प्रस्ताव पारित

उन्होंने किमेरी सरकार जनता की आकांक्षाअेां और आशाओं को साकार करने, अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार है। राज्य का दर्जा बहाल करने की आकांक्षा आज भी प्रबल है प्रधानमंत्री ने कई अवसरों पर राज्य का दर्जा बहाल करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। जम्मू-कश्मीर के मंत्रिपरिषद ने हाल ही में राज्य के दर्जे की तत्काल बहाली का प्रस्ताव पारित किया है।
यह प्रस्ताव निर्वाचित प्रतिनिधियों की सामूहिक इच्छाशक्ति को प्रतिबिंबित करता है, जो लोगों की पूर्ण लोकतांत्रिक शासन की पुनर्स्थापना की आकांक्षाओं को प्रतिध्वनित करता है। मेरी सरकार राज्य का पूर्ण दर्जा एवं राज्य को प्राप्त संवैधानिक गारंटियों की बहाली के लिए हर संभव प्रयास करेगी। यह जम्मू और कश्मीर के लोगों द्वारा हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों में जताए गए विश्वास का एक उचित प्रत्युत्तर होगा।

तीन सिद्धांतों पर हमारी सरकार कर रही काम

उपराज्यपाल ने जनता से किए गए वादों को पूरा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए कहा कि इससे आमजन राजनीतिक सशक्तिकरण सुनिश्चित होगा। बेहतर जीवन स्तर कीउनकी आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए रोजगार अनुकूल वातावरण, सतत विकास, सामाजिक समावेशन और अर्थव्यवस्था का विस्तार किया जाएगा। मेरी सरकार भविष्य को आकार देने वाले तीन सिद्धांतों- इकॉनमी, इकोलॉजी और इक्विटी – पर लगातार काम करेगी।

उन्होंने वर्ष 2011 में डा सी रंगराजनसमिति की की रिपोर्ट की सिफारिशों के अनुरूप जम्मू-कश्मीर में नौकरियों के सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम करने का यकीन दिलाय। उन्होंने योग्य परिवारों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान करने का यकीन दिलाते हुए कहा कि इसके लिए आवश्यक औपचारिकताओं को तय कियाजा रहा है।
उन्होंने कहा कि 3014 मेगावाट की क्षमता वाले चार मेगा हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजनाओं का कार्यान्वयन 2026 तक जल विद्युत उत्पादन क्षमता को दोगुना करने के लिए तेज किया जाएगा। 1818 मेगावाट की चार और मेगा हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजनाओं पर भी काम शुरू करने के लिए तेजी से प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने सभी सरकारी भवनों को 300 मेगावाट की अनुमानित क्षमता के साथ सोलराइज करने, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत प्रारंभ में 84,000 परिवारों को सोलराइज करने का भी यकीन दिलाया।
विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं की सम्मानजनक कश्मीर वापसी के लिए सभी प्रयास करने का यकीन दिलाते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि उनके लिए एक सुरक्षित और संरक्षित वातावरण बनाया जाएगा। कश्मीरी माइग्रेंट कर्मचारियों के लिए ट्रांजिट आवास परियोजनाओं पर काम को तेज किया जाएगा ताकि उन्हें निर्धारित स्थानों पर उपयुक्त आवास प्रदान किया जा सके।
उन्होंने जम्मू कश्मर के विकाास में सभी से सहयोग का आग्रह करते हुए कहा कि जम्मू और कश्मीर अपने इतिहास के महत्वपूर्ण दहलीज पर खड़ा है, जिसमें विशाल संभावनाएं और अवसर हैं। यह परिवर्तन केवल सरकारी प्रयास नहीं है।
यह एक सामूहिक यात्रा है, जो सभी समुदायों, संस्थानों और समाज के वर्गों में एकता की मांग करती है। आज, जब हम इस यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं, मैं आप से आग्रह करता हूं कि समृद्ध, समावेशी और अग्रदृष्टि वाले जम्मू और कश्मीर के निर्माण में सक्रिय और प्रतिबद्ध भूमिका निभाएं।
यह बिना किसी पक्षपात का अवसर दिए उद्देश्य की एकता और जम्मू और कश्मीर के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता के साथ किया जाना चाहिए। हमारा लक्ष्य एक ऐसा जम्मू और कश्मीर है जहां हर व्यक्ति को आगे बढ़ने का अवसर मिले, और जहा हर नागरिक अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच सके।
आइए, हम मिलकर एक ऐसा समाज बनाने के लिए काम करें जहां आर्थिक विकास समावेशी हो, जहां सामाजिक सद्भाव कायम हो, और जहां सभी के लिए प्रचुर अवसर हों। एक समृद्ध और जीवंत जम्मू और कश्मीर हमारे सामने है, और यह हम में से प्रत्येक का दायित्व है कि इस ऐतिहासिक परिवर्तन में योगदान दें।

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