1100 करोड़ की जमीन जर्मन कंपनी को बेचने के मामले में फंसे कानपुर के अपर नगरायुक्त,

UP News: 1100 करोड़ की जमीन जर्मन कंपनी को बेचने के मामले में फंसे कानपुर के अपर नगरायुक्त, ये है मामला…
तत्कालीन सरधना एसडीएम अमित कुमार भारतीय के खिलाफ शासन की ओर से आरोप पत्र जारी किए गए हैं। भारतीय वर्तमान में अपर नगर आयुक्त कानपुर हैं। 
UP News: Kanpur's Additional Municipal Commissioner trapped in the case of selling land worth Rs 1100 crore
मोदी रबर …
मोदी रबर की जमीन का दाखिल खारिज करने वाले तत्कालीन सरधना एसडीएम अमित कुमार भारतीय प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए हैं। शासन की ओर से उन्हें आरोप पत्र जारी किए गए हैं। भारतीय वर्तमान में अपर नगर आयुक्त कानपुर पद पर कार्यरत हैं। शासन ने आरोपों की जांच के लिए कानपुर मंडलायुक्त को जांच अधिकारी बनाया है। भारतीय को विभागीय पक्ष रखने के लिए तमाम दस्तावेज उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं। इस मामले में जांच में तत्कालीन एसडीएम के फंसने के बाद अन्य अधिकारियों के नाम भी सामने आ सकते हैं। वर्तमान में जमीन की कीमत 1100 करोड़ रुपये बताई गई है।

मैसर्स मोदी रबर लिमिटेड को 1972 में 30 वर्ष के लिए मोदीपुरम में 117 एकड़ सरकारी जमीन गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट के अंतर्गत लीज पर दी गई थी। मोदी रबर ने 2010 में इस जमीन को जर्मनी की कंपनी कॉन्टिनेंटल को बेच दिया था। 2020 में सरधना के तत्कालीन एसडीएम अमित कुमार भारतीय ने इस जमीन का दाखिल खारिज कॉन्टिनेंटल के नाम कर दिया था। आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने तत्कालीन कमिश्नर सुरेंद्र सिंह से शिकायत करते हुए मोदी रबर पर अरबों की जमीन का घोटाला करने का आरोप लगाया था। 
 
बताया था कि सरकार की श्रेणी 1 (ख) की यह भूमि है, जिसका नामांतरण या हस्तानांतरण नहीं हो सकता। कमिश्नर ने तीन आईएएस अधिकारियों तत्कालीन अपर आयुक्त वी.चैत्रा, एमडीए वीसी मृदुल चौधरी, एसडीएम सदर संदीप भागिया से इस मामले की जांच कराई थी। जांच रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी। जांच के बाद लोकेश खुराना ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी डाली थी।
 
जांच रिपोर्ट के आधार पर अब शासन ने तत्कालीन एसडीएम सरधना अमित कुमार भारतीय को इस मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए उन्हें आरोप पत्र जारी किया है। साथ ही उन पर आरोपों की जांच के लिए कानपुर मंडलायुक्त को जांच अधिकारी नियुक्ति किया है।

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