SDM थप्पड़ कांड: नरेश मीणा पर हत्या के प्रयास समेत 10 धाराओं में केस

SDM थप्पड़ कांड: नरेश मीणा पर हत्या के प्रयास समेत 10 धाराओं में केस, कोर्ट में पेशी और RAS हड़ताल पर फैसला आज
एक थप्पड़ कांड ने पूरे राजस्थान को सुलगा कर रख दिया है। देवली-उनियारा में SDM अमित कुमार चौधरी को थप्पड़ मारने वाले नरेश मीणा के खिलाफ पुलिस ने हत्या के प्रयास सहित 10 गंभीर धाराओं में मामले दर्ज किए हैं।

उपचुनाव में वोटिंग के दौरान नरेश मीणा द्वारा SDM अमित कुमार चौधरी को थप्पड़ मारने के मामले में अब भी बवाल मचा हुआ है। नरेश मीणा को गुरुवार को गिरफ्तार कर जयपुर लाया गया। वहीं SDM अमित कुमार चौधरी ने नरेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। पुलिस ने नरेश के खिलाफ हत्या के प्रयास सहित 10 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। इनमें से 8 धाराएं नए बीएनएस कानून व 2 पूर्व के आईपीसी कानून के तहत जोड़ी गई हैं।

सीएम से मिलने पहुंची RAS एसो.
उधर SDM अमित कुमार चौधरी के समर्थन में एकजुट हुई आरएएस एसो. का पेन डाउन अब भी जारी है। एसोसिएशन आज मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात करने सीएम हाउस पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि वार्ता के बाद ही आगे का फैसला किया जाएगा। एसोसिएशन की ओर से सबसे बड़ी मांग नरेश मीणा की गिरफ्तारी की थी, जिसे सीएम के आदेश पर पहले ही पूरा किया जा चुका है।

प्रशासनिक अधिकारी भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए एम्प्लाइज सिक्योरिटी एक्ट बनाने की मांग कर रहे हैं। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष महावीर खराड़ी ने बताया कि इस मामले में आज को सुबह 9 बजे सीएम आवास पर भजनलाल शर्मा से प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात होगी।

क्या बोले आईजी
अजमेर रेंज आईजी ओमप्रकाश का कहना है कि नरेश मीणा के खिलाफ 2 दर्जन से अधिक मुकदमे हैं, जिसमें उनकी गिरफ्तारी पेंडिंग है। मौजूदा प्रकरण को लेकर उनके खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति नष्ट करने और हत्या के प्रयास के मुकदमे दर्ज किए गए हैं। मामले में 60 लोग और शामिल थे, उनके खिलाफ भी मुकदमे दर्ज किए गए हैं।

आज कोर्ट में पेशी
आज पुलिस थप्पड़ कांड के मुख्य आरोपी नरेश मीणा को पेशी के लिए कोर्ट लेकर जाने वाली है। मीणा के समर्थक कोई हंगामा नहीं करें इसके लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं लेकिन फिर भी आज का दिन पुलिस के लिए चुनौती भरा रहेगा। उधर समरावता और अलीगढ़ कस्बे में एसटीएफ जवानों की तैनाती भी कर दी गई है। कल गिरफ्तारी के बाद नरेश मीणा को पहले टोंक और फिर वहां से पीपलू थाने में ही रखा गया ताकि किसी भी प्रकार के बवाल से बचा जा सके।

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