ठेके पर मप्र की शिक्षा व्यवस्था ?

ठेके पर मप्र की शिक्षा व्यवस्था ?
पद- ​शिक्षक, वेतन- 80 हजार, काम- मंत्री और नेता की सेवा; 3 हजार रुपए में रखे भाड़े के शिक्षक
सागर/नर्मदापुर 

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में प्राइमरी शिक्षा बदहाल है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि अपने राजनीतिक रसूख का फायदा उठाकर शिक्षक या तो स्कूल ही नहीं आते, या उन्होंने अपनी जगह ठेके पर निजी शिक्षक रखे हुए हैं। कैसे बदहाल हैं सरकारी स्कूल, नर्मदापुरम, सागर और टीकमगढ़ जिले से पढ़ें भास्कर रिपोर्ट…।

यह है सागर जिले के मझेरा गांव का शासकीय प्राथमिक स्कूल। कक्षा में ममता अहिरवार पढ़ा रही हैं। ये सरकारी शिक्षिका नहीं हैं, बल्कि यहां पदस्थ प्राथमिक शिक्षक इंद्र विक्रम सिंह परमार उर्फ वट्‌टू राजा की जगह आती हैं। 48 हजार रुपए वेतन पाने वाले इंद्र विक्रम इन्हें 3000 रु. महीना दे रहे हैं।

कैमरा देख ममता स्कूल भवन के पीछे जा छिपीं। थोड़ी देर बाद आई तो बोलीं- इंद्र विक्रम के मुझ पर अहसान हैं, वे बीमार हैं, इसलिए एक साल से पढ़ा रही हूं। बीईओ से मंजूरी है। उधर, इंद्र विक्रम केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र खटीक के साथ दिखे।

प्रधानाध्यापक धर्मेंद्र सिंह बोले- कई बार मना किया, फिर भी ममता स्कूल आ रही हैं। उपस्थिति रजिस्ट्रर में लाइन खींच दी, फिर भी इंद्र महीने में एक बार आकर हस्ताक्षर कर रहे हैं। इंद्र का कहना है कि सुबह-शाम केंद्रीय मंत्री के साथ समय व्यतीत करता हूं। दिन में स्कूल जाता हूं।

कभी-कभी नहीं जा पाता, वह अलग बात है। यह हाल सिर्फ मझेरा का नहीं है। सागर जिले के भलैयां, बिलहरा के बंजरिया, रहली और कजरई के अलावा नर्मदापुरम के खोकसर के स्कूलों में भी यही हाल हैं। 40 हजार रु. से 80 हजार रु. तक वेतन पाने वाले शिक्षकों ने 3 हजार रु. में भाड़े के शिक्षक रखे हैं।

स्कूल टाइम में शिक्षक को खीर खिला रहे केंद्रीय मंत्री, उनकी जगह महिला पढ़ा रहीं

सागर जिले के मझेरा गांव का शासकीय प्राथमिक स्कूल। यहां सरकारी शिक्षक इंद्र विक्रम की जगह ममता पढ़ा रही हैं। वे कहती हैं कि इंद्र विक्रम जी बीमार हैं। इसलिए मैं पढ़ा रही। स्कूल टाइम में इंद्र ने मंत्री वीरेंद्र खटीक के हाथों खीर खाते हुए फोटो पोस्ट किया।

सागर : शिक्षक खुद काे बताते हैं कांग्रेस नेता… भाड़े का शिक्षक सिर्फ 12वीं पास

  • सागर के एकीकृत शासकीय माध्यमिक स्कूल भेलैयां संकुल मालथौन में विक्रम लोधी 5 माह से पढ़ा रहे। वे 12वीं पास हैं। डीएड नहीं है। उन्हें 3000 रु./माह मिल रहे। विक्रम शिक्षक रूपसिंह चढ़ार की जगह पढ़ाते हैं।
  • चढ़ार खुद को कांग्रेस नेता बताकर हफ्ते में एक दिन हस्ताक्षर करने आते हैं। प्रधानाध्यापक अनुरुद्ध सिंह बोले- संकुल प्राचार्य को बता चुका हूं। चढ़ार बोले- नियमित आता हूं।

नर्मदापुरम : अपनी जगह प्राइवेट टीचर रखीं… जनशिक्षक बोले- नोटिस दिया है

  • नर्मदापुरम जिले के खोकसर प्राथमिक स्कूल के सहायक शिक्षक सुरेश अतुलकर की जगह महिला प्राइवेट टीचर संगीता सवेरिया पढ़ाती मिलीं। बीएड पास संगीता बोली- काेई मेहनताना नहीं लेती। कक्षा एक से पांच तक के 25 बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल में 3 शिक्षक हैं, पर सभी में सिर्फ प्राइवेट टीचर पढ़ाती मिलीं।
  • जनशिक्षक केएस बढ़िया बोले- नोटिस दिए हैं। फिर भी उनकी उपस्थिति 100% है तो गंभीर है।

बड़ा सवाल… रिजल्ट का क्या?

प्राइमरी स्कूलों में सब शिक्षकों के हाथ, इसलिए रिजल्ट 100% जिन स्कूलों में भाड़े के शिक्षक रखे गए हैं, उनमें रिजल्ट भी शत-प्रतिशत है। वजह- ये सभी स्कूल प्राथमिक हैं। इनमें रिजल्ट तैयार करने की जिम्मेदारी स्कूल के शिक्षकों की ही होती है। इसलिए ये सभी को पास कर देते हैं….

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