ऐसा इंदौर ही कर सकता है !
ऐसा इंदौर ही कर सकता है ….
10 एजेंसी, हर दिन 3 बार साफ-सफाई… और 700 शौचालय बन गए सेल्फी पॉइंट
इंदौर जो ठान ले, करके दिखाता है। यही वजह है कि हमने 700 यूरीनल, पब्लिक और कम्युनिटी टॉयलेट में 1 लाख सेल्फी लेकर नया कीर्तिमान रच दिया। इन शौचालयों को स्वच्छ रखने के लिए 10 आउटसोर्स एजेंसियों को जिम्मेदारी दी है। ये एजेंसियां दिन में 3 बार इनकी सफाई करती हैं।
सुबह 6 से रात 11 बजे तक ये खुले रहते हैं, जबकि सामुदायिक शौचालय 24 घंटे खुले रहते हैं। इसके अलावा ‘शीकुंज’ और ‘लूटेल’ जैसे विश्वस्तरीय शौचालय भी विकसित किए हैं, जो आधुनिक सुविधाओं से युक्त हैं और स्वच्छता के उच्च मानक रखते हैं।
मुख्य कार्यक्रम स्कीम 54 में 1 लाख सेल्फी के रिकॉर्ड का मुख्य कार्यक्रम मंगलवार को स्कीम 54 के एक पब्लिक टॉयलेट पर रखा गया। महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक रमेश मेंदोला, एमआईसी सदस्य अश्विनी शुक्ला, राजेंद्र राठौर, निगमायुक्त शिवम वर्मा, पार्षद ज्योति पवार, मनोज मिश्रा, अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा, अभय राजनगांवकर, अधीक्षण यंत्री डीआर लोधी, उपायुक्त शैलेष अवस्थी, जोनल अधिकारी, सीएसआई, एनजीओ संस्था के पदाधिकारियों सहित सफाईकर्मियों, आम जनता ने सेल्फी ली।
वर्ष 2016 में 12 हजार से ज्यादा शौचालय स्लम एरिया में बनाए, सफाई के लिए ट्रीटेड वाटर
वर्ष 2016 में इंदौर में 12 हजार 731 व्यक्तिगत शौचालय स्लम क्षेत्रों में बनाए गए थे। खास बात यह कि सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों की सफाई के लिए ट्रीटेड वाटर का उपयोग किया जाता है, जिससे पानी का पुनः उपयोग सुनिश्चित हो सके।
मालूम हो, स्वच्छता सर्वेक्षण में वाटर प्लस सिटी के लिए 1125 अंक निर्धारित हैं। इनमें 725 अंक सिर्फ इसी के हैं। यानी टीम यह देखती है कि शहर में कम्युनिटी और पब्लिक टॉयलेट पर्याप्त संख्या में हो। इस साल नगर निगम को वाटर प्लस सिटी का सर्टिफिकेट दोबारा लेना होगा। इसलिए नगर निगम ताकत लगा रहा है कि इस श्रेणी में एक भी अंक नहीं कटे।
सुपर स्पॉट अभियान चलाया निगमायुक्त शिवम वर्मा ने कहा, आईएमसी ने 13 से 19 नवंबर तक विश्व शौचालय दिवस के तहत शौचालय सुपर स्पॉट अभियान चलाया। 7 दिन की योजना तैयार की गई थी। मुख्य उद्देश्य शहर में शौचालय सुविधाओं की जागरूकता बढ़ाना और स्वच्छता बनाए रखना है।
7 दिन तक इनका आकस्मिक निरीक्षण किया। स्वच्छता के ब्रांड एम्बेसडर, पार्षद ने मुआयना किया। उपयोगकर्ता नागरिकों और सफाई में लगे केयर टेकर को सम्मानित किया गया। जनजागरूकता अभियान, पोस्टर, बैनर के माध्यम से प्रचार, हेल्पर और केयरटेकर प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। निरीक्षण के दौरान सफाई व्यवस्था, जल आपूर्ति और शौचालय की स्थिति की जांच की गई।
अभियान का उद्देश्य
- शौचालयों के नियमित उपयोग और स्वच्छता के प्रति नागरिकों में जागरूकता बढ़ाना।
- इंदौर को खुले में शौच मुक्त (water+) और स्वच्छता में सर्वोच्च स्थान बनाए रखने के प्रयास को सशक्त करना।
शहर के नागरिकों की भूमिका
- शहर के नागरिकों ने स्वच्छता में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर यह सिद्ध कर दिया कि इंदौर न केवल स्वच्छता में नंबर 1 है, बल्कि जागरूकता और सहभागिता में भी सबसे आगे है।
- विभिन्न समाजसेवी संगठनों, स्कूलों, आरडब्ल्यूए और युवाओं ने इस अभियान में उत्साहपूर्वक भाग लिया। महापौर भार्गव, आयुक्त वर्मा और स्वास्थ्य प्रभारी शुक्ल ने इस अभियान को शहर की स्वच्छता संस्कृति का प्रतीक बताया।