नोएडा ….नकली फूड सप्लीमेंट फैक्ट्री का खुलासा ?

नकली फूड सप्लीमेंट फैक्ट्री का खुलासा, दो संचालक व एक मैनेजर गिरफ्तार

स्टार्टअप के नाम पर खोली थी सेक्टर-63 में फैक्ट्री, भारी मात्रा में सप्लीमेंट समेत अन्य सामान बरामद
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से कर रहे थे सप्लाई, कोतवाली सेक्टर-63 पुलिस ने की कार्रवाई
कोतवाली सेक्टर-63 पुलिस ने मंगलवार को नकली फूड सप्लीमेंट फैक्ट्री का खुलासा कर दो संचालकों व एक मैनेजर को गिरफ्तार किया है। फैक्ट्री से भारी मात्रा में प्रोटीन व कैप्सूल के डिब्बे, रैपर, पाउडर, पैकिंग व प्रिंटिंग मशीन समेत अन्य सामान बरामद किया गया है।सामान की कीमत करीब 50 लाख रुपये बताई जा रही है। पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों के बारे में पता लगा रही है।
कोतवाली सेक्टर-63 पुलिस को हाल में कई लोगों ने शिकायत की थी कि सेक्टर-63 में जी-86 स्थित फैक्ट्री से फूड सप्लीमेंट खरीदा था। इसके सेवन से तबीयत खराब हो गई। इसके बाद पुलिस ने जांच की और खाद्य सुरक्षा टीम के साथ मौके पर पहुंची तो पता चला कि फैक्ट्री में नकली फूड सप्लीमेंट बिना मानकों के तैयार किया जा रहा है। पुलिस ने मौके पर जाकर देखा कि बेसमेंट में कुछ लोग खाली डिब्बों में कुछ भर रहे हैं। साथ ही, काफी मात्रा में फूड सप्लीमेंट के डिब्बे मिले। इन पर रॉ रेज कंपनी के रैपर लगे थे और पैकिंग व प्रिंटिंग मशीन भी मौजूद थी।
इसके बाद पुलिस ने खाद्य विभाग की तरफ से लाइसेंस की मांग की जिसे आरोपी दिखा नहीं पाए। जांच में पता चला कि आरोपी नकली फूड सप्लीमेंट बनाकर सप्लाई कर रहे थे। इसके बाद कोतवाली सेक्टर-63 पुलिस ने फैक्ट्री के मालिक इंदिरापुरम निवासी साहिल यादव, हर्ष अग्रवाल और मैनेजर अमित चौबे को गिरफ्तार कर लिया। डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी का कहना है कि फर्जी फूड सप्लीमेंट तैयार कर बेचने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। फैक्ट्री में नकली फूड सप्लीमेंट बनाकर आरोपी लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे थे।
ऐसे हुआ फर्जी फैक्ट्री का खुलासा
दिल्ली निवासी एक शख्स ने सोशल मीडिया में विज्ञापन देखकर फैक्ट्री के संचालकों से संपर्क किया था। इसके बाद झांसे में आकर उन्होंने करीब 15 हजार रुपये का फूड सप्लीमेंट खरीदा, लेकिन सेवन करने पर तबीयत खराब हो गई। पहले चेहरे पर कील मुंहासे आने लगे। फिर बेचैनी होने लगी और जब स्वास्थ्य की जांच कराई तो लीवर सिकुड़ने की जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस से शिकायत की गई।
स्टार्टअप के नाम पर खोली थी कंपनी
गिरफ्तार साहिल यादव व हर्ष अग्रवाल बीकॉम पास हैं। साहिल पहले हरियाणा में एडवांस न्यूट्राटेक फूड सप्लीमेंट कंपनी में काम कर चुका है। वहीं से उसे फूड सप्लीमेंट बनाने का पता चला। इसके बाद दोनों ने मिलकर सेक्टर-63 में रॉ रेज स्टार्ट अप कंपनी खोली। पहले यह कंपनी सेक्टर-63 में दूसरी जगह पर चलती थी। एक दिसंबर से जी ब्लॉक में आई थी। इसके बाद पुलिस ने दबिश देकर फर्जीवाड़े का खुलासा कर दिया।
चार से पांच गुना तक मुनाफा
पुलिस व खाद्य विभाग की जांच में पता चला है कि आरोपी नकली फूड सप्लीमेंट बेचकर चार से पांच गुना तक कमाई करते थे। डिब्बे पर ब्रांडेड कंपनियों के रैपर लगा देते थे। नोएडा के अलावा इसकी आपूर्ति दिल्ली व हरियाणा के अलग-अलग जिलों में भी होती थी।
जिम संचालकों से कर रहे थे संपर्क
आरोपी जिम संचालकों से संपर्क कर रहे थे। आरोपी जिम संचालकों को कमीशन देने का झांसा देकर फूड सप्लीमेंट बिकवाने की डील करने की तैयारी में जुटे थे। जिम संचालक अपने यहां आने वाले लोगों को फूड सप्लीमेंट खरीदने के लिए कहते और मांग बढ़ती।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेच रहे थे
आरोपी कई ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से फूड सप्लीमेंट को बेच रहे थे। जब कोई संपर्क करता था तो उसे ऑनलाइन व कूरियर से मंगवाने की सलाह दी जाती थी।
डॉक्टर के परामर्श के बिना न लें फूड सप्लीमेंट
चिकित्सक डाॅ. रश्मि गुप्ता का कहना है कि बिना डॉक्टर के परामर्श के फूड सप्लीमेंट नहीं लेना चाहिए। यह हानिकारक हो सकता है। खासकर हार्ट से लेकर शरीर के अन्य अंग प्रभावित हो सकते हैं। लाइफ स्टाइल, उम्र के मुताबिक फूड सप्लीमेंट का सेवन करना चाहिए। इस कारण खुद से ही विज्ञापन देखकर या जिम में बात कर इसका इस्तेमाल न करें।
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नोएडा । नोएडा के थाना सेक्टर-63 पुलिस और खाद्य सुरक्षा टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए फर्जी फूड सप्लीमेंट फैक्ट्री का पर्दाफाश किया। यह गैंग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से सप्लीमेंट की सप्लाई करता था।

पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए फैक्ट्री से भारी मात्रा में प्रोटीन के डिब्बे, कैप्सूल के डिब्बे, रैपर, पाउडर के बोरे, पैकिंग मशीन, प्रिंटिंग मशीन और मुहर आदि सामान बरामद किए हैं। बरामद सामानों की कीमत करीब 50 लाख रुपए बताई जा रही है।

पुलिस के मुताबिक 9 दिसंबर को एक पीड़ित ने शिकायत दी थी। उसने बताया था कि जी-ब्लॉक प्लॉट नंबर जी-86 में स्थित कंपनी से कुछ सप्लीमेंट ऑर्डर करने के बाद उसके पेट और लिवर में परेशानी होने लगी। पीड़ित ने कंपनी के खिलाफ साजिश करके धोखाधड़ी करने की शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत पर पुलिस ने फैक्ट्री पर छापा मारा।

पुलिस ने बताया कि छापेमारी के दौरान बेसमेंट में तीन लोगों को खाली डिब्बों में कुछ भरते पकड़ा गया। बेसमेंट में काफी मात्रा में फूड सप्लीमेंट से भरे डिब्बे भी मिले। फैक्ट्री में मौजूद लोगों के पास खाद्य विभाग की तरफ से जारी लाइसेंस और कोई प्रमाण पत्र नहीं पाया गया। इसके बाद पुलिस ने खाद्य सुरक्षा टीम को मौके पर बुलाया तो जांच में पता चला कि तीनों व्यक्ति फर्जी फूड सप्लीमेंट तैयार कर सप्लाई कर रहे थे।

पुलिस ने बताया कि जांच में पता चला कि फर्जी फूड सप्लीमेंट बहुत कम खर्चे में तैयार कर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से बेचा जा रहा था। पुलिस ने तीन आरोपियों साहिल यादव, हर्ष अग्रवाल और अमित चौबे को गिरफ्तार किया। उनके पास से भारी मात्रा में कई सामान बरामद किए गए, जिनकी अनुमानित कीमत 50 लाख रुपए बताई गई है।

आरोपी साहिल यादव ने वर्ष 2017-2018 में हरियाणा में फूड सप्लीमेंट बनाने वाली कंपनी एडवांस न्यूट्राटेक में काम किया था। वहां से काम सीखने के बाद साहिल यादव ने खुद की रॉरेज के नाम से जी-86 में बीते एक दिसंबर को कंपनी बनाई। उसने हर्ष को अपना पार्टनर बनाया और अमित को कंपनी में मैनेजर के रूप में नियुक्त कर फर्जी फूड सप्लीमेंट बनाने का काम शुरू कर दिया। आरोपी फर्जी फूड सप्लीमेंट का डिब्बा तैयार कर अपनी कंपनी का रैपर लगाकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेचते थे। जहां से जिम जाने वाले युवक-युवतियों के ऑर्डर आते थे।

आरोपी ऑर्डर आने के बाद 3,500 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से कूरियर के माध्यम से फर्जी फूड सप्लीमेंट सप्लाई करते थे। इस तरह से आरोपी काफी कमाई कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि आरोपी फर्जी फूड सप्लीमेंट की सप्लाई नोएडा, दिल्ली, हरियाणा के अलावा अन्य जगहों पर करते थे।

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