PM मोदी ने दिलजीत से मुलाकात क्यों की ?
नए साल पर पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ ने PM नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। 1 जनवरी की रात 10:45 बजे PM मोदी और दिलजीत ने कोलैब कर सोशल मीडिया ‘इंस्टाग्राम’ पर एक रील पोस्ट की। इस पर 52 लाख से ज्यादा लाइक्स आए और करीब 3.75 लाख बार शेयर किया गया है।
हाल ही में दिलजीत हिंदूवादी संगठनों और BJP नेताओं के निशाने पर रहे। साथ ही उनके कॉन्सर्ट भी कॉन्ट्रोवर्सी में रहे
दिलजीत और PM मोदी की मुलाकात क्यों हुई और इससे BJP क्या हासिल करना चाहती है …
सवाल-1: PM नरेंद्र मोदी और दिलजीत दोसांझ की मुलाकात के दौरान क्या हुआ?
जवाब: 1 जनवरी को दिलजीत दोसांझ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर PM मोदी से मुलाकात की तस्वीरें शेयर कीं। उन्होंने पोस्ट में लिखा, ‘यह 2025 की शानदार शुरुआत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक बहुत ही यादगार मुलाकात रही। हमने संगीत सहित कई चीजों पर बात की।’
मुलाकात के दौरान दिलजीत ने PM मोदी को देखते ही उन्हें सैल्यूट किया। मोदी ने भी ‘सत श्री अकाल’ कहकर दिलजीत का स्वागत किया। जब दिलजीत ने गुरुनानक पर गाना गया, तब मोदी ने टेबल पर थाप देनी शुरू कर दी। उन्होंने दिलजीत की पीठ भी थपथपाई।
मोदी ने दिलजीत से कहा,

हिंदुस्तान के एक गांव का लड़का दुनिया में नाम रोशन करता है तो अच्छा लगता है। आपके परिवार ने आपका नाम दिलजीत रखा है तो आप जीतते ही जाते हो लोगों को।
दिलजीत ने भी मोदी की तारीफ करते हुए कहा, ‘मैंने आपका एक इंटरव्यू देखा था। हमारे लिए प्रधानमंत्री एक बहुत बड़ा पद है। जब आप मां और पवित्र गंगा को अपने साथ लेकर चलते हैं। यह दिल को छू जाता है। ये बात दिल से निकली है तभी दिल तक गई है।’
PM मोदी ने ‘X’ पर दिलजीत दोसांझ की पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए लिखा, ‘दिलजीत दोसांझ के साथ शानदार बातचीत। वह वास्तव में बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। उनमें प्रतिभा और परंपरा का मिश्रण है। हम संगीत, संस्कृति और बहुत सारे माध्यम से जुड़े हैं।’
सवाल-2: दिलजीत किन वजहों से चर्चा में हैं?
जवाब: अक्टूबर से दिसंबर 2024 के दौरान दिलजीत दोसांझ ने भारत के कई बड़े शहरों में कॉन्सर्ट किए। इस दौरान दिलजीत अपने गानों, टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग और शोज के माहौल को लेकर विवादों में रहे। उन पर कई आरोप लगे। दिलजीत इन 3 बड़ी वजहों से अभी चर्चा में बने हुए हैं…
1. लुधियाना कॉन्सर्ट में शराब विवाद
31 दिसंबर 2024 को लुधियाना में दिलजीत दोसांझ का कॉन्सर्ट होना था। चंडीगढ़ के असिस्टेंट प्रोफेसर पंडितराव धरेनवर ने उनके खिलाफ शिकायत की। इसके बाद पंजाब सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदेशक ने लुधियाना कलेक्टर को एक फॉर्मल नोटिस जारी किया, जिसमें शो में दिलजीत के शराब को बढ़ावा देने वाले गानों पर रोक लगाने की मांग की।
प्रो. धरेनवर ने दिलजीत पर आरोप लगाया कि ‘पटियाला पैग’, ‘5 तारा ठेके’ जैसे गानों से शराब को प्रमोट किया जा रहा है। इन शिकायतों के बावजूद दिलजीत ने कॉन्सर्ट में यही गाने गाए। हालांकि इनके लिरिक्स में कुछ बदलाव कर दिए।

इसके पहले 17 नवंबर को दिलजीत ने अहमदाबाद में एक कॉन्सर्ट किया था। इसमें दिलजीत ने कहा,

अगर सभी राज्य खुद को शराबबंदी राज्य घोषित कर देते हैं, तो मैं वादा करता हूं कि मैं शराब के बारे में कभी नहीं गाऊंगा।
2. चंडीगढ़ कॉन्सर्ट में ‘जजेज लाउंज’
14 दिसंबर को चंडीगढ़ के सेक्टर-34 में दिलजीत दोसांझ का कॉन्सर्ट था। इसमें ज्यूडिशियल अधिकारियों के लिए अलग से ‘जजेज लाउंज’ बनाया गया। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जजों और उनके परिवारों के लिए 300 से ज्यादा VIP पास जारी किए गए। इस कॉन्सर्ट में 35 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए। इससे लोगों को काफी परेशानी हुई।
इस पर दिलजीत ने कहा कि जब तक शहर में लाइव शो की बेसिक जरूरतों में सुधार नहीं होता, तब तक वह यहां कोई और कॉन्सर्ट नहीं करेंगे। दिलजीत ने पंजाबी में बोलते हुए कॉन्सर्ट के लिए सुविधाओं की कमी को बताया।
3. इंदौर कॉन्सर्ट में हिंदू संगठनों का विरोध
8 दिसंबर को इंदौर में दिलजीत का कॉन्सर्ट होना था। पूर्व मंत्री उषा ठाकुर ने कॉन्सर्ट का विरोध करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। यहां शराब पार्टी और नॉनवेज परोसा जाएगा, जो भारतीय संस्कृति के खिलाफ है।
BJP विधायक रमेश मेंदोला ने आरोप लगाया कि दिलजीत के कॉन्सर्ट का 5 हजार रुपए का टिकट 50 हजार रुपए में बिक रहा है। शराब परोसने की परमिशन भी दी गई है। BJP विधायक गोलू शुक्ला ने कहा, ‘इस तरह के आयोजनों में नशा रोकने का हम विरोध करते हैं। चेतावनी देते हैं कि ऐसे आयोजनों की अनुमति नहीं दी जाए।’
इसके अलावा विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने भी भी दिलजीत के कॉन्सर्ट का विरोध किया। बजरंग दल ने प्रोग्राम के दौरान वहां पांच-सात कार्यकर्ताओं के रहने की इजाजत मांगी थी, लेकिन एडिशनल DCP ने इसे खारिज कर दिया था।
हालांकि इन सब विवादों के बाद भी दिलजीत का कॉन्सर्ट हुआ। उन्होंने राहत इंदौरी का एक शेर सुनाते हुए कहा,

मेरे हुजरे में नहीं और कहीं पर रख दो, आसमां लाए हो ले आओ जमीं पर रख दो। अब कहां ढूंढने जाओगे हमारे कातिल, आप तो कत्ल का इल्जाम हमीं पर रख दो।

सवाल-3: दिलजीत पर किस तरह के आरोप लगते रहे हैं?
जवाब: पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ पर लगे आरोप सिलसिलेवार पढ़िए…
1. शराब और ड्रग्स को बढ़ावा
15 नवंबर 2024 को हैदराबाद कॉन्सर्ट से पहले ही दिलजीत को तेलंगाना सरकार का नोटिस मिल गया। नोटिस के मुताबिक, दिलजीत स्टेज पर शराब या दारू जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकते। इस पर दिलजीत ने स्टेज से अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि भारत के कलाकारों को अपने ही देश में गाने से रोका जाता है, जबकि अंतरराष्ट्रीय कलाकारों को पूरी आजादी दी जाती है।

2. एंटी-BJP मुद्दे को सपोर्ट
2020 में केंद्र की BJP सरकार के खिलाफ किसान अपनी मांगों के लिए आंदोलन कर रहे थे। दिसंबर 2020 में दिलजीत किसानों का समर्थन करने सिंघु बॉर्डर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने किसान आंदोलन के लिए 1 करोड़ का फंड भी दिया था।

फरवरी 2021 में इंटरनेशनल पॉप स्टार रिहाना ने भारत में किसान आंदोलन का समर्थन किया। इस पर दिलजीत ने रिहाना की जमकर तारीफ की और उनके लिए ‘रिरि-रिहाना’ गाना भी रिलीज किया। दिलजीत के समर्थन से कंगना रनोट उन पर भड़क गई थीं। सोशल मीडिया पर कंगना और दिलजीत ने एक-दूसरे को ट्रोल भी किया था।
3. दबी जुबान में खालिस्तान का समर्थन करने का आरोप
जून 2020 में दिलजीत ने अपनी मूवी ‘पंजाब 1984’ के गाने ‘रंगरूट’ को इंस्टाग्राम पर शेयर किया। तब पहली बार उन पर दबी जुबान में खालिस्तान का समर्थन करने का आरोप लगा। तब कांग्रेस सांसद और वर्तमान केंद्र सरकार में मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि ये गाना दिलजीत ने खालिस्तानियों के समर्थन में पोस्ट किया था।
दिलजीत ने सफाई देते हुए कहा कि जिस गाने पर ऐतराज किया जा रहा है, वह 2014 में रिलीज हुआ था। इस फिल्म और उसके गानों को सेंसर बोर्ड ने मंजूरी दी थी। इस फिल्म को नेशनल अवॉर्ड भी दिया गया था। फिर इस पर FIR कैसे हो सकती है। अब इस फिल्म के गाने पर हल्ला क्यों मचा है।
मार्च 2023 में कंगना रनोट ने दिलजीत को गिरफ्तारी की चेतावनी दी थी। दरअसल, दिलजीत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘पोल्स आ गई पोल्स’। पंजाबी में पुलिस को पोल्स कहते हैं। पंजाब पुलिस द्वारा खालिस्तान समर्थकों की गिरफ्तारी के बाद पोल्स शब्द ट्रेंड बन गया था।
कंगना ने इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा था, ‘वो सभी, जो खालिस्तानियों का सपोर्ट कर रहे हैं, याद रखना अगला नंबर तुम्हारा है। पोल्स (पुलिस) आ चुकी है।’ जिस पर दिलजीत ने पंजाबी में इंस्टाग्राम पर एक नोट शेयर कर कहा, ‘मेरा पंजाब फलता-फूलता रहे।’

सवाल-4: दिलजीत से PM मोदी ने मुलाकात क्यों की?
जवाब: इलेक्शन एनालिस्ट अमिताभ तिवारी कहते हैं, ‘PM मोदी ने इस मुलाकात से यह मैसेज दिया है कि वे आलोचना करने वालों से भी मुलाकात करते हैं। दरअसल, दिलजीत दोसांझ युवाओं के बीच बहुत पॉपुलर हैं। दिलजीत के जरिए BJP युवाओं, सिखों और किसानों के दिलों में जगह बनाना चाहती है।’

हालांकि 2 जनवरी को किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने दिलजीत की PM मोदी से मुलाकात पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि किसान इस मुलाकात से खुश नहीं हैं। दिलजीत को PM मोदी से मिलने की जगह किसानों का समर्थन करने के लिए जाना चाहिए था। दिलजीत को 38 दिनों से अनिश्चितकालीन अनशन पर चल रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात करनी चाहिए थी।
सवाल-5: क्या BJP दिलजीत के जरिए कनाडाई सिखों को मनाना चाहती है?
जवाब: विदेश मामलों के जानकार और JNU के प्रोफेसर राजन कुमार कहते हैं, ‘कनाडा की सिख कम्युनिटी और BJP के बीच अनबन जग-जाहिर है। कनाडा में अलगाववादियों ने कई बार BJP सरकार का विरोध किया है। ऐसे में PM मोदी और दिलजीत की मुलाकात से कनाडाई सिखों के साथ रिश्ते सुधरने की उम्मीद है।
दरअसल, कनाडा में एंटी-BJP, एंटी-मोदी और यहां तक कि एंटी-इंडिया सेन्टीमेंट वाले लोग बढ़ते जा रहे हैं। इससे भारत और BJP सरकार की दुनियाभर में बुरी छवि बन सकती है, लेकिन दिलजीत कनाडाई सिखों के चहेते सिंगर हैं। वे अक्सर कनाडा में कॉन्सर्ट करने जाते हैं।’
अप्रैल-जुलाई 2024 के बीच दिलजीत ने कनाडा में कॉन्सर्ट किए थे। 13 जुलाई को टोरेंटो के कॉन्सर्ट में कनाडाई PM जस्टिन ट्रूडो भी पहुंचे थे। ट्रूडो ने एक्स पर लिखा, ‘रॉजर्स सेंटर में दिलजीत को उनके शो के लिए बधाई दी। कनाडा एक महान देश है, जहां पंजाब का एक लड़का इतिहास बना सकता है और स्टेडियम की सारी टिकटें बेच सकता है।’
सवाल-6: क्या इस मुलाकात से दिल्ली और पंजाब में BJP को फायदा मिलेगा?
जवाब: दिलजीत दोसांझ ‘सिख सरदार’ हैं और पंजाबी कम्युनिटी से ताल्लुक रखते हैं। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश समेत पूरे भारत में उनके फैंस और फॉलोअर्स हैं।
अमिताभ तिवारी कहते हैं, PM मोदी और दिलजीत दोसांझ की यह मुलाकात सिम्बॉलिक है। इस मुलाकात की असल वजह सामने नहीं आई है। अगर यह मुलाकात राजनीतिक मुद्दे पर हुई होगी, तो दिलजीत खुलकर BJP को वोट करने की मांग करेंगे। फिलहाल ऐसा कुछ नहीं हुआ, इसलिए BJP इस मुलाकात से कोई भी राजनीतिक फायदा नहीं उठा सकती है। हालांकि वह सिखों के लिए सॉफ्ट कॉर्नर जरूर बना सकती है।
दरअसल, दिल्ली में सिख समेत पूरी पंजाबी कम्युनिटी के करीब 19% वोटर्स हैं। यहां करीब 5% आबादी सिख कम्युनिटी की है। दिल्ली की 70 में से 13 विधानसभा सीटों में सिख कम्युनिटी का प्रभाव है, जिनमें रजौरी गार्डन, नई दिल्ली, चांदनी चौक, तिलक नगर जैसी सीटें शामिल हैं। 2020 में BJP यहां केवल 8 सीटें जीत सकी। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में सभी 6 सीटों पर काबिज हुई।
इसके अलावा पंजाब में करीब 58% आबादी सिख कम्युनिटी की है, जिनका प्रभाव पंजाब की सभी 117 विधानसभा सीटों पर है। किसान आंदोलन और अकाली दल के अलायंस से अलग होने के कारण BJP यहां कमजोर हुई है। 2022 में BJP यहां केवल 2 ही विधानसभा सीटें जीत पाई। वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में खाता भी नहीं खोल सकी।