कैबिनेट सचिव ने जताई चिंता, बोले- विदेश से लौटे 15 लाख यात्रियों की निगरानी में राज्य बरत रहे कोताही

कोरोना के संक्रमण से हर कोई चिंतित है। अभी तक के मामलों पर गौर करें तो डॉक्टरों का कहना है कि COVID-19 पॉजिटि उन्हीं में पाया गया है, जो हाल में विदेश से लोटे हैं। इस वायरस के फैलने के बाद 15 लाख से अधिक यात्री भारत वापस आए हैं, जिन्हें निगरानी में रखने की बात लगातार कही जा रही है।

इस बीच कैबिनेट सचिव ने चिंता जताते हुए कहा है कि राज्यों के द्वारा विदेश से लौटे 15 लाख यात्रियों निगरानी में कमी प्रतीत हो रही है।

कैबिनेट सचिव ने राज्यों से कहा है कि विदेश से लौटे सभी यात्रियों की निगरानी में कमी कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने की सरकार की कोशिशों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। कैबिनेट सचिव ने राज्यों से कहा है कि 8 जनवरी से 23 मार्च के बीच विदेश से 15 लाख यात्री भारत आए, उन सभी की निगरानी करने की जरूरत है।

प्रवासी मजदूरों की मदद को आगे आई केंद्र सरकार
कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए देश में लागू लॉकडाउन में प्रवासी कामगारों, मजदूरों का पलायन जारी है। कोई पैदल जा रहा है तो कुछ किसी तरह जुगाड़ से अपने घरों की ओर लौट रहे हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान बड़े पैमाने पर हो रहे इस पलायन को रोकने के लिए राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी की है। गृह मंत्रालय ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को परामर्श जारी कर बड़े पैमाने पर प्रवासियों, खेतिहर और औद्योगिक मजदूरों तथा असंगठित क्षेत्र के कामगारों का पलायन रोकने को कहा है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केंद्र सरकार की ओर से राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को सलाह दी गई है कि वे इन समूहों को मुफ्त अनाज और अन्य जरूरी चीजों के बारे में जानकारी दें जिससे बड़े पैमाने पर पलायन को रोका जा सके। साथ ही गृह मंत्रालय ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाइ्र में लॉकडाउन के दौरान होटल, हॉस्टल, किराये के आवास चलते रहें और उन्हें जरूरी सामान की आपूर्ति होती रहे।

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