तहसीलदार ने किया जनपद पंचायत सीईओ का अपहरण ..तहसीलदार, 5 पटवारी समेत 13 पर केस !
नीमच में कुछ लोगों ने जावद जनपद पंचायत के सीईओ आकाश धारवे (32) का अपहरण कर लिया। वे उन्हें काली स्कॉर्पियो में जबरन बैठाकर इंदौर की तरफ भागे। नागदा में उज्जैन और नीमच पुलिस ने घेराबंदी कर सीईओ को छुड़ाया। इस मामले में बेटमा तहसीलदार जगदीश रंधावा, 5 पटवारी, एक महिला समेत 13 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
नीमच एसपी नवल सिंह सिसोदिया ने बताया कि सीईओ धारवे के भाई ने सुबह फोन पर अपहरण की सूचना दी। तुरंत कार्रवाई करते हुए नागदा पुलिस के सहयोग से सीईओ को छुड़वा लिया गया। आरोपियों में तहसीलदार जगदीश सिंह, पटवारी प्रमोद दास, अजय सिंह, अजय उच्छावल, पिंकी सिंह के साथ 8 अज्ञात शामिल हैं। सीईओ धारवे के बयान लेने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सादी वर्दी में पुलिस ने स्कॉर्पियो को रोका..
घटना का एक वीडियो सामने आया है। इसमें काले रंग की स्कार्पियो को रोकने के लिए पुलिस सड़क पर खड़ी दिख रही है। जैसे ही गाड़ी पास आती है, सिविल ड्रेस में खड़े पुलिसकर्मी गाड़ी को रोक लेते हैं।

बुधवार रात धारवे के घर पहुंची थी पिंकी
नीमच एसपी ने फोन पर बताया, ‘प्रारंभिक जानकारी मिली है कि धार निवासी सीईओ धारवे की शादी की बात साल 2014 में धार की ही पिंकी सिंह से चली थी। पिंकी तहसीलदार जगदीश रंधावा की रिश्तेदार है।
बुधवार रात पिंकी परिजन के साथ सीईओ धारवे के नीमच में ऑफिसर कॉलोनी स्थित आवास पहुंची। यहां जमकर हंगामा किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पिंकी और परिजन को समझाया। इसके बाद वे लोग चले गए। सुबह पिंकी और जगदीश अपने साथियों को लेकर धारवे के घर पहुंचे। उन्हें जबरन गाड़ी में बैठा लिया।’

CEO ने कहा- मुझसे फिरौती मांगी गई
जनपद सीईओ आकाश धारवे में बताया कि रात 12 बजे 12 लोग मेरे क्वार्टर पहुंचे और हंगामा करने लगे। आज सुबह 6 बजे मैं अपने भाई और परिवार के साथ क्वार्टर से घर निकला था, तभी ये लोग गोमा बाई रोड पर मेरी गाड़ी रोककर मारपीट करने लगे। इसके बाद जबरन मुझे अपनी गाड़ी में बैठा लिया। रास्ते में मारपीट और धमिकयां देते रहे।
ये पूरा मामला ब्लैकमेलिंग का है। मुझसे फिरौती मांगी गई। ऐसा न करने पर धमकाया जाता था। पूरे मामले में 5 पटवारी 1 तहसीलदार शामिल हैं। महिला से मेरा संपर्क था, वह मेरे गांव की है। मेरी बातचीत होती थी, लेकिन ये नहीं पता था, कि ब्लैकमेलिंग के लिए ये सब कुछ कर रहे हैं। मैं पुलिस-प्रशासन को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने समय पर सही सलामत मुझे वापस लाया।