कुर्सियां योग्यता से नहीं, बल्कि सिफारिश-जुगाड़ से मिल रही !

- नगर निगम, जीडीए, साडा और जिला पंचायत में प्रभार पर जमे कर्मचारी
ग्वालियर में अफसरशाही का हाल ये है कि कुर्सियां योग्यता से नहीं, बल्कि सिफारिश और जुगाड़ से मिल रही हैं। सरकारी विभागों में नियम-कायदे ताक पर रखकर अपनों को मलाईदार पद बांटे जा रहे हैं। राजस्व निरीक्षक को सहायक संपत्तिकर अधिकारी का काम देख रहे हैं, तो भृत्य तक को निरीक्षक की कुर्सी मिल गई है।
लोक निर्माण विभाग से लेकर नगर निगम, ग्वालियर विकास प्राधिकरण (जीडीए), लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) और जिला पंचायत तक हर जगह अयोग्य अधिकारियों को बड़े पद सौंप दिए गए हैं और ऐसे अफसर विभागीय कामकाज छोड़कर सिर्फ अपने फायदे में लगे रहते हैं। जिससे सरकारी कामकाज चरमराने लगा है। जनता परेशान है, विकास कार्य अटके हैं, लेकिन जिम्मेदार आंख मूंदे बैठे हैं! यही कारण है कि जनसुनवाई से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक शिकायतों की बाढ़ आ रही है।
नगर निगम: सहायक ग्रेड-3 कर्मचारियों को बना दिया अधिकारी
सहायक लेखा अधिकारी संजीव मिश्रा, भंडार-सामान्य प्रशासन अधीक्षक संतोष कालेकर, अधीक्षक जनकार्य नरेंद्र हिंदवानी, सहा. नोडल खेल अधिकारी विजेता चौहान, सहायक संपत्तिकर अधिकारी सतेंद्र राजौरिया, सहायक संपत्तिकर अधिकारी संगम अग्रवाल, कार्यालय अधीक्षक सामान्य प्रशासन संजय गोयल इन सभी का मूल पद सहायक ग्रेड-3 का है, लेकिन नगर निगम ने इन्हें में प्रभारी बना रखा है। वहीं मदाखलत निरीक्षक श्रीकांत सेन, विशाल जाटव भृत्य और स्वास्थ्य अधिकारी अजय ठाकुर का मूल पद समयपाल है।
जांच कर कार्रवाई करेंगे
शासन के नियमों का पालन कराया जाएगा। यदि निगम में कोई एक पद से अधिक ऊंचे पद पर कार्यरत है, तो उसका परीक्षण कर कार्रवाई करेंगे। -संघ प्रिय, आयुक्त नगर निगम
पीडब्ल्यूडी: उपयंत्रियों के पास एसडीओ सहित अन्य प्रभार
लोनिवि में उपयंत्रियों के पास एसडीओ का प्रभार है। दूसरी सेल के अति. प्रभार दिए हैं। जिनमें राकेश उपाध्याय के पास हेड क्वार्टर नंबर 2 व रोड डिवीजन, जंगबहादुर कुशवाह के पास हेड क्वार्टर नंबर 1 का प्रभार है।
जीडीए: पशु चिकित्सक पर संपदा अधिकारी का प्रभार
जीडीए में संपदा अधिकारी का प्रभार संभाल रहे दिनेश दीक्षित मूलत: पशु चिकित्सक हैं। उन्हें नगर निगम में डेपुटेशन पर उपायुक्त की जिम्मेदारी दी गई। दीक्षित राजस्व कार्यों के एक्सपर्ट नहीं है, इसलिए काम प्रभावित हो रहे हैं।
जिला पंचायत: इंस्पेक्टर के पास मिड डे मील का प्रभार
पंचायत इंस्पेक्टर संजीव वशिष्ठ को जिला डीपीआरओ का प्रभार मिला हुआ था। बीते वर्ष से उन्हें मिड डे मील विंग का भी प्रभार दे दिया है। इसके अलावा सीईओ द्वारा प्रोजेक्ट के प्रमुख काम भी उन्हें ही दिए जा रहे हैं।
एक ही अधिकारी के भरोसे तीन विभाग
जीडीए के अकाउंट ऑफिसर नरेंद्र कुमार शर्मा पर स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन में मुख्य वित्तीय अधिकारी और साडा में अकाउंट ऑफिसर का भी प्रभार है। तीनों कार्यालयों की दूरी अधिक होने के कारण कार्यों में देरी हो रही है।
शासन को समस्या बताएंगे, समाधान करेंगे
जिन-जिन विभागों में अधिकारी-कर्मचारी के पद रिक्त हैं वहां प्रभार देकर विभागीय कार्य कराने की व्यवस्था बनाई गई होगी। इस मामले को शासन स्तर पर रखकर समाधान कराया जाएगा। -मनोज खत्री, संभागीय आयुक्त