सवालों से घिरी सरकार ?
मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का आज आखिरी दिन है। 10 मार्च से शुरू हुआ बजट सत्र हंगामेदार रहा है। विपक्ष ने परिवहन घोटाला, बिगड़ती कानून व्यवस्था के मुद्दों पर सरकार को घेरा तो सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी सरकार पर सवाल उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
योजनाओं में लेटलतीफी, धान उपार्जन घोटाले और सिंहस्थ के लिए अधिगृहीत की जाने वाली किसानों की जमीन के मुद्दे पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने सवाल पूछे। इनका जवाब देने में विभागीय मंत्री असहज हो गए। पढ़िए, बीजेपी के कितने विधायकों ने किन-किन मुद्दों पर अपनी ही सरकार को घेरा? सबसे ज्यादा सवाल किस विभाग को लेकर पूछे गए थे…

सिलसिलेवार जानिए, किन मुद्दों पर असहज हुए मंत्री
अजय विश्नोई ने पूछा- धान उपार्जन घोटाले की जांच में देरी क्यों?
जबलपुर की पाटन सीट से बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने धान उपार्जन घोटाले पर अपनी ही सरकार और सिस्टम को घेरा। जबलपुर में धान खरीदी में 5 करोड़ से ज्यादा का घोटाला हुआ है, ईओडब्ल्यू मामले की जांच कर रही है।
विश्नोई ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए सरकार से पूछा कि घोटाले को अंजाम देने के लिए फर्जी आरओ (रिलीज ऑर्डर) जारी किए गए। जिन ट्रकों से धान का परिवहन हुआ वो टोल नाकों से गुजरकर ग्वालियर, उज्जैन, मुरैना जैसे शहरों में गए। इसकी जांच आसानी से हो सकती है। एक माह से ज्यादा समय होने के बावजूद अब तक जांच पूरी नहीं हुई है। जांच में इतनी देरी क्यों हो रही है?
खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा- किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और जहां भी कम्प्यूटर ऑपरेटर्स की गड़बड़ियां सामने आएंगी, कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विश्नोई ने तीन मुद्दों को प्रमुखता से उठाया…
- मिलिंग के लिए व्यापारी धान उठाते हैं। ट्रांसपोर्टेशन चार्ज, मिलिंग चार्ज और प्रोत्साहन राशि लेते हैं और धान वहीं बेचकर चले जाते हैं। इसे रोकने के लिए सरकार की क्या योजना है?
- धान या किसी दूसरी जिंस का उपार्जन सहकारी समितियों के जरिए होता है। इनमें से कई कर्मचारियों की वजह से डिफॉल्टर हो गई हैं। उन्हीं कर्मचारियों को फिर से खरीदी के काम में नियुक्त किया जाता है।
- किसानों को धान का भुगतान कब तक मिलेगा? जिन कंप्यूटर ऑपरेटर्स ने गड़बड़ी की हैं, क्या उनका पता लगाया
भिंड विधायक बोले- मंत्री जी, आप भ्रष्ट अफसर को बचा रहे हैं
भिंड विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए बिजली कटौती का मुद्दा उठाया। उन्होंने ये तक कहा कि ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, भ्रष्ट अफसर को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल, कुशवाहा ने कहा कि भिंड में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के महाप्रबंधक प्रदीप जैन की लापरवाही से बिजली कटौती हो रही है।
इस पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पर्याप्त बिजली दी जा रही है। तोमर के इस जवाब पर कुशवाह बोले कि मंत्री जी आप भ्रष्ट अधिकारी को बचा रहे हैं। ऐसे अधिकारियों को सस्पेंड कर जांच कराई जानी चाहिए। वहीं, कुशवाहा का साथ देते हुए बीजेपी विधायक तेज बहादुर सिंह चौहान ने कहा- बिजली विभाग के अफसर हमेशा गांवों में ब्लैकआउट की स्थिति रखते हैं। सवाल पूछने पर गलत जानकारी देते हैं।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी कहा कि सत्ता पक्ष का विधायक आवाज उठा रहा है, इसलिए इस मामले में कार्रवाई होनी चाहिए। विपक्ष की बात तो सरकार सुनती नहीं है। इस पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि विधायक की भावनाओं के आधार पर कार्रवाई होगी, किसी भी हालत में अधिकारी बख्शा नहीं जाएगा।
सरकार बेटी पढ़ाओ की बात करती है, जमीनी स्तर पर कुछ नहीं
भिंड विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने उनके विधानसभा क्षेत्र के नयागांव में नया गर्ल्स कॉलेज खोलने के मुद्दे पर उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री इंदर सिंह परमार को घेरा। कुशवाहा ने ये तक कहा कि सरकार बेटी पढ़ाओ के नारे देती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है।
दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 6 मार्च 2024 को भिंड में आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए वादा किया था कि नया गांव में नवीन महाविद्यालय खोला जाएगा। लेकिन एक साल बाद भी प्रक्रिया शुरू तक नहीं हुई। विधानसभा में विधायक कुशवाहा और मंत्री परमार के बीच इस तरह बहस हुई…
- नरेंद्र सिंह कुशवाहा: भिंड के नयागांव में मुख्यमंत्री की घोषणानुसार कब तक कॉलेज बन जाएगा?
- इंदर सिंह परमार: जमीन मिलते ही।
- नरेंद्र सिंह कुशवाहा: जमीन मैं दे रहा हूं। आप तो तारीख बताइए। (तभी विपक्षी पार्टी के सदस्य मेज थपथपाने लगे और पूछने लगे कि सरकारी या निजी जमीन दिलाएंगे?)
- नरेंद्र सिंह कुशवाहा: सरकारी जमीन दिलाएंगे। यदि नहीं दिला पाए तो मैं खुद की जमीन दान में देने को तैयार हूं। आप (सरकार) बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की बात करते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं कर रहे हैं आप। अभी घोषणा करें कि इस सत्र में कॉलेज चालू हो जाएगा।
(इस बहस को बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने विधायक व मंत्री को बैठने के निर्देश दिए। तब जाकर मामला शांत हुआ।)
सिंहस्थ के लिए तंबू की जगह पक्के मकान क्यों?
उज्जैन में अप्रैल-मई 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिए किसानों की जमीन के स्थायी अधिग्रहण पर आलोट के बीजेपी विधायक चिंतामणि मालवीय ने विधानसभा में अपनी ही सरकार को घेरा। बजट पर सामान्य चर्चा के दौरान मालवीय ने कहा कि उज्जैन का किसान डरा हुआ है। उसकी जमीन छीनी जा रही है।
इस पर तराना के कांग्रेस विधायक महेश परमार ने मालवीय का समर्थन किया। मगर, उज्जैन उत्तर से बीजेपी विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा ने आपत्ति दर्ज की। मालवीय के इस मुद्दे से सरकार असहज नजर आई। पढ़िए चिंतामणि मालवीय, कांग्रेस विधायक महेश परमार और अनिल जैन कैसे आमने-सामने आए…
चिंतामणि मालवीय: मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने 2 हजार करोड़ रुपए उज्जैन सिंहस्थ के लिए रखे हैं। उज्जैन उन पर अभिमान करता है। उज्जैन उनको अपना नेता मानता है। लेकिन, आज उज्जैन का किसान बहुत डरा और परेशान है। क्योंकि, सिंहस्थ के नाम पर उसकी जमीन पहले केवल 3-6 महीनों के लिए अधिगृहीत की जाती थी लेकिन आज उन्हें स्थायी अधिग्रहण का नोटिस दिया गया है।

पता नहीं, किस अधिकारी ने यह विचार रखा है कि स्पिरिचुअल सिटी (आध्यात्मिक नगरी) बनाएंगे। मैं बताना चाहता हूं कि स्पिरिचुअलिटी किसी सिटी में नहीं रहती है। वह तो त्याग करने वाले लोगों से होती है। हम क्रांक्रीट के भवन बनाकर स्पिरिचुअल सिटी नहीं बना सकते।
महेश परमार: धन्यवाद डॉ. चिंतामणि मालवीय जी और मेरे दोनों साथी सतीश जी और अनिल जैन साहब। मैं आपसे भी निवेदन करना चाहता हूं कि, उज्जैन के किसानों को बचाने के लिए हम सब मिलकर मुख्यमंत्री जी से निवेदन करें। मेरा विशेष अनुरोध है कि किसानों की जमीन बचाई जाए। आप (विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर की तरफ मुखातिब होते हुए) देश के कृषि मंत्री रहे हैं।
चिंतामणि मालवीय: इसके पीछे उज्जैन के किसानों को आशंका है कि कॉलोनाइजर्स और भू-माफिया का यह षड्यंत्र है। पैसा प्रतिभा से कमाया जाता है और जो जितना प्रतिभाशाली होता है, उतना ही धनवान भी होता है, ऐसा माना भी जाता है।

सिंहस्थ की जमीन का ऐसे प्रयोग नहीं कर सकते
चिंतामणि मालवीय ने कहा- हम तो पानी के बुलबुले हैं, भोर के सितारे हैं, लेकिन सिंहस्थ पांच हजार वर्षों तक चलेगा। जब तक इस देश में हिंदू है और विश्व में कहीं भी हिंदू हैं, सिंहस्थ चलेगा। हम सिंहस्थ की जमीन का इस तरह प्रयोग नहीं कर सकते कि उससे बड़ा नुकसान हो जाए।
मालवीय ने कहा- मुझे एक बहुत अच्छा शेर याद आता है कि “ये जब्र भी देखा है, तारीख की नजरों ने, लम्हों ने खता की थी, सदियों ने सजा पाई” कहीं यह न हो कि हम सिंहस्थ की जमीन को हमेशा-हमेशा के लिए खो दें। यह उन अधिकारियों के लिए भी है, जो इस तरह की सलाह देते हैं। इसका कोई औचित्य नहीं है, जिन्होंने जमीन नहीं देखी है। सिंहस्थ तंबुओं में होता है, वह बिल्डिंग्स बनाना चाह रहे हैं। कॉलोनाइजर्स को लाभ देना चाहते हैं।
जैन बोले- सरकार संस्कृति को शिखर पर पहुंचा रही
चिंतामणि मालवीय और महेश परमार के बाद उज्जैन उत्तर के बीजेपी विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा ने कहा- हमारी सरकार अन्य धार्मिक चेतना स्थल जैसे- श्री देव महालोक सलकनपुर, संतश्री रविदास महालोक सागर, श्री रामराजा महालोक ओरछा और ओंकारेश्वर महालोक के निर्माण के साथ-साथ ओंकारेश्वर में आचार्य शंकर अंतरराष्ट्रीय अद्वैत संस्थान को विकसित करने जा रही है।
इस प्रकार हमारी सरकार संस्कृति और सनातन विचारों को भारत को विश्व के उच्च शिखर पर पहुंचाने का काम कर रही है।
महेश परमार बोले- आप किसानों की जमीनों को देने का समर्थन करते हो। आप बोल दीजिए, समर्थन करते हैं। आप उनके वोटों से विधायक बने हो।
सिरोंज विधायक ने पूछा- किसान सम्मान निधि की किस्त कब मिलेगी?
सिरोंज के विधायक उमाकांत शर्मा ने सरकार को घेरते हुए पूछा- मुख्यमंत्री किसान सम्मान योजना एवं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की अगली किस्त किसानों को कब मिलेगी? विदिशा जिले के कितने किसानों को दोनों योजनाओं का फायदा नहीं मिलने की शिकायतें की गई हैं? उनका निराकरण क्यों नहीं हो रहा है?
इस पर सरकार ने जवाब दिया- योजनाओं का फायदा नहीं मिलने की 19,481 शिकायतें सीएम हेल्प लाइन पोर्टल पर मिली थी। इनमें से सिर्फ 776 शिकायतों का निराकरण होना शेष है। 663 शिकायतें फरवरी माह में दर्ज हुई हैं, जिनका निराकरण किया जा रहा है।
शर्मा ने ग्राम पंचायतों की जांच, अधिकारियों पर वित्तीय अनियमितता, नगर निगमों की सड़कों की जांच और वनों की अवैध कटाई को लेकर भी सरकार को घेरा।
सबनानी ने उठाया पीएम आवास में लेट-लतीफी का मुद्दा
भाजपा विधायक भगवान दास सबनानी ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से भोपाल के कोटरा स्थित गंगानगर में प्रधानमंत्री आवास निर्माण कार्य पूरा नहीं होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इन आवासों का छह साल में भी निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। बार-बार इसकी समय सीमा बढ़ती जा रही है। इसके चलते हितग्राही किराए से रहने को मजबूर हैं। उन्हें आवास के लिए राशि दी जानी चाहिए।
इसके जवाब में मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा- ठेकेदार के स्तर पर काम नहीं किया गया है। बीच में कोविड के कारण भी देरी हुई। कई बार हितग्राही का समय से पैसा जमा नहीं हुआ, इस कारण से भी दिक्कत हुई है। मंत्री के जवाब के बाद विधायक सबनानी ने कहा कि भोपाल में इस तरह के कुल 14 प्रोजेक्ट हैं। उनके मामले में भी ध्यान देने की जरूरत है।
सबसे ज्यादा सवाल पंचायत, राजस्व और नगरीय विकास विभाग से जुड़े
विधायकों ने सबसे ज्यादा 245 सवाल पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग को लेकर पूछे। इस विभाग के मंत्री प्रहलाद पटेल हैं। विधायकों ने जनपद पंचायतों के खातों से पैसे निकाले जाने, भ्रष्टाचार के मामलों में उच्च स्तरीय जांच, सड़क निर्माण में अनियमितताएं, पेसा एक्ट, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से जुड़े सवाल पूछे।
वहीं, राजस्व विभाग को लेकर 215 सवाल पूछे गए। जिनमें जनसुनवाई, सीएम हेल्पलाइन की शिकायतें, अतिक्रमण, राहत राशि का भुगतान, किसान सम्मान निधि और किसान कल्याण योजना से जुड़े सवाल शामिल थे। नगरीय आवास एवं विकास विभाग को लेकर 183 सवाल पूछे गए। इनमें पीएम आवास योजना, अवैध कॉलोनियों और प्राधिकरणों से संबंधित सवाल शामिल थे।
सीएम के पास 10 विभाग, कानून व्यवस्था से जुड़े सबसे ज्यादा सवाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पास इस समय 10 विभाग हैं। इनमें सबसे ज्यादा सवाल गृह और जेल विभाग को लेकर पूछे गए। इनमें हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट, सीआईडी जांच में देरी, प्रदेश में अपराधों पर नियंत्रण से जुड़े सवाल किए गए। सामान्य प्रशासन और वन विभाग से जुड़े सवालों में सामाजिक सुरक्षा पेंशन घोटाले और वन क्षेत्र में अवैध उत्खनन जैसे सवाल शामिल थे।
