इंदौर में पीसी सेठी अस्पताल और एमटीएच अस्पताल के डॉक्टरों ने रेप पीड़िता को भटकाया…
हैवानियत के बाद साढ़े पांच घंटे तक दो अस्पतालों के बीच भटकी रेप पीड़िता, तब हुई मेडिकल जांच
इंदौर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक रेप पीड़िता को साढ़े पांच घंटे तक तीन अस्पतालों में भटकना पड़ा। पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए पीसी सेठी अस्पताल, एमटीएच अस्पताल और फिर से पीसी सेठी अस्पताल भेजा गया। आखिरकार, पीड़िता की मेडिकल जांच हो पाई।

- पीड़िता को अस्पतालों में भटकना पड़ा, मेडिकल जांच में देरी।
- पीसी सेठी अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण हुई देरी।
- पीड़िता की मेडिकल जांच में हुई देरी पर उठे कई सवाल।
इंदौर। दुष्कर्मियों की हैवानियत ने उसे पहले ही तोड़कर रख दिया था। मंगलवार को जैसे-तैसे उपचार की आस लिए अस्पताल पहुंची तो यहां भी उसके जख्मों को मरहम नहीं मिला। डॉक्टर उसे मेडिकल जांच के लिए अस्पताल-अस्पताल भटकाते रहे। पीसी सेठी अस्पताल पहुंची तो मेडिकोलीगल केस (एमएलसी) का हवाला देकर एमटीएच अस्पताल भेज दिया।
यहां के डॉक्टरों ने कह दिया कि पीसी सेठी अस्पताल में बहुत स्टाफ है, वहीं जाओ। पीड़िता फिर वहां पहुंची। अबकी बार वहां के स्टाफ ने उससे कहा कि डॉक्टर दोपहर ढाई बजे बाद आएंगे, तुम्हें इंतजार करना पड़ेगा। आखिर साढ़े पांच घंटे भटकने के बाद दोपहर तीन बजे पीड़िता की मेडिकल जांच हो सकी।
इस छवि के लिए सिर्फ सरकार जिम्मेदार हो ऐसा भी नहीं है। दरअसल जिन कंधों पर इन सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी है, जो कंधे इस जिम्मेदारी के लिए मोटी तनख्वाह पाते हैं, वे खुद इतने लचर हैं कि न वे समय पर अस्पताल पहुंच रहे हैं, न अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
ऐसे भटकती रही पीड़िता
खुड़ैल थाने में 35 वर्षीय महिला ने कुछ दिन पहले एक व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज करवाया था। मंगलवार सुबह 9.30 बजे महिला पुलिसकर्मी के साथ पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए पीसी सेठी अस्पताल लाया गया। यहां कोई ड्यूटी डॉक्टर ही नहीं मिला, जबकि एक महिला डॉक्टर की यहां आनकाल ड्यूटी थी।
यहां से पीड़िता को एमटीएच अस्पताल भेजा गया, वहां भी मेडिकल नहीं हुआ। उसे कहा गया कि पीसी सेठी अस्पताल जाओ। पीड़िता करीब एक बजे वहां पहुंची, लेकिन कोई डॉक्टर नहीं था। स्टाफ ने कहा कि ढाई बजे डाक्टर आएंगे, उसके बाद ही मेडिकल जांच होगी। आखिर तीन बजे उसकी जांच हो पाई।
पहले भी दो दिन तक भटकी थी नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता
इससे पहले भी कई बार दुष्कर्म पीड़िता मेडिकल के लिए अस्पतालों में इसी प्रकार परेशान होती रही है। फरवरी 2024 में नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता दो दिन तक मेडिकल के लिए चक्कर लगाती रही। इस दौरान भी पीसी सेठी अस्पताल से यह कहकर एमटीएच अस्पताल भेजा था कि सोनोग्राफी के लिए डाक्टर नहीं है। एक घंटे बैठाने के बाद उसे रेफर किया था। इस मामले में भी जांच कमेटी बनी थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
डॉक्टरों की कमी की जानकारी दे चुके हैं
मेडिकल सिर्फ महिला चिकित्सक ही कर सकती है। अस्पताल में पांच चिकित्सक हैं। इनमें से दो अवकाश पर हैं। इस कारण यह समस्या हुई है। डॉक्टरों की कमी के संबंध में उच्च अधिकारियों को बता चुके हैं। अस्पताल में चिकित्सक के आने के बाद मेडिकल किया। – डॉ. वीरेंद्र राजगीर प्रभारी, पीसी सेठी अस्पताल
कई डॉक्टर चले गए हैं
पीसी सेठी अस्पताल में मेडिकल में देरी की सूचना मिली थी। सूचना के बाद संबंधित डॉक्टरों से संपर्क किया और महिला का मेडिकल करवाया गया। अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण इस तरह की समस्या आई है। पीजी की तैयारी के चलते कई डॉक्टर चले गए हैं। – डॉ. बीएस सैत्या सीएमएचओ
मेडिकल के लिए मना नहीं किया
महिला के मेडिकल के लिए मना नहीं किया है। हमने सिर्फ यह कहा है कि जो इलाज पीसी सेठी अस्पताल में हो सकता है, उसके मरीजों को भी एमटीएच में रेफर कर दिया जाता है। – डॉ. सुमित्रा यादव, प्रभारी, एमटीएच अस्पताल