इस भारतीय कंपनी ने बना ली कोरोना की दवा, सरकार ने दी मंजूरी

नई दिल्ली: भारत की प्रमुख दवा कंपनी सिप्ला लिमिटेड ने रेमडेसिविर के जेनेरिक संस्करण ‘सिप्रेमी’ की पेशकश की है, जिसे अमेरिकी दवा नियामक यूएसएफडीए ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के मरीजों को आपातकालीन स्थिति में देने की स्वीकृति दी है.

यूएसएफडीए ने कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने के लिए गिलियड साइंसेज को रेमडेसिविर के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए आपातकालीन उपयोग अनुमोदन (ईयूए) दिया है.

रेमडेसिविर एक मात्र दवा है, जिसे यूएसएफडीए ने COVID-19 के मरीजों के इलाज के लिए आपातकालीन उपयोग की स्वीकृति दी है.

गिलियड साइंसेज ने मई में सिप्ला के साथ रेमडेसिविर के विनिर्माण और विपणन के लिए एक गैर-विशेष लाइसेंस समझौता किया था.

सिप्ला ने कहा कि उसे भारतीय दवा महानियंत्रक (डीसीजीआई) से इस दवा के आपातकालीन स्थिति में सीमित उपयोग की अनुमति मिल गई है.

 

कंपनी ने एक बयान में बताया, ‘जोखिम प्रबंधन योजना के तहत सिप्ला दवा के इस्तेमाल का प्रशिक्षण देगी और मरीज की सहमति के दस्तावेजों की जांच करेगी तथा विपणन के बाद पूरी निगरानी रखने के साथ ही भारतीय मरीजों पर चौथे चरण का चिकित्सकीय परीक्षण भी करेगी.’

कंपनी ने कहा कि इस दवा की आपूर्ति सरकार और खुले बाजार के जरिए की जाएगी.

इस दवा की पेशकश पर सिप्ला लिमिटेड के प्रबंध निदेशक वैश्विक सीईओ उमंग वोहरा ने कहा, ‘सिप्ला गिलियड के साथ भारत में मरीजों के उपचार के लिए मजबूत साझेदारी की सराहना करती है. हमने कोविड-19 महामारी से प्रभावित लाखों लोगों की जान बचाने के लिए सभी संभावित तरीकों की तलाश में काफी निवेश किया है और यह पेशकश उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.’

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