इस साल भारत की अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट के संकेत, IMF की रिपोर्ट में खुलासा

वाशिंगटन: जहां पूरी दुनिया में कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन की वजह से आर्थिक चुनौतियां आ रही हैं, भारत भी अछूता नहीं रहने वाला. भारतीय अर्थव्यवस्था को मौजूदा वित्तीय वर्ष में भारी मंदी से गुजरना पड़ सकता है. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने बुधवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 2020 में 4.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है और यह ऐतिहासिक गिरावट होगी.

कोरोना वायरस ही है मंदी का कारण

IMF के अनुसार कोरोना वायरस महामारी और इसकी रोकथाम के उपायों के चलते अधिकांश आर्थिक गतिविधियां ठप होने के कारण इतनी बड़ी गिरावट आने का अनुमान है. हालांकि मु्द्राकोष का अनुमान है कि 2021 में देश में फिर से तेजी की राह पर लौट आएगा और उस साल 6.0 प्रतिशत की मजबूत आर्थिक वृद्धि देखने को मिल सकती है.

आईएमएफ ने 2020 में वैश्विक वृद्धि दर में 4.9 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया है. यह अप्रैल 2020 में जारी विóश्व आर्थिक परिदृश्य के अनुमान से और 1.9 प्रतिशत नीचे है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी का 2020 की पहली छमाही में गतिविधियों पर नकारात्मक प्रभाव अनुमान से कहीं ज्यादा व्यापक है. वहीं पुनरूद्धार पूर्व के अनुमान के मुकाबले धीमा है. वर्ष 2021 में वैóश्विक वृद्धि 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

मुद्राकोष के रिकार्ड के अनुसार 1961 के बाद से यह सबसे धीमी वृद्धि है. आईएमएफ के पास उससे पहले का आंकड़ा नहीं है. उसने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में 2021 में तेजी आने की उम्मीद है और इसमें 6.0 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है.

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