कृषि बिल के विरोध में NDA से अलग हुआ अकाली दल, कोर कमेटी ने लिया फैसला
कृषि सुधार बिल (Agriculture Bills) के विरोध में मोदी कैबिनेट से अकाली दल (Akali Dal) की नेता हरसिमरत कौर के इस्तीफे के बाद, अब अकाली दल ने NDA से बाहर होने का भी फैसला कर लिया है.
जानकारी के मुकताबिक, अकाली दल की कोर कमेटी की बैठक दौरान एनडीए से अलग होने का फैसला लिया गया है. शिरोमणि अकाली दल ने अपने फेसबुक पेज पर कोर कमेटी की बैठक के बाद लाइव करके यह जानकारी दी है.
कोर कमेटी की बैठक बाद अकाली दल ने बयान जारी कर कहा, “शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने MSP पर किसानों की फसलों की खरीद की गारंटी देने से मना करने के कारण बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से बाहर होने का फैसला किया है. साथ ही केंद्र सरकार की पंजाबी और सिख मुद्दों के प्रति असंवेदनशीलता जारी है”
इससे पहले शिरोमणि अकाली दल (SAD) के प्रमुख सुखबीर बादल (Sukhbir Badal) ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र के खिलाफ किसानों की लड़ाई के लिए एक मंच पर राजनीतिक संगठनों को साथ आना चाहिए.
परमाणु बम जैसा हरसिमरत का इस्तीफा-सुखबीर बादल
सुखबीर बादल ने हरसिमरत कौर के इस्तीफे की तुलना उस एटम बम से कर डाली जो द्वितीय विश्व युद्ध के वक्त जापान पर गिराया गया था. उन्होंने कहा कि जब जापान एक महाशक्ति था, अमेरिका ने उस पर एक एटम बम गिराया था, जिसने उस पूरे देश को हिलाकर रख दिया. इसी तरह हरसिमरत कौर का इस्तीफा भाजपा के लिए एटम बम के रूप में आया है. इसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हिलाकर रख दिया है. अब हर दिन उनके मंत्री इस अधिनियम की व्याख्या कर रहे हैं, पहले वे सभी शांत थे.
मालूम हो कि इसी नाराजगी के चलते सबसे पहले 17 सितंबर को नरेंद्र मोदी सरकार में अकाली दल की एकमात्र मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था.
“पंजाब के 20 लाख किसान होंगे प्रभावित”
सुखबीर सिंह ने अपने भाषण में लोकसभा में कहा था कि शिरोमणि अकाली दल इस बिल का सख्त विरोध करता है. हर बिल जो देश के लिए हैं, देश के कुछ हिस्से उसे पसंद करते हैं. कुछ हिस्सों में उसका स्वागत नहीं होता है. किसानों को लेकर आए इन तीन बिलों से पंजाब के 20 लाख किसान प्रभावित होने जा रहे हैं. 30 हजार आढ़तिए, तीन लाख मंडी मजदूर और 20 लाख खेत मजदूर इससे प्रभावित होंगे.