अपर आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षरों से नौकरी के नाम पर ठगने वालों पर मेहरबान अधिकारी
ग्वालियर नगर निगम में वाल्मीकि समाज की महिलाओं और पुरूषों से ठेका कर्मचारी के रूप में निगम में नियुक्ति का लालच देकर पैसे ठगने वाले कर्मचारियों पर अधिकारी मेहरबान हैं। इन कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस में एफआइआर दर्ज करने एवं उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने का निर्देश तात्कालीन प्रभारी निगमायुक्त ने दिया था। लेकिन इसके बाद मामला पूरी तरह से ठण्डे बस्ते में चला गया।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय में मालती पत्नी संतोष सहित अन्य लोगों ने आवेदन दिया था कि उनके साथ ठगी हुई है। नगर निगम में पदस्थ्य अपर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव, नियमित कर्मचारी ओमप्रकाश श्रीवास्तव व डब्ल्यूएचओ राकेश करोसिया पर पैसे लेने का आरोप लगाया था। निगमायुक्त नरोत्तम भार्गव ने मामले की 9 जनवरी को जांच की थी। जिसमें अपर आयुक्त के हस्ताक्षर नकली मिले थे। इसके बाद प्रभारी निगमायुक्त नरोत्तम भार्गव ने दोषी कर्मचारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने एवं विभागीय कार्यवाही के निर्देश दिए थे। लेकिन इस मामले को 13 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक इन दोषी कर्मचारियों के खिलाफ ना तो विभागीय जांच की गई और ना ही एफआइआर दर्ज हुई है।
ऐसे हुई थी ठगी..
नगर निगम में कार्य करने वाले ओमप्रकाश श्रीवास्तव व डब्ल्यूएचओ राकेश करोसिया ने वाल्मीकि समाज के लोगांे से कहाकि वह उन्हें ठेके पर नगर निगम में नौकरी दिला देगा। इसके बाद बाल्मीकि समाज के लोगों से इन दोनों कर्मचारियों ने 75 हजार स्र्पये लिए थे। बाद में इन लोगों को नगर निगम के फर्जी पत्र दे दिया जिसमें इन्हें ठेके पर सफाई कर्मचारी के रूप में रखने का आदेश जारी किया गया था। इन लोगों ने कोरोनाकाल के दौरान 8 माह तक नौकरी की, लेकिन इन्हें वेतन नहीं दिया गया। इसके बाद जब यह नियुक्ति पत्र लेकर उपायुक्त सत्यपाल सिंह चौहान के पास पहुंचे तो उन्होंने बताया कि यह पत्र फर्जी है। इसके बाद इन लोगों ने दोषी कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज करने के लिए ज्ञापन सौंपा था। वहीं प्रभारी निगमायुक्त ने भी कार्रवाई का आश्वासन दिया था। लेकिन यह मामला पूरी तरह से ठण्डा पड़ चुका है। दोष्ाी कर्मचारी आराम से निगम मुख्यालय में नौकरी कर रहे हैं।