मध्य प्रदेशः लाखों की मिलावटी नमकीन जब्त, कांग्रेस बोली- सरकार खुद दे रही है मिलावटखोरी को बढ़ावा
उज्जैन के मक्सी रोड स्थित एक नमकीन फैक्ट्री पर छापा मारा गया है, जहां चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आईं हैं. भारी मात्रा में मिलावटी नमकीन बनाई जा रही थी.
हाल के दिनों आपने दूध, मावे और दूसरे खाद्य पदार्थों में मिलावट के मामले सुने होंगे. क्या आप जानते हैं कि जो नमकीन पैकेट में आपके घर में मौजूद है वो तक सुरक्षित नहीं है. मध्य प्रदेश में मिलावट खोरों ने घर-घर में इस्तेमाल होने वाली नमकीन तक को नहीं छोड़ा. इसके अलावा बड़े पैमाने पर मसालों में भी मिलावट के मामले सामने आ रहे हैं. एक ओर प्रदेश में मिलावट को लेकर सरकार सख्त कदम उठाने का दावा कर रही है, लेकिन ये गोरखधंधा बदस्तूर जारी है.
पहले दूध, मावे में मिलावट की बात आ रही थी, फिर मसालों में मिलावट होने का बड़ा खुलासा हुआ. अब प्रदेश की पहचान बने नमकीन में भी मिलावट की बात सामने आ रही है. ताजा मामला उज्जैन का है जहां नमकीन फैक्ट्री पर छापा मारकर लाखों रुपए की नमकीन जब्त की गई है. इस नमकीन में अमानक केमिकल और घटिया तेल मिले होने की आशंका जताई जा रही है.
मध्य प्रदेश में मिलावट के खिलाफ सरकार बड़े अभियान का दावा कर रही है. प्रदेश के मुखिया अपने हर कार्यक्रम में मिलावटखोरों के खिलाफ बड़े अभियान का हवाला देते हैं, लेकिन खाने पीने की चीजों में चल रही मिलावट रुकने का नाम नहीं ले रही. ताजा मामला उज्जैन के मक्सी रोड स्थित एक नमकीन फैक्ट्री का है. इस फैक्ट्री पर जब खाद्य विभाग के अफसरों ने छापा मारा तो चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आईं.
जला हुआ काला तेल
1- काला तेल कई तरह की बीमारियों की वजह बनता है. घटिया तेल के चलते कोलेस्ट्रॉल, किडनी-लीवर की समस्या जैसी परेशानियां हो सकती हैं. कई बार इस तरह का घटिया तेल बार बार इस्तेमाल होने से कैंसर तक का खतरा रहता है.
2- अमानक रंग- रंग अमानक होने से कैंसर का खतरा होता है क्योंकि खाने लायक रंग महंगा होता है इसलिए कई बार निर्माता इसमें अमानक रंग की मिलावट करते हैं.
3- पाम ऑयल- पाम ऑयल पर प्रतिबंध नहीं है लेकिन ज्यादा मात्रा में इस तेल का इस्तेमाल भी शरीर के लिए घातक है और कई बीमारियों की जड़ है.
साथ ही गंदगी देखकर अधिकारियों ने नाराजगी जताई. उज्जैन के एसडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी के मुताबिक जिस प्रकार से अनहाइजेनिक माल और गंदगी देखने को मिली है, वो बड़ी चिंता का कारण है. इसके अलावा कई प्रकार की अनियमितता मिलने के चलते नमकीन के सैंपल लेकर भोपाल लेब में भेजा जा रहा है.
खंडवा जिले में तीन महीने से छापेमारी
खंडवा जिले में बीते महीनों में अलग अलग छापेमारी की कार्रवाई की गई थी. इसमें मिर्ची, हल्दी और दूसरे मसालों में मिलावट सामने आई थी. मिर्ची में रंग औऱ केमिकल की मिलावट थी. वहीं हल्दी में चावल का पाउडर और एक्सपायर हल्दी मिलाने का गोरखधंधा चल रहा था. खाद्य एवं औषधि विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, 9 नवंबर से 5 फरवरी महीने के बीच 193 छापे मारे गए. इसमें 781 सैंपल लिए गए जिसमें 713 सैंपल लैब भेजे गए, इसमें से 630 सैंपल की रिपोर्ट आ चुकी है. इसमें सिर्फ 208 सैंपल मानक पर खरे उतरे जबकि बाकी 422 सैंपल या तो अमानक थे, अनहाइजीनिक थे या फिर नकली नाम से बेचे जा रहे थे. हालांकि 151 मामलों में सैंपल की जांच रिपोर्ट लंबित है.
इस दौरान कुल 7 करोड़ 19 लाख रुपए की सामग्री ज़ब्त की गई. गौर करने वाली बात ये है कि पहले दूध और मावे में मिलावट के मामले सामने आ रहे थे. अब ज़्यादातर मामले मसालों में मिलावट के मामले सामने आ रहे हैं. वहीं अब प्रदेश के अलग अलग इलाकों से नमकीन में मिलावट के मामले सामने आने के बाद चिंता बढ़ गई है.
इन जिलों में लिए गए सैंपल
रीवा, रतलाम, खरगौन, भोपाल, शिवपुरी, इंदौर, उज्जैन, झाबुआ, बड़वानी, गुना, दमोह से नमकीन के सैंपल लिए गए जिसमें बड़े पैमाने पर सैंपल अमानक पाए गए हैं. अब सरकारी आंकड़े बताते हैं कि अभियान शुरू होने के बाद अभी तक मिलावटखोरों पर 204 एफआईआऱ हो चुकी हैं. 28 मामलों में एनएसए की कार्रवाई की गई. 94 खाद्य प्रतिष्ठान सील किए गए. 78 मामलों में लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की गई. 6 अवैध फैक्ट्रियां तोड़ी भी जा चुकी हैं.
मामले में कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस मीडिया सेल के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि सरकार खुद मिलावटखोरी को बढ़ावा दे रही है. मिलावट के खिलाफ अभियान की शुरुआत कमलनाथ सरकार में की गई थी. कांग्रेस सरकार ने ही रासुका की कार्रवाई करनी शुरू की थी. बीजेपी सरकार आने के बाद रासुका के मामलों में अपराधियों को ज़मानत देने का काम किया गया. अब तो प्रशासन इस अभियान के नाम पर वसूली अभियान चला रहा है. मिलावट को तो ये सरकार प्रोत्साहन देने का काम कर रही है.
धरपकड़ के बाद भी नहीं सुधर रहे मिलावटखोर
हालांकि लगातार धरपकड़ के बाद भी लगातार मिलावटखोरी के मामले सामने आ रहे हैं. इसके बाद भी सरकार के मंत्री अपनी पीठ थपथपा रहे हैं. सरकार के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि कांग्रेस ने बीते 15 महीनों के कार्यकाल में मिलावटखोरों को संरक्षण देने का काम किया. हमारी सरकार इस माफिया को जड़ से खत्म करने का काम कर रही है.
हाल ही में सरकार ने निर्देश पर मिलावटखोरों के प्रतिष्ठानों को भी जमींदोज करने की तस्वीरें भी देखी गईं लेकिन जो मिलावटखोरों के मन में जो डर होना चाहिए उसकी कमी महसूस होती है. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि कमलनाथ सरकार के दौरान मिलावटखोरों पर रासुका की कार्रवाई करने का ऐलान किया गया था और कार्रवाई हुई भी. दूध औऱ मावे में मिलावट का एक बड़ा सिंडिकेट तोड़ा गया. हालांकि सरकार बदलने के बाद अभियान को नए तरीके से शुरू किया गया.
शिवराज सरकार ने कानून में बदलाव करने का किया था ऐलान
मिलावट खोरों पर लगाम लगाने के लिए वर्तमान सरकार ने कानून में बदलाव करने का भी ऐलान किया था. इसके लिए 29 दिसंबर 2020 को हुई कैबिनेट की बैठक में मिलावट खोरों को सख्त सजा देने का कानून बनाने को मंजूरी मिली थी. इसके तहत आईपीसी की धारा 272, 273, 274, 275 और 276 में संशोधन किए जाने का प्रस्ताव पास किया गया. इसी के तहत मिलने वाली सजा में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इसमें मिलावट करने वाले को उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान किया गया है. हालांकि इस सब के बाद भी मिलावट रुकने का नाम नहीं ले रही.