हरियाणा के जिस वॉरियर ने 300 मृतकों का अंतिम संस्कार किया, उसकी संक्रमण से मौत; 3 घंटे भटकने के बाद भी बेड नहीं मिला था

कोरोना महामारी में एक तरफ अपने ही मुंह मोड़ रहे हैं, वहीं कई ऐसे हीरो सामने आ रहे हैं जो अपनी जान की परवाह किए बगैर सेवा में जुटे हैं। हिसार के प्रवीण भी इन्हीं में से एक थे, लेकिन अफसोस कि संक्रमण की चपेट में आने और समय पर इलाज नहीं मिलने की वजह से प्रवीण की जान चली गई।

43 साल के प्रवीण हिसार म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की उस टीम के इंचार्ज थे, जिस पर कोविड संक्रमण से मरने वाले लोगों के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी है। हिसार में कोरोना से अब तक मारे गए 750 में से 300 लोगों का अंतिम संस्कार प्रवीण और उनकी टीम ने ही किया था।

प्रवीण को ये अहसास तो रहा होगा कि उनकी जान जोखिम में है, लेकिन उन्होंने ये नहीं सोचा होगा कि संक्रमित हुए तो वक्त पर इलाज भी नहीं मिल पाएगा। लेकिन उनके साथ ऐसा ही हुआ। दो दिन पहले ऑक्सीजन लेवल गिरने पर परिजन अस्पताल में भर्ती कराने ले गए। लेकिन 3 घंटे तक भागदौड़ करने के बाद भी किसी सरकारी अस्पताल में बेड नहीं मिल सका।

मजबूरन प्रवीण को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। लेकिन इलाज के दौरान हालत बिगड़ने से प्रवीण ने गुरुवार को दम तोड़ दिया। अगर उन्हें इलाज मिलने में देरी नहीं हुई होती तो शायद उनकी जान बच जाती। लेकिन व्यवस्थाओं की कमी के चलते देश ने एक और कोरोना योद्धा को खो दिया है।

प्रवीण हिसार म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष भी थे। प्रवीण के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटे हैं। एक बेटा पढ़ाई कर रहा है और दूसरा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में काम करता है। प्रवीण के दो भाई भी म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में ही हैं।

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