Corona Update:संक्रमण और मौतों के असल आंकड़ों से काफी कम हैं सरकारी आंकड़ें, न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में दावा
शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें बताया गया है कि दुनिया भर में कोरोना से हुई मौतोंं का असल आंकड़ा दर्ज किए गए आंकड़े से 2 से 3 गुना ज्यादा है.
देश में कोरोना के मामलों (Corona Cases) में कमी आने लगी है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, नए केस आने के बाद देश में एक्टिव केस की संख्या घटकर 24,95,591 हो गई है. संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 2,71,57,795 हो गई है. इसमें 2.43 करोड़ लोग कोविड से ठीक हो चुके हैं. देश में कोरोना संक्रमण के कारण 3,11,388 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट की मानें तो असल मामलों का आंकड़ा सरकारी आंकड़ों से कही ज्यादा है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, अभी भी देश में संक्रमण और मौतों के सही आंकड़े सामने नहीं आ रहे हैं. इसकी कई वजह हैं, जैसे आंकड़ों का हिसाब ठीक से न रखना और व्यापक जांच की कमी. ऐसे में एक दर्जन से अधिक विशेषज्ञों की सलाह से, द न्यूयॉर्क टाइम्स ने देश में कोरोना से हुई तबाही के सही आंकड़ों के लिए कई संभावित अनुमानों पर पहुंचने के लिए, बड़े पैमाने पर एंटीबॉडी परीक्षणों के परिणामों के साथ-साथ भारत में समय पर मामलों और मौतों की संख्या का विश्लेषण किया है.
तीन संभावित अनुमानों पर पहुंची रिपोर्ट
इस विश्लेषण के बाद न्यू यॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में तीन संभावित अनुमान बताए हैं. पहला हरसंभव कटौती के बाद ( Conservative Scenario) संभावित संक्रमित की संख्या 40.42 करोड़ होगी जबकि संभावित मौंतो का आंकड़ा 600,000 होगा. वहीं अगर एक अधिक संभावित स्थिति (More Likely Scenario) की बात करें तो संभावित संक्रमितों का आंकड़ा 53.9 करोड़ होगा जबकि मौतों का आंकड़ा 16 लाख होगा. वहीं सबसे खराब स्थिति (Worse Scenario) में संभावित संक्रमितों का आंकड़ा 70.07 करोड़ होगा जबकि मौतों का आंकड़ा 42 लाख होगा. ये तीनों ही स्थिति सरकार की तरफ से दिए गए आंकड़े से कई ज्यादा है. इस रिपोर्ट में भारत सरकार की तरफ से उपलब्ध कराए गए 24 मई के आंकड़ों को आधार बनाया गया है जिसमें कुल मामलों की संख्या 2.69 करोड़ बताई गई थी जबकि मौतों की संख्या 3.7 लाख के करीब बताई गई थी.
मामलों में क्यों दिख रहा है इतना अंतर
शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें बताया गया है कि दुनिया भर में कोरोना से हुई मौतों का असल आंकड़ा दर्ज किए गए आंकड़े से 2 से 3 गुना ज्यादा है. न्यू यॉर्क टाइम्स की इस रिपोर्ट में WHO की इस रिपोर्ट को भी आधार बनाया गया है.
भारत में सरकारी मौतों का आंकड़ा असल आंकड़े से कम इसलिए भी बताया जा रहा है कि क्योंकि कई कोरोना के मरीज ऐसे थे जिन्होंने होम आइसोलेशन में या एम्बुलेंस दम तोड़ा जिसके चलते उनकी गिनती सरकारी आंकड़ों में नहीं हो पाई. इसके अलावा परिवारवालों की तरफ से जानकारी न मिलना और रिकॉर्ड रखने में भी लापरवाही बरतना इसका एक कारण है. ग्रामीण इलाकों में हुई मौतें भी सरकारी आंकड़ों में दर्ज नहीं पाई. यही स्थिति संक्रमित मामलों को लेकर भी थी