हैरतअंगेज: 80 साल की मां को 5 में से जब कोई पालने को राजी नहीं हुआ तो, पुलिस ने 3 बेटों को किया गिरफ्तार

बेटों को जब लगा कि अब बूढ़ी मां मदद के लिए हाथ धोकर पीछे पड़ गई है तो पांच-पांच बेटों में से सबने हाथ पीछे खींच लिए ये कहते हुए कि उनकी हैसियत और अपनी पारिवारिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे बूढ़ी मां को पालने में कोई उनकी मदद कर सके.

मां को पांच बेटे पालना तमाम उम्र कभी भारी नहीं लगा, उसने पति की मौत के बाद भी जैसे भी बन पड़ा पांचों बेटों को पढ़ाया-लिखाया और हरसंभव बेहतर परवरिश देने की कोशिश की. नतीजा पांचों बेटों के घर परिवार बस गए. इसके बाद जब 80 साल की बूढ़ी मां को सहारे के जरूरत हुई तो सभी बेटों ने आंख फिरा ली. बीच में पुलिस आई तो उसने भी बेटों को समझाने की कोशिश की. अपनी पर अड़े बेटों पर जब कोई असर नहीं हुआ तो पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके पांच में से तीन बेटों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि बाकी दो अन्य फरार बेटों की तलाश की जा रही है. इंसानी रिश्तों को तार-तार करती ये सच्ची घटना है मध्य प्रदेश के राजगढ़ इलाके में स्थित एक गांव की.

मीडिया से घटना की पुष्टि खुद राजगढ़ जिले के पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा भी करते हैं. उनके मुताबिक, घरेलू मसला था. बुजुर्ग महिला की देखभाल करना बेटों की प्राथमिक जिम्मेदारी बनती है. पुलिस ने बेटों से बात करके समाधान निकालने की कोशिश की. जब समाधान नहीं निकला तो आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को विवश होना पड़ा. तीन आरोपी बेटों को गिरफ्तार कर लिया गया है. बाकी दो अन्य की भी तलाश है. इंसानी रिश्तों को बेजार करती ये सच्ची घटना है राजगढ़ जिले के खिचलीपुर थाना स्थित देवाखेड़ी गांव की. घटना की मुख्य पात्र कहिए या फिर पीड़ित वृद्धा का नाम है रामकुंवर बाई.

राजगढ़ जिला पुलिस अधिकारियों के मुताबिक रामकुंवर बाई के पति लक्ष्मण सिंह की मौत हो चुकी है. पति के मौत के बाद से ही रामकुंवर बाई पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा. पति की मौत के बाद भी जैसे-तैसे वो गांव में अकेली ही रहकर जिंदगी के बचे दिन गुजारना चाहती थीं. विपरीत हुए हालातों ने मगर रामकुंवर बाई को अपने पांच बेटों से मदद लेने के लिए मजबूर कर दिया. एक-एक कर उन्होंने हर बेटे को अपनी बुढ़ापे की मजबूरियों और जरूरतों से वक्त-वक्त पर अवगत कराया. उनके तीन बेटे इंदौर में जाकर बस चुके हैं, उनसे भी मदद मांगी. कुछ समय तक तो सभी बेटे बूढ़ी मां को तरह तरह के बहाने बनाकर टरकाते रहे.

बेटों को जब लगा कि अब बूढ़ी मां मदद के लिए हाथ धोकर पीछे पड़ गई है तो पांच-पांच बेटों में से सबने हाथ पीछे खींच लिए ये कहते हुए कि उनकी हैसियत और अपनी पारिवारिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे बूढ़ी मां को पालने में कोई उनकी मदद कर सके. इस बात ने 80 साल की बूढ़ी मां रामकुंवर बाई को अंदर से हिला-झकझोर दिया. मुश्किल ये थी कि वो खुद पर गुजर रही हकीकत से गांववालों को भी अवगत नहीं कराना चाह रही थीं. इसके पीछे रामकुंवर बाई की सोच थी कि गांव में उनके स्वर्गवासी हो चुके पति की इज्जत और बेटों की हरकतें गांव में उछलेंगी. अंतत: चारों ओर से बेहाल और मजबूर बूढ़ी मां को गांव में ही किसी ने सलाह दी कि वो अगर पुलिस के पास जाएं तो ऐसा कानून है कि उनके बच्चों को अपनी बूढ़ी मां की मदद हर हाल में करनी पड़ेगी.

लिहाजा बूढ़ी जिंदगी में चारों ओर अंधेरा ही अंधेरा देख वृद्धा ने थाना खिलचीपुर का रुख किया. थाना पुलिस ने सभी बेटों को बुलाकर पूछताछ की तो सब के सब अपनी अपनी मजबूरियां बताकर मां को साथ रखने या फिर उनकी मदद करने से पीछे हट गए. लिहाजा थाना पुलिस ने मामला जिला पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा के संज्ञान में दे दिया. पुलिस अधीक्षक ने भी अपनी ओर से मामला सुलझाने के प्रयास किए. इसके बाद भी मगर पांच में से कोई भी बेटा जब मां की मदद को तैयार नहीं हुआ तो पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर थाना पुलिस ने वरिष्ठ नागरिक (सीनियर सिटीजन) एक्ट की धारा 24 के तहत पांचों पुत्रों के खिलाफ मुकदमा कायम करा दिया. मुकदमा दर्ज होते ही पुलिस ने तीन पुत्रों को गिरफ्तार कर लिया जबकि बाकी दो की तलाश जारी है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *