जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव पर मचा घमासान:BJP का 25 जिलों में निर्विरोध निर्वाचन का दावा, आयोग ने 17 नाम जारी किए; इटावा में सपा का कब्जा
उत्तर प्रदेश के जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भाजपा ने दावा किया है कि 25 जिलों में हमारे कैंडिडेट निर्विरोध चुने जाएंगे। लेकिन आयोग ने जो सूची जारी की है उसके मुताबिक 17 जिलों में बीजेपी के उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं जबकि एक सीट पर सपा का उम्मीदवार जीता है। वहीं सपा ने आरोप लगाया है कि 12 जिलों में हमारे प्रत्याशियों को नामांकन नहीं करने दिया गया। इसके अलावा अन्य 57 सीटों पर सपा और BJP के उम्मीदवारों ने अपना पर्चा दाखिल किया है। इन सीटों पर 3 जुलाई को मतदान किया जाएगा और उसी दिन शाम को ही मतगणना होगी।
राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी किए गए जिला पंचायत अध्यक्ष के उम्मीदवारों की सूची में 18 जिले में निर्विरोध उम्मीदवार जीते हैं। सूची के अनुसार, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, अमरोहा, मुरादाबाद, बुलंदशहर, आगरा, इटावा, ललितपुर, झांसी, बांदा, चित्रकूट, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, गोरखपुर, मऊ, वाराणसी शामिल हैं। केवल इटावा में सपा का उम्मीदवार जीता हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा बताया गया कि 160 नामांकन जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए हुए थे जिसमें छह नामांकन के पर्चे खारिज किए गए, अब 154 नामांकन सही पाए गए हैं। ख़ारिज किए गए नामांकन पत्रों में गोरखपुर, वाराणसी, मुजफ्फरनगर और अमरोहा में एक-एक और बांदा में दो उम्मीदवार शामिल हैं। वहीं रायबरेली और जालौन में कांग्रेस ने केवल उम्मीदवार उतारा है। बसपा ने एक भी उम्मीदवार जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में नहीं उतारा गया।
जौनपुर में सबसे ज्यादा 5 लोगों ने पर्चा भरा
सबसे ज्यादा जौनपुर में पांच लोगों ने नामांकन किया है। एटा, बागपत, गाज़ियाबाद, प्रतापगढ़, सीतापुर में 4-4 उम्मीदवारों ने ,रामपुर, संभल, बदायूं ,फर्रुखाबाद, उन्नाव लखीमपुर खीरी,आजमगढ़, सुल्तानपुर, ग़ाज़ीपुर और भदोही में तीन तीन नामांकन किए गए हैं।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सपा ने दिया था झटका
इससे पहले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान कुल जिला पंचायत सदस्य 3050 चुने गए थे। जिसमें सपा के 747, बीजेपी के 666, बीएसपी के 322, कांग्रेस के 77, आम आदमी पार्टी के 64 और निर्दलीय 1174 प्रत्याशी चुनाव जीते थे। इन चुनावी नतीजों के आते ही माहौल बन गया कि सूबे में BJP की हालत पतली हो गई है।
इस बीच, समाजवादी पार्टी ने शोर मचाना शुरू कर दिया कि विधानसभा चुनाव में BJP सत्ता से बाहर कर दी जाएगी। सूचना के अनुसार मेरठ और बांदा में विपक्ष के नेताओं का पर्चा खारिज हो गया है इसके अलावा बाकी बची सीटों पर 3 जुलाई को जिला पंचायत सदस्य मतदान करेंगे।
भाजपा के प्रवक्ता मनीष शुक्ला का कहना है कि पूरे यूपी में भाजपा के 25 जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध चुने जाएंगे उनके खिलाफ सपा या अन्य पार्टी के सदस्यों को प्रस्ताव नामांकन करने के लिए प्रस्ताव अब तक नहीं मिले।
सपा ने लगाया सत्तापक्ष पर आरोप
सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम का आरोप है कि यूपी के 12 जिलों में सपा कैंडिडेट को नामांकन नहीं करने दिया गया कई कैंडिडेट के प्रस्ताव को को होटल में बंद कर दिया गया कई प्रस्तावों को गायब कर दिया गया पुलिस के बल पर पूरी तरीके से शासन सत्ता का प्रयोग करते हुए हमारे उम्मीदवारों का नामांकन दाखिल करने से रोका गया।
इन सीटों पर सपा नहीं कर पाई नामांकन
गोरखपुर, झांसी, मुरादाबाद, चित्रकूट, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, ललितपुर, गाजियाबाद, भदोही, हमीरपुर, मऊ में भी नामांकन समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट नहीं कर पाए। समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव के चचेरे भाई अभिषेक यादव इटावा जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध चुने जाएंगे। यहां पर भाजपा का कोई भी कैंडिडेट नामांकन करने नहीं पहुंचा।
निष्पक्ष और शांति पूर्ण मतदान कराए जाएंगे
राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने निर्देश दिए हैं कि, सभी प्रेक्षक 2 जुलाई तक अपने जिले में पहुंचकर लिखित में सूचना आयोग को उपलब्ध कराएं। उनके जिले में मतदान और मतगणना की समुचित तैयारियों के बारे में अधिकारियों के साथ बैठक कर पारदर्शी, स्वतंत्र एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन संपन्न कराने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश और व्यवस्थाएं कराई जाएं। समस्त निर्वाचन सामग्री डबल ब्लॉक के साथ रखवाया जाए और 3 जुलाई को पारदर्शिता के साथ चुनाव सम्पन्न कराया जाए।