मंदसौर जहरीली शराब कांड में SIT का गठन, अब तक 6 लोगों की हो चुकी है मौत

मध्‍य प्रदेश के मंदसौर में जहरीली शराब कांड की जांच के लिए सरकार ने एसआईटी (SIT) का गठन कर दिया है. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा को एसआईटी का अध्यक्ष बनाया गया है

मध्‍य प्रदेश (Madhya Pradesh News) के मंदसौर में जहरीली शराब कांड (Mandsaur Poisonous Liquor Case) की जांच के लिए सरकार ने एसआईटी (SIT) का गठन कर दिया है. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा (Rajesh Rajora) को एसआईटी का अध्यक्ष बनाया गया है. 3 सदस्यों की इस टीम में 2 आईपीएस अफसरों को भी शामिल किया गया है. एसआईटी का सदस्य जीपी सिंह ADG सतर्कता पुलिस मुख्यालय, एमएस सिकरवार IG रेल भोपाल को बनाया है.

इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को मंत्रालय में अवैध शराब की रोकथाम पर बैठक ली. मुख्‍यमंत्री ने मामले को लेकर बैठक में कड़ी नाराजगी व्यक्त की. बैठक में गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, वाणिज्य कर एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव वाणिज्य कर दीपाली रस्तोगी और पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी मौजूद थे

उधर सोमवार को जिला प्रशासन ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में आबकारी विभाग के निरीक्षक नरेंद्र डामोर को निलंबित किया था. पुलिस और प्रशासन मामले की जांच कर रहा है. वहीं देर रात में ही जिला प्रशासन ने अवैध शराब बेचने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया.

मरने वालों की संख्या बढ़कर छह हुई

वहीं मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में जहरीली शराब मामले में तीन और लोगों की मंगलवार को इलाज के दौरान मौत हो जाने से इस कांड में मरने वालों की संख्या बढ़कर छह हो गई है, जबकि इस मामले में चार अन्य प्रभावितों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है.

इससे पहले मंदसौर जिले के खाखराई गांव में शनिवार और रविवार की दरमियानी रात को किराने के एक दुकान से खरीदी गई शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई थी. हालांकि, उनकी मौत का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है.

कमलनाथ का आरोप-घटना को छिपाने की कोशिश

इस बीच, मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार घटना को छिपाने की कोशिश कर रही है . साथ ही प्रदेश के आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा के विधानसभा क्षेत्र में होने वाले इस कांड में मरने वालों की संख्या को भी छिपाने का प्रयास किया जा रहा है.

कमलनाथ ने एक बयान में कहा कि अब तक इस मामले में किसी भी उच्च स्तरीय जांच के आदेश नहीं दिए गए हैं. नकली शराब कांड में पीड़ितों के लिए कोई राहत या आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी सरकार ने नहीं की है.

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार शराब व्यापार में शामिल माफिया को बचाने की कोशिश क्यों कर रही है? दूसरी ओर मध्यप्रदेश भाजपा के सचिव रजनीश अग्रवाल ने कहा, ‘पिछले कांग्रेस के शासन में बड़े अवैध शराब व्यापार के खिलाफ सरकार की कार्रवाई जारी है.’मालूम हो कि प्रदेश के गृह मंत्री ने सोमवार को इस घटना के सिलसिले में पुलिस थाना प्रभारी और एक सहायक उप निरीक्षक को निलंबित कर दिया

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