रिटायर्ड ASI के सुसाइड नोट ने खोला राज:बेटी बोली- गुना के दो पूर्व SP राहुल लोढ़ा और राजेश सिंह ने प्रताड़ित किया; पता नहीं निष्पक्ष जांच होगी भी या नहीं

गुना में कोतवाली थाने से रिटायर्ड ASI रमेश शर्मा ने फांसी लगाने से पहले डायरी में तीन पन्ने का सुसाइड नोट अपनी गाड़ी में छोड़ा था। रमेश की बेटी ने बिना कुछ पढ़े डायरी निकालकर पुलिस को दे दी थी। बाद में परिवार वालों ने हंगामा किया तो परिवार वालों को सुसाइड नोट पढ़वाया गया। सुसाइड नोट में रमेश शर्मा ने जिले में तैनात दो पूर्व SP राहुल लोढ़ा, राजेश सिंह और कैंट थाने के हेड कांस्टेबल पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। सुसाइड नोट में इंक्रीमेंट रोकने और परेशान करने का भी आरोप लगाया गया है। इसकी वजह से प्रमोशन में देरी की बात कही गई है। बेटी ने कहा कि इतने वरिष्ठ अधिकारियों के नाम लिखे हैं, पता नहीं निष्पक्ष जांच होगी भी या नहीं। आज एएसआई का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

रमेश शर्मा 30 जुलाई को प्रमोट होकर एएसआई बने थे। अगले ही दिन 31 जुलाई को रिटायर हो गए थे। एक अगस्त को कोतवाली में ही विदाई पार्टी हुई थी। 4 दिन बाद ही बुधवार को कोतवाली थाने के पीछे टावर पर उनका शव लटका मिला। रमेश शर्मा गुना में अपनी पत्नी और मां के साथ रहते थे। उनके दो बच्चे अहमदाबाद में और एक बेटी राजस्थान के छबड़ा जिले में रहती है।

मंगलवार को रात 10 बजे तक कोतवाली में रहे थे रमेश शर्मा
कोतवाली थाने के पुलिसकर्मियों ने बताया कि मंगलवार को रमेश शर्मा पहले कैंट थाने गए और उसके बाद कोतवाली आए। यहां रात 10 बजे तक वे रहे। उन्होंने हंसी-खुशी सबसे बात की। उनके चेहरे पर किसी तरह की कोई चिंता नहीं दिख रही थी। वे हमेशा जैसे रहते थे, वैसे ही उस दिन भी रहे। इसके बाद वे कोतवाली से निकल गए।

बुधवार सुबह उनकी बेटी ज्योति शर्मा ने कोतवाली पुलिस को बताया कि उनके पिता रात से घर नहीं आए हैं। उनके दोनों नंबर चालू हैं, लेकिन फोन नहीं उठ रहा है। इसके बाद वह SP राजीव मिश्रा से मिलने पहुंच गई। वहां SP को पूरे मामले से अवगत कराया। इसके बाद जैसे ही वह SP ऑफिस से बाहर निकली, कोतवाली थाने की गाड़ी आ गई। ज्योति को पुलिस ने बताया कि कोतवाली के पीछे ही पिता ने फांसी लगा ली है। परिवार वाले कोतवाली परिसर के पीछे की ओर गए तो टावर पर रमेश शर्मा का शव लटक रहा था।

1 अगस्त को कोतवाली थाने में रिटायरमेंट की पार्टी हुई थी।
1 अगस्त को कोतवाली थाने में रिटायरमेंट की पार्टी हुई थी।

इसी दौरान ज्योति ने कोतवाली में ही खड़ी अपने पिता की गाड़ी की डिग्गी में देखा तो एक डायरी मिली। उस डायरी को उन्होंने बिना पढ़े ही पुलिस को दे दिया। बाद में उन्हें पता चला कि उस डायरी में उनके पिता ने 3 पेज का सुसाइड नोट लिखा हुआ है। इसके साथ ही मृतक की जेब से उनका मोबाइल भी मिला, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया।

परिवार ने हंगामा किया तब पढ़ने के लिए दी डायरी
परिवार के सभी सदस्यों ने हंगामा कर दिया। उनका कहना था कि पहले उन्हें सुसाइड नोट और मोबाइल दिखाया जाए। उसके बाद ही वे बॉडी लेंगे। जैसे-तैसे उन्हें मनाकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भिजवाया। वहां भी सभी परिवार वाले डायरी पढ़ने की जिद पर अड़े रहे। इसके बाद बुधवार देर रात अस्पताल चौकी में उनके बयान लिए गए और कोतवाली लाकर डायरी पढ़वाई गई। मृतक की बेटी ने डायरी पढ़ने के बाद बताया कि डायरी में दो बड़े अधिकारियों के नाम लिखे हैं। इनमे जिले में तैनात रहे दो पूर्व SP राहुल लोढ़ा और राजेश सिंह के नाम हैं। साथ ही केंट थाने के महेंद्र कुशवाहा का भी नाम सुसाइड नोट में लिखा हुआ है। नोट में इन सभी अधिकारियों पर इंक्रीमेंट रोकने, परेशान करने के आरोप लगाए गए हैं। इनकी वजह से ही प्रमोशन देरी से होने का भी आरोप लगाया गया है।

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