bhinnd . MP बोर्ड की स्पेशल परीक्षा में नकल:हायर सेकेंडरी परीक्षा में पकड़े फर्जी परीक्षार्थी; दूसरे परीक्षार्थियों के स्थान पर पेपर कर रहे थे हल

मध्यप्रदेश के माध्यमिक शिक्षा मंडल की आयोजित दसवीं और बारहवीं की स्पेशल परीक्षा में भिंड जिले के सुरपुरा गांव में स्वामी विवेकानंद स्कूल परीक्षा केंद्र पर चार परीक्षार्थी चेकिंग के दौराप फर्जी पकड़े गए। यहां जांच के दौरान तीन परीक्षार्थी दूसरे परीक्षार्थी की जगह एग्जाम दे रहे थे। वहीं एक परीक्षार्थी कागजी हेराफेरी करके परीक्षा में बैठा था। सुरपुरा थाना शिक्षा विभाग के अफसरों की शिकायत पर चारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली।

सुरपुरा थाना प्रभारी आलोक सिंह तोमर के मुताबिक स्वामी विवेकानंद स्कूल में हायर सेकंडरी की परीक्षा आयोजित हो रही थी। इस परीक्षा में जनरल प्रमोशन से असंतुष्ट छात्र बैठ रहे हैं। यहां एग्रीकल्चर, होमसाइंस और केमस्ट्री के पेपर में जांच के दौरान परीक्षा कक्ष में बैठे परीक्षार्थी पर शक हुआ। यहां भरौली निवासी अजय राजावत गांव के ही छात्र आदित्य सिकरवार की जगह परीक्षा में बैठा था। वहीं दूसरा परीक्षार्थी शिवा सिंह, जितेंद्र सिंह की जगह और संदीप सिंह छात्र कमलेश की जगह परीक्षा में बैठा था।

वहीं, चौथा आरोपी पकड़ा गया, जो कि परीक्षा केंद्र पर उम्र करके यानी दस्तावेजों में हेराफेरी कराकर बैठा था। उल्लेखनीय है कि यह एग्जाम बोर्ड द्वारा कोरोना काल में जनरल प्रमोशन पूरे प्रदेश भर के छात्रों का कर दिया गया है। भिंड जिले में दसवीं में 1092 छात्र और बारहवीं के 182 परीक्षार्थी अपने रिजल्ट से संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने परीक्षा में पुनः बैठने का निर्णय लिया था।

असली छात्रों पर नहीं हुई एफआईआर

हायर सेकंडरी परीक्षा में चार परीक्षार्थी फर्जी पकड़े जाने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप है। ब्लॉक शिक्षा अफसर की शिकायत पर चारों परीक्षार्थियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। शिक्षा विभाग द्वारा उन परीक्षार्थियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिनके स्थान पर यह फर्जी परीक्षार्थी बैठे। इस तरह से असली परीक्षार्थियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

क्षेत्रीय नेता मामले को दबाने में जुटे
सुरपुरा थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पकड़े गए छात्र अपने परिचितों के स्थान पर बैठे थे। यह मामले में एक निजी स्कूल संचालक की भूमिका संदिग्ध बनी है। फर्जी परीक्षार्थी पकड़े जाने के बाद तत्काल राजनीति रूप ले लिया गया। जिले के एक विधायक के भाई ने पूरे मामले में हस्तक्षेप कर दबाने का प्रयास किया। हालांकि मामला उजागर होने पर आरोपी युवकों को पर मामला दर्ज हो गया। इस मामले की जांच न करके संदिग्धों को बख्शा जाने की भूमिका तैयार की जा रही है।

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