Madhya Pradesh: सहकारी बैंक घोटाले में 4 CEO सहित 14 कर्मचारी निलंबित, मंत्री ने कहा- किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा

शिवपुरी के सहकारी बैंक में गबन का मामला सामने आने के बाद सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया ने जांच की टीम गठित कर दी थी. इस 13 सदस्यीय टीम ने गड़बड़ी में जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की जांच की.

मध्य प्रदेश के शिवपुरी  में किसानों के नाम पर फर्जी ऋण (Fake Loan) और अमानतदारों की राशि में करोड़ों रुपए का गबन करने के मामले में सरकार ने सहकारी बैंक (Cooperative bank) के चार सीईओ समेत 14 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. सरकार की तरफ से मंगलवार देर शाम ये कार्रवाई की गई है. सहकारी बैंक में गड़बड़ी का आरोप लगने के बाद इस मामले में जांच की जा रही थी. सरकार ने जांच पूरी होने के बाद ही यह कार्रवाई की है. बता दें कि गबन करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की प्रॉपर्टी भी बैंक ने सीज कर दी है.

जानकारी के मुताबिक सहकारी बैंक शिवपुरी में पूर्व में पदस्थ रहे सीईओ एएस कुशवाह, डीके सागर, वायके सिंह और वर्तमान में पदस्थ्य लता कृष्णन को निलंबित किया गया है. वहीं घोटाले का पता चलते ही कोलारस शाखा के कैशियर और घोटाले के मास्टरमाइंड राकेश पराशर, दो प्रबंधक सहित 3 पर एफआईआर हो चुकी है. इसके बाद से फरारी के चलते तीनों पर दो-दो हजार का इनाम भी घोषित है. इसमें बैंक में चपरासी से कैशियर बना राकेश पाराशर मुख्य आरोपी है, जो फरार है.

2006 से 2020 तक के सभी सीईओ हुए निलंबित

शिवपुरी के सहकारी बैंक में गबन का मामला सामने आने के बाद सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया ने जांच की टीम गठित कर दी थी. इस 13 सदस्यीय टीम ने गड़बड़ी में जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की जांच की. जांच पूरी कर समिति ने एक महीने में जांच करके प्रतिवेदन दिया था. इसके आधार पर बैंक में साल 2006 से 2020 तक मुख्य कार्यपालन अधिकारी पद पर रहे चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है.

किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा

जांच टीम ने इन सभी अधिकारियों को कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही और उपेक्षापूर्ण कार्यप्रणाली से बैंक में गबन और घोटाला होने के लिए जिम्मेदार माना है. वहीं, शिवपुरी बैंक के प्रबंधक, लेखापाल और लिपिक संवर्ग के 10 कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई. इसके आधार पर इन्हें भी निलंबित कर दिया है. सहकारिता मंत्री डॉ. भदौरिया ने बताया कि भ्रष्टाचार के मामले में सरकार की नीति बिल्कुल स्पष्ट है. किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.

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