भिंड, सड़क पर उतरे किसान …..खाद के लिए हाईवे पर लेटकर किसानों ने किया प्रदर्शन, बोले- बोरी मिलेगी तभी हटेंगे, भिंड SDM को सुनाई खरी-खरी, मेंहगांव में 3KM तक जाम लगा

भिंड जिले में खाद को लेकर किसानों में आक्रोश फूट पड़ा है। सुबह के समय किसानों भिंड शहर के वायपास पर जाम लगाया था। दोपहर के पश्चात किसान मेंहगांव कस्बे में विफर गए। वे हाईवे पर पहुंचे कुछ किसान सड़क पर लेट गए। इसके बाद जाम लगा गया। इस दौरान किसानों ने जमकर प्रदेश सरकार को कोसा और बोले- भिंड जिले में दो-दो मंत्री है। परंतु कोई मतलब के नहीं है। यहां किसानों दस-दस दिन बीतने के बाद खाद नहीं मिल रहा है। किसान परेशान हो रहे है। उन्हें अपनी लड़ाई सड़क पर उतरकर लड़नी पड़ रही है।

किसानों ने हाईवे पर जाम लगाते हुए कहा कि सुबह- 4 बजे गांव से किसान आ रहे है और खाद के लिए लाइन में लग रहे है फिर भी खादन नहीं मिल पा रहा है। किसानों का कहना है कि खाद की दो बोरी मिल रही है। जबकि फसलों को बुवाई के लिए हर एक किसान को दस से पंद्रह बोरी की जरूरत है। किसानों ने विरोध करते हुए कहा कि जब तक मेरी समस्या का निदान नहीं निकलेगा तब तक हाईवे से नहीं हटेंगे। करीब तीन घंटे तक किसान सड़क पर डटे रहेे। किसानों को समझाइश देने के लिए गोहद एसडीओपी नरेंद्र सोलंकी आए। उन्होंने हाईवे का जाम खुलवाने का प्रयास किया परंतु किसान अपनी मांग पर अड़े रहे। इसके बाद नायब तहसीलदार रंजीत सिंह मौके पर पहुंचे। किसानों की मांगों को मानते हुए खाद की व्यवस्था कराए जाने की बात कही। नायब तहसीलदार के आश्वासन के बाद किसान हाईवे पर से हटे। इस तरह से करीब 3 घंटे बाद जाम खुला।

मेंहगांव में प्रदर्शन के दौरान हाईवे पर एकत्रित किसान।
मेंहगांव में प्रदर्शन के दौरान हाईवे पर एकत्रित किसान।

जाम में फंसी एम्बुलेंस

खाद की किल्लत से परेशान चल रहे किसान अब विद्रोह का मूड़ बना चुके है। शनिवार की दोपहर हाईवे पर जमा के बाद करीब 3 किलोमीटर लंबी वाहनों की लेन लग गई। इस जाम में भिंड से आने वाली एक एम्बुलेंस फंस गई। यह एम्बुलेंस में गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज को भिंड से ग्वालियर शिफ्ट किया जा रहा था। एम्बुलेंस काफी समय तक फंसी रही। जब मरीज के अटेंडरों ने पुलिस का सपोर्ट लिया तब कही जाकर एम्बुलेंस को जाम से निकालकर ग्वालियर की ओर रवाना किया गया।

हाईवे पर किसानों के से जाम में फंसी एम्बुलेंस।
हाईवे पर किसानों के से जाम में फंसी एम्बुलेंस।

भिंड में विफरे किसान

भिंड शहर में भी किसान हर रोज सुबह से ही खाद वितरण सेंटरों पर पहुंच रहे है। वे भूखे-प्यासे कतार में खड़े रहते है। हर रोज बड़ी तादाद में किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ता है। कभी किसान से कह दिया जाता है कि खाद खत्म हो गया तो कभी कहते है कि खाद आज आएगा। तो कभी बोला दिया जाता है कि खाद आया नहीं। आश्वासनों के बीच आस भरी नजर से हाथ में किसान खेती किसानी के कागज लेकर पहुंच रहे है। शनिवार को खाद मिलने की सूचना पर बड़ी तादाद में किसान गल्ला मंडी पहुंचे। यहां किसानों को खाद न मिलने पर वे आक्रोशित हो उठे। सैकड़ों किसानों ने भारौली तिराहे पर जाम लगा दिया।

बायपास हाईवे के ट्रैफिक जाम हो गया। किसानों को आक्रोशित देख जिला प्रशासन के अफसरों के हाथ पैर फूल गए। सबसे पहले मौके पर पुलिस पहुंची। पुलिस के जवानों ने आंखें दिखाते हुए भीड़ को कंट्रोल करना चाहा। परंतु किसानों का आक्रोश कम नहीं हुआ। इसके बाद SDM उदय सिंह सिकरवार मौके पर पहुंचे। इसके बाद किसानों ने उन्हें घेर लिया और खूब खरी-खरी सुनाई। करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद किसानों का आक्रोश शांत हुआ। प्रशासनिक अफसरों की समझाइश के बाद किसानों प्रदर्शन को समाप्त किया।

भिंड में वायपास पर एसडीएम से बहस करते किसान।
भिंड में वायपास पर एसडीएम से बहस करते किसान।

महिलाएं भी कतार में

नवदुर्गा उत्सव के दिनों में व्रत-उपवास को रखने वाली महिलाएं भी खाद की कतार में खड़ी हो रही है। इन महिलाएं, सुबह का कामकाज निपटाकर खाद के लिए कतार में खड़ी हो रही है। इन महिलाओं को हर रोज निराश होकर लौटना पड़ रहा है। वे भी विरोध प्रदर्शन में शामिल होकर चक्काजाम में शामिल हुई। इसी तरह दिव्यांग भी खाद की कतार में खड़े हो रहे है। दिव्यांग व महिला के लिए अलग लेन की व्यवस्था नहीं है।

किसानों से हुई बहस

चक्काजाम कर रहे किसानों से पहले पुलिस के जवानों की खूब बहस हुई। पुलिस के जवानों ने खाकी का रौब दिखाकर किसानों को डराना चाहा। परंतु किसान, डटे रहे। इसके बाद एसडीएम सिकरवार भी मौके पर आ गए। करीब आधा घंटे तक एसडीएम और किसानों के बीच बहस चली। इसके बाद तब जाकर कही विरोध प्रदर्शन शांत हुआ।

खाद के लिए चक्कर काट रहा दिव्यांग राम सिंह

विरोध प्रदर्शन के दौरान दिव्यांग राम सिंह ने अपना दुखड़ा सुनाया। किसान का कहना है कि पिता की उम्र 74 साल है। मेरा भाई की मौत हो चुकी है। घर में कोई दूसरा युवक नहीं है। मैं हूं। मेरा एक पैर नहीं है। ऐसे में भीड़ में खड़ा होना मुश्किल है। एसडीएम साहेब से बातचीत की थी तो उन्होंने कहा कि भीड़ में खड़ा होना पड़ेगा।

वापपास पर किसान प्रदर्शन करते हुए।
वापपास पर किसान प्रदर्शन करते हुए।

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