NCR का दायरा घटेगा … 100 किलोमीटर तक सीमित होगा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, ड्राफ्ट रीजनल प्लान-2041 को सरकार की मंजूरी
NCR को लेकर नई नीति पर मंगलवार को हुई बैठक में चर्चा की गई, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने की। इसमें चार राज्यों- उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान और दिल्ली के प्रतिनिधि मौजूद थे। हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि मसौदा रीजनल प्लान एक विकसित दस्तावेज है और इस पर राज्यों के विचारों की समीक्षा तब तक की जा सकती है, जब तक कि इसे अंतिम रूप नहीं दिया जाता है।
गुरुग्राम, नोएडा समेत ये हिस्से NCR में बने रहेंगे
रिपोर्ट के मुताबिक गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और मेरठ के कुछ इलाके और अन्य NCR का हिस्सा बने रहेंगे क्योंकि ये 100 किलोमीटर के दायरे में आते हैं। ड्राप्ट रीजनल प्लान-2041 में झुग्गी मुक्त NCR के लिए एयर एम्बुलेंस सुविधा और हेलीटैक्सी, सड़क, रेल और जलमार्ग के जरिए बेहतर संपर्क सुविधा बनाई जाएगी। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने कहा गया है कि 100 किलोमीटर के परिसीमन में आंशिक रूप से आने वाली तहसीलों को शामिल करने या बाहर करने का फैसला संबंधित राज्य सरकारों पर छोड़ दिया जाना चाहिए।
2041 तक NCR की जनसंख्या 11 करोड़ होगी
रीजनल प्लान में कहा गया है कि NCR की जनसंख्या 2031 तक करीब 7 करोड़ और 2041 तक लगभग 11 करोड़ तक पहुंच जाएगी। ऐसे में इस क्षेत्र को लगातार विकास के लिए भविष्य के लिए तैयार करने की आवश्यकता है। मालूम हो कि पॉलिसी के लागू होने के बाद हरियाणा और उत्तर प्रदेश में क्रमशः पानीपत और मुजफ्फरनगर के कुछ हिस्सों को नए NCR के मैप से हटा दिया जाएगा। हरियाणा के करनाल, जींद जैसे जिले NCR की सीमा से बाहर हो सकते हैं।
NCR के 5 राज्यों में समान टैक्स पर विचार
ड्राफ्ट में पांचों राज्यों के NCR क्षेत्रों में शहरी परिवहन साधनों जैसे कि बस, टैक्सी, ऑटो आदि में समान टैक्स प्रावधानों पर भी विचार- विमर्श हुआ है। NCR के परिसीमन को छोड़ अन्य ड्राफ्ट प्रस्ताव मंजूर कर दिए गए हैं। इसमें ग्रीन जोन भी शामिल है। नए रीजनल प्लान में हरित क्षेत्र 2021 के अनुसार ही रहेगा। हालांकि इसमें मौजूदा वन और हरित क्षेत्र को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाएगा। मौजूदा वन क्षेत्र 2041 के प्लान में रिजर्व वन क्षेत्र रहेंगे।
NCR से बाहर हो सकते हैं राजस्थान के ये हिस्से
मौजूदा ड्राफ्ट के मुताबिक, NCR के परिसीमन से राजस्थान के अलवर जिले का करीब 70% हिस्सा और भरतपुर जिला पूरी तरह बाहर हो जाएगा। मंगलवार को हुई बैठक में राजस्थान के नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल भी शामिल थे। NCR में अभी 5 राज्यों के 14 जिले शामिल हैं। इनमें सबसे ज्यादा जिले हरियाणा के हैं। इन्हें NCR से बाहर करने की मांग हरियाणा ने प्रमुखता से उठाई थी।