दो लाइन पर 3 डिब्बों वाली 27 मेट्रो चलेंगी:इस महीने के आखिर तक शुरू होगा 8 स्टेशनों का काम, 4 साल रखी गई है पूरा होने की डेडलाइन

भोपाल में दो लाइन पर 3 डिब्बों वालीं 27 मेट्रो चलेंगी। एक मेट्रो की कैपेसिटी 110 लोगों की होगी। मेट्रो ट्रेन, सिग्नलिंग व ट्रेन कंट्रोल कम्युनिकेशन तीनों के इंस्टॉलेशन, ऑपरेशन और मेंटेनेंस का काम एक ही कंपनी को दिया जा रहा है। ज्यादातर शहरों में इन सब कामों और इसके मेंटेनेंस का काम अलग-अलग कंपनियां कर रहीं हैं, लेकिन उसमें आ रही दिक्कतों को देखते हुए केंद्र सरकार ने अब इन कामों को इंटिग्रेशन करने की पॉलिसी बना दी है। इस पूरे काम पर 2145 करोड़ खर्च होंगे।

इसमें मेट्रो ट्रेन का 15 साल और सिग्नलिंग आदि का 7 साल का मेंटेनेंस शामिल है। यदि सब कुछ तय डेडलाइन के हिसाब से हुआ तो दिसंबर के अंतिम हफ्ते में टेंडर ओपन होंगे और अगले साल जनवरी के पहले पखवाड़े में इस पर अंतिम निर्णय हो जाएगा। काम पूरा होने की डेडलाइन 4 साल रखी है।

तमिलनाडु की कंपनी बनाएगी

430 करोड़ में 8 स्टेशन
एम्स से सुभाष नगर तक 6.22 किमी के रूट पर करीब 430 करोड़ में 8 स्टेशन बनेंगे। तमिलनाडु की यूआरसी कंस्ट्रक्शन कंपनी यह स्टेशन बनाएगी। अगले हफ्ते कंपनी को मप्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन एलओआई जारी कर देगी और इस महीने के अंत तक काम शुरू हो सकता है। दो साल में इन्हें बनाने का टारगेट रखा गया है।

बिना ड्राइवर चल सकती है
खास बात यह है कि भोपाल मेट्रो को ड्राइवर लेस चलाया जा सकता है। एमपीएमआरसीएल की एमडी छवि भारद्वाज ने बताया कि इसके लिए सभी सिस्टम को इंटिग्रेड करना होगा। मेट्रो का अॉपरेशन शुरू होने के बाद 2 से 3 साल में यह इंटिग्रेशन हो सकेगा। यानी शुरुआत में मेट्रो में ड्राइवर होगा, लेकिन बाद जरूरत नहीं होगी।

अभी सिविल वर्क में अतिक्रमण बड़ी बाधा

अभी चल रहे 6.22 किमी के मेट्रो रूट के सिविल वर्क में सबसे बड़ी बाधा सुभाष नगर आरओबी के पास फर्नीचर दुकानों का अतिक्रमण व आजाद नगर बस्ती है। इन दोनों बाधाओं को हटाने के लिए अगले हफ्ते बड़ी कार्रवाई होगी।

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