स्वच्छता सर्वेक्षण 2021…:ग्वालियर 2 पायदान फिसला, 10 लाख की आबादी में 13वें से 15वें स्थान पर आया, देश में मिली 42वीं रैंक

  • गार्वेज फ्री सिटी का तमगा मिल गया है अवार्ड लेने निगम आयुक्त पहुंचे……

दिल्ली में स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणाम जारी हो गए हैं। 10 लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों में ग्वालियर की स्वच्छता रैंक 15वीं रही है। बीते वर्ष की तुलना में शहर 2 पायदान नीचे खिसक गया है। बीते वर्ष शहर की रैंक 13वीं थी। इससे शहर वासियों की उम्मीद को गहरा झटका लगा है। सिर्फ गार्वेज फ्री सिटी से ही शहर को संतोष करना पड़ेगा। इतना ही नहीं पूरे देश में कुल शहरों में ग्वालियर 42वें नंबर पर रहा है, जबकि बीते वर्ष 28वीं रैंक पर थे।

प्रदेश का इंदौर इस बार भी टॉप पर रहा है। अफसरों ने काफी प्रयास तो किए, लेकिन मैदानी अमला से समन्वय नहीं होने से रैंक पाने से चूक गए हैं। शनिवार को दिल्ली में ग्वालियर नगर निगम को गार्वेज फ्री सिटी का तमगा जरूर मिल गया है। अवार्ड लेने के लिए नगर निगम आयुक्त किशोर कान्याल, अपर आयुक्त संजय मेहता एवं स्वच्छता के नोडल अधिकारी श्रीकांत काटे दिल्ली में ही हैं।
क्यों पिछड़ा शहर
स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार पिछड़ने का मुख्य कारण यह है कि ग्वालियर में साल भर स्वच्छता काे लेकर प्रयास नहीं किए जाते हैं। जब सर्वे शुरू हाेने वाला हाेता है, इसके पहले नगर निगम के अफसर शहर में सफाई कार्य पर फोकस करना शुरू करते हैं। ऐसे में टीम जब सर्वे के लिए आती है ताे पूरी हकीकत सामने खुल जाती है, जबकि इंदौर एवं अन्य शहरों में साल भर सफाई पर फोकस करने के साथ ही लगातार नवाचार भी किया जाता है।

वॉटर प्लस से चूका पर गार्वेज फ्री हो गया शहर
– स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में ग्वालियर भले ही वाटर प्लस होने से चूक गया हो, लेकिन उसे गार्वेज फ्री सिटी का तमगा जरूर मिल गया है। गार्वेज फ्री सिटी में ग्वालियर को बेहतर स्टार रैंकिंग भी मिलेगी। इस अवार्ड को लेने के लिए नगर निगम अफसर दिल्ली पहुंच गए हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में ग्वालियर ने वाटर प्लस के लिए दावेदारी की थी, लेकिन इस कैटेगरी में आने से ग्वालियर मात्र तीन अंकों से चूक गया था। हालांकि ग्वालियर का ODF प्लस-प्लस का खिताब बरकरार रहा था।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 की तैयारियां शुरू
निगमायुक्त किशोर कान्याल ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। यह सर्वेक्षण फरवरी 2022 से शुरू होगा। आगे शहरवासियों को चार तरह के कचरे को अलग कर टिपर वाहनों में डालने की आदत डलवाई जाएगी। इसके लिए टिपर वाहनों में चार रंग के डिब्बे लगाए जाएंगे। ये डिब्बे हरे, नीले, पीले और काले रंग के होंगे। वर्तमान में हरे और नीले रंग के डिब्बे रखे जा रहे हैं। वर्कशाप ने 150 वाहनों के लिए डिब्बे बनाने के आर्डर दे दिए हैं। चार दिन बाद इन डिब्बों को टिपर वाहनों में लगा दिया जाएगा।अभी तक शहरवासियों को अलग-अलग कचरा डालने की आदत नहीं पड़ पाई हैं। इसके चलते निगमायुक्त ने हर टिपर वाहन में चार तरह के डिब्बे लगाकर कचरा एकत्रित करने के निर्देश दिए हैं। सफाई मित्रों से कहा गया है वे कचरा डालने से पहले शहरवासियों को प्रेरित करें, जिससे वे अलग-अलग डिब्बों में कचरा डालें। जो व्यक्ति ऐसा न करे, उसके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जाए
90 वाहनों में लगेंगे डिब्बे
निगम के पास अभी 190 टिपर वाहन हैं। हर वाहन में चार तरह के डिब्बे लगाए जाएंगे। हरे रंग के डिब्बे में सूखा कचरा डालवाया जाएगा। नीले डिब्बे में गीला कचरा, काले डिब्बे में सेनेट्री पेड, डायपर व मेडिकल बेस्ट डालवाया जाएगा, जबकि पीले डिब्बे में ब्लेड, कील, लोहा, कांच आदि प्रकार के धातु के कचरे को डालवाया जाएगा। इसके कचरे को छांटने में परेशानी नहीं आएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *