UP-TET…साजिश की कहानी गुनहगारों की जुबानी:परीक्षाओं में सेंधमारी करना ही शातिरों का असली धंधा, पास करवाने से नौकरी लगवाने तक लेते हैं ठेका

शिक्षक पात्रता परीक्षा (UP-TET) के पेपर लीक मामले में STF से जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है वो हर परीक्षा में सेंधमारी करने के अभ्यस्त हैं। जिनमे को ऐसे सॉल्वर हैं जो परीक्षा पास करवाने से लेकर नौकरी लगवाने तक का ठेका लेते हैं। इन गुनहगारों की कहानी उनकी जुबानी…..

TET परीक्षा का पेपर लीक के पकड़े गए 29 आरोपियों में कई सरकारी नौकरी कर रहे हैं। जिनमे टीचर से लेकर लैब टेक्नीशियन और अन्य विभागों में तैनात हैं। STF ने इनसे पूछताछ शुरू की तो सबने अपनी-अपनी अलग कहानी बताई। हालांकि पेपर लीक होने का मुख्य स्रोत कहाँ है इसकी जानकारी नही दे पाए।

आवेदन के समय ही अभ्यर्थियों से कर लेते हैं पास कराने का सौदा

STF ने प्रयागराज से सबसे ज्यादा 16 आरोपियों को पकड़ा है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि गिरोह का सरगना राजेन्द्र कुम पटेल, नीरज शुक्ला, चतुर्भुज सिंह हैं। हम लोग प्रतियोगी परीक्षाओं अभ्यर्थियों से पैसा लेकर परीक्षा पास कराने, पेपर आउट कराने का काम कई साल से कर रहे हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की जानकारी जुटाकर आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों से पहले ही संपर्क करते हैं। सौदा होने पर मूल अभ्यर्थी की जगह साल्वर बैठाकर उसे पास करवाते है। केन्द्र पर सेटिंग करने के साथ-साथ पेपर आउट भी करवाते हैं। हर परीक्षा के लिये अलग-अलग रेट से पैसे लिए जाते है। इसमें हमारा साल्वर भी होता है, पेपर आउट कराने वाला भी होता है। फोटो मिक्सिंग कर फर्जी आधार कार्ड, फर्जी एडमिट कार्ड व अन्य आईडी तैयार करने वाला भी है। इस बार 5 साल्वर गया व पटना, बिहार से बुलाये थे। हर सॉल्वर को 20-25 हजार रुपये देने थे। जबकि प्रति अभ्यर्थी 2.5 से 3.5 लाख रूपये लिए गए है।

सुबह 7:33 मिनट पर मोबाइल पर पहुँच गया था प्रश्नपत्र

सत्य प्रकाश सिंह पटेल ने बताया कि मैं 2009 में सहायक अध्यापक के पद पर जनपद बदायूँ में ज्वाइन किया था। 2013 में सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय करियाखुर्द शंकरगढ, प्रयागराज के पद पर ज्वाइन किया। रविवार को साढू के लड़के अभिषेक सिंह और लड़की रेनू को परीक्षा पास कराने के लिए अजय देव सिंह पटेल ढ़ाई-ढाई लाख रूपये पर पेपर आउट कराने तथा साल्वर के लिये तय किया था। अजय देव सिंह ने दोनों के लिये साल्वर उपलब्ध करा दिया था। सुबह 7.33 मिनट पर मेरे मोबाइल पर पेपर भी उपलब्ध भी करा दिया था। जैसे ही मैं अभिषेक सिंह के साथ परीक्षा केन्द्र डीएनएमएस गर्ल्स इण्टर कालेज, झूसी पहुॅचा साल्वर अनुराग कश्यप के साथ पकड़ लिया गया।

खुद की नौकरी लगी तो बन गया सरकारी नौकरियों के सौदागर

लखनऊ से पकड़े गए कौशांबी निवासी रोशन ने बताया कि मंझनपुर, कौशाम्बी में ने लैब टेक्निशियन है। पहले लोगों को संविदा पर नौकरी दिलाता था। 2018 में बलिया निवासी प्रभात कुमार से मिला, जो प्रयागराज में डीजे हास्टल में रहता है। प्रभात के साथ मिलकर प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल कराने का काम करने लगा। टीईटी परीक्षा का पेपर लखनऊ के संतोष कुमार ने मोबाइल पर उपलब्ध कराया था। इस पेपर को प्रति अभ्यर्थी 80 हजार रूपये में बेचना था जिसमें से 50 हजार रूपये संतोष कुमार को देता।

5 लाख रुपए से शुरू हुई थी पेपर की सौदेबाजी

STF ने शामली से रवि, मनीष और धर्मेंद्र को पकड़ा है। आरोपियों ने बताया कि कॉधला थानाक्षेत्र के नाला गाँव निवासी अजय उर्फ बबलू से 5 लाख रुपये में पेपर खरीदा था। लेकिन अजय फरार हो गया है। 27 नवंबर की शाम को अजय ने पेपर उपलब्ध करा दिया था। इसका 9 सेट तैयार करके हमने प्रयागराज के साथियों को भेजा था। प्रति सेट 50 से 60 हजार रुपये मिलना था। हालांकि एसटीएफ ने इस गिरोह के सरगना गौरव को पकड़ लिया है। उससे अभी पूछताछ जारी है।

आगे बढ़ती चेन के हिसाब से लगता गया पेपर का रेट

लखनऊ से अनुराग देश, फौजदार, कौशलन्द्र प्रताप और चन्दू वर्मा को पकड़ा गया है। इन आरोपियों ने बताया कि UP-TET प्रथम पाली का एक पेपर सेट किसी माध्यम से लगभग 4 लाख रूपये में खरीदे थे। जिसकी 7 प्रति बना लिए थे। इन पेपर सेटो को परीक्षा देने वोले अभ्यर्थियों को 30 से 40 हजार रूपये में बेच रहे थे। यह उत्तर कुंजी लगभग 40-50 अभ्यर्थियों को देना था। गोरखपुर से संदीप वर्मा, रमेश गुप्ता व महेश चन्द्र को पकड़ा गया है। इन्होंने बताया कि आरबी एकेडमी इण्टर कालेज, अयोध्या में रंजीत सिंह की।जगह अमन सिंह नाम का साल्वर, आशा बक्स भगवान सिंह महाविद्यालय, दर्शन नगर में अंकित कुमार की जगह के धर्मदास, राम सेवक इण्टर कालेज, दर्शन नगर अयोध्या में अनूप की जगह संतोष कुमार और ग्रामर इण्टर कालेज लालबाग, अयोध्या में प्रबल सिंह चौहान के स्थान पर अजीत वर्मा परीक्षा में बैठाया गया था। रमेश गुप्ता मकरन सिंह इण्टर कालेज शाहजहाँपुर में प्राइवेट टीचर है। इन तीनों की जान पहचान प्रयागराज में पद्माकर के यहाॅ कोचिंग में हुई थी। महेश चन्द्र अभ्यर्थी खोजकर लाता था, उनके स्थान पर साल्वर बैठाता था प्रति अभ्यर्थी एक लाख रूपये लेता था। रमेश 26 नवंबर को पप्पू आर्या के स्थान पर उत्तराखण्ड TET की परीक्षा दे चुका था।

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